झज्जर: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के शुक्रवार को दसवीं कक्षा के नतीजे घोषित हो गए. नतीजों में झज्जर के बेटे हिमांशु ने 500 में से 497 अंक लेकर प्रदेश में अव्वल स्थान हासिल किया है. इस खबर से शहर में खुशी का माहौल है और हिमांशु को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. मूल रुप से झज्जर के गांव भूरावास निवासी हिमांशु के पिता डॉक्टर जयसिंह पेशे से फार्मासिस्ट हैं और उनकी मां वीना देवी डाइटिशियन का काम करती हैं.
'कामयाबी की बुलंदी पाने के लिए एक विषय बार-बार न पढ़ें'
हिमांशु अपनी कामयाबी का श्रेय अपने स्कूल के शिक्षकों के साथ माता और पिता को देता है. उसका कहना है कि स्कूल से आकर सात घंटे की सीटिंग करने के बाद वो इस मुकाम को हासिल कर पाया है. बता दें कि हिमांशु सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखता है. सिर्फ वही ऐप यूज करता है जो पढ़ाई में उसकी मदद करे. हिमांशु का कहना है कि कामयाबी की बुलंदी को पाने की चाहत रखने वाले विद्यार्थियों को एक विषय लगातार नहीं पढ़ना चाहिए बल्कि विषय बदल-बदलकर पढ़ने से अच्छी तरह समझ में आता है.
हिमांशु ने पिता का सपना किया पूरा
उन्होंने बताया कि लगातार पढ़ाई करने से भी बचना चाहिए. बीच-बीच में ब्रेक देकर पढ़ाई करना फायदेमंद रहता है. हिमांशु के पिता डॉक्टर जय सिंह कहते हैं कि वह बचपन में जिंदगी की बुलंदियों को छूने का सपना देखते थे. मगर समय ने उनका साथ नहीं दिया और उसके बाद उसने अपने बच्चों के लिए ये सपना देखा और आज उसके लाडले ने उनका सपना पूरा कर दिखाया.
IAS बनने की चाह रखता है हिमांशु
दसवीं कक्षा में प्रदेश भर में पहला स्थान पाने वाला हिमांशु भविष्य में भूगोल शास्त्री या आईएएस बनने का सपना रखता है. उसका कहना है कि ज्योग्राफिक चैनल पर देखे एक कार्यक्रम से उसकी इच्छा भूगोल शास्त्री बनने की हुई. मगर समाज में फैले भ्रष्टाचार को देखते हुए वो आईएएस भी बनना चाहते हैं. दोनों में से वे किस एक पेशे को चुनेंगे और इसका फैसला वे अभी वक्त पर छोड़ना चाहते हैं.