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ग्रीन कॉरीडोर मामलाः आज 3 जिलों में पंजाब जाने वाली रेल रोकेंगे हरियाणा के किसान

हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन के तहत प्रदेश के किसान आज तीन जगह रेल रोकेंगे. ग्रीन कॉरिडोर में अधिग्रहित जमीन मुआवजे को लेकर किसान रेल रोकने का ऐलान पहले ही कर चुके थे.

रेल रोकेंगे हरियाणा के किसान
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Published : Aug 14, 2019, 9:45 AM IST

झज्जरः ग्रीन कॉरीडोर नेशनल हाईवे में जमीन अधीग्रहण मुआवजे को लेकर हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन में हरियाणा के 10 जिलों के किसान धरने पर बैठ हुए हैं. वहीं देशभर से किसान संगठन भी स्वाभिमान आंदोलन के पक्ष में आ खड़े हुए हैं. इसी कड़ी में पहले ऐलान कर चुके किसान बुधवार को 3 जगहों पर रेल रोकेंगे.

आज रेल रोकने के लिए योजना बनाते किसान, क्लिक कर देखें वीडियो

इकट्ठा हुए किसान

इसी बीच बहादुरगढ़ में आसौदा से दहकोरा जाने वाले रास्ते के पास केएमपी के नीचे रेलवे ट्रैक के पास किसान एकजुट होना शुरू हो गए हैं. वहीं किसानों को रोकने के लिए प्रशासन द्वार भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. जिसके चलते मौके पर भारी संख्या में पुलिस के जवान भी मौजूद हैं.

इन जगहों पर रोकेंगे रेल
अपनी जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों ने बीते दिनों 14 अगस्त से बहादुरगढ़, जुलाना और दादरी में रेल रोकने की चेतावनी दी थी. इस दौरान किसानों को रोकने के लिए सरकारी प्रतिनिधियों से भी उनकी मुलाकात करवाई गई. लेकिन वो बैठक भी फेल साबित हुई.

किसानों की मांगेंः

  • राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी के निर्माण में जमीन अधिग्रहण का उचित मुआवजा
  • एसवाईएल नहर से हरियाणा को उसके अधिकार का पानी दिलाने
  • केएमपी पर दाबोदा के पास कट खोलने की मांग
  • जमीन अधिग्रहण के आर्बिट्रेशन में लंबित मामलों का जल्द निपटारा
  • धरने में शामिल किसान की मौत पर उसके परिवार को एक करोड़ मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग
  • मृतक किसान को शहीद का दर्जा

सरकारी प्रतिनिधियों के साथ बैठक फेल
बता दें कि किसान दादरी, जुलाना और बहादुरगढ़ जिले से पंजाब जाने वाली सभी रेल रोकेंगे. रेल रोको आंदोलन को सफल बनाने के लिए किसानों ने लगातार गुप्त बैठक कर इसकी रणनीति तैयार की. यही नहीं धरनास्थल पर एक किसान की मौत से नाराज किसान 15 अगस्त से मृतक किसान का चित्र लेकर प्रदेश भर में सत्याग्रह यात्रा भी निकलेंगे.

गर्माया किसान की मौत का मामला
जानकारी के मुताबिक खातीवास निवासी 65 वर्षीय किसान धर्मपाल सोमवार सुबह अपने घर से किसानों के धरने में शामिल होने के लिए निकलने की तैयारी कर रहा था. इसी दौरान उसके सीने में दर्द उठा, परिजन कुछ समझ पाते उससे पहले किसान धर्मपाल की मौत हो चुकी थी. अब हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन के किसान सरकार से मृतक के परिवार के लिए उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

क्या है मामला?
बता दें कि जिले की सीमा से 152 डी ग्रीन कॉरिडोर निकल रहा है, जिसमें 17 गांवों के किसानों की 680 एकड़ जमीन आ रही है. इसी को लेकर दादरी जिले के 17 गांवों के किसान 26 फरवरी से गांव रामनगर में मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं. धरना कर रहे किसानों की मांग है कि ग्रीन कॉरिडोर को लेकर अधिग्रहित की गई जमीन का उचित मुआवजा दिया जाए.

झज्जरः ग्रीन कॉरीडोर नेशनल हाईवे में जमीन अधीग्रहण मुआवजे को लेकर हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन में हरियाणा के 10 जिलों के किसान धरने पर बैठ हुए हैं. वहीं देशभर से किसान संगठन भी स्वाभिमान आंदोलन के पक्ष में आ खड़े हुए हैं. इसी कड़ी में पहले ऐलान कर चुके किसान बुधवार को 3 जगहों पर रेल रोकेंगे.

आज रेल रोकने के लिए योजना बनाते किसान, क्लिक कर देखें वीडियो

इकट्ठा हुए किसान

इसी बीच बहादुरगढ़ में आसौदा से दहकोरा जाने वाले रास्ते के पास केएमपी के नीचे रेलवे ट्रैक के पास किसान एकजुट होना शुरू हो गए हैं. वहीं किसानों को रोकने के लिए प्रशासन द्वार भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. जिसके चलते मौके पर भारी संख्या में पुलिस के जवान भी मौजूद हैं.

इन जगहों पर रोकेंगे रेल
अपनी जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों ने बीते दिनों 14 अगस्त से बहादुरगढ़, जुलाना और दादरी में रेल रोकने की चेतावनी दी थी. इस दौरान किसानों को रोकने के लिए सरकारी प्रतिनिधियों से भी उनकी मुलाकात करवाई गई. लेकिन वो बैठक भी फेल साबित हुई.

किसानों की मांगेंः

  • राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी के निर्माण में जमीन अधिग्रहण का उचित मुआवजा
  • एसवाईएल नहर से हरियाणा को उसके अधिकार का पानी दिलाने
  • केएमपी पर दाबोदा के पास कट खोलने की मांग
  • जमीन अधिग्रहण के आर्बिट्रेशन में लंबित मामलों का जल्द निपटारा
  • धरने में शामिल किसान की मौत पर उसके परिवार को एक करोड़ मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग
  • मृतक किसान को शहीद का दर्जा

सरकारी प्रतिनिधियों के साथ बैठक फेल
बता दें कि किसान दादरी, जुलाना और बहादुरगढ़ जिले से पंजाब जाने वाली सभी रेल रोकेंगे. रेल रोको आंदोलन को सफल बनाने के लिए किसानों ने लगातार गुप्त बैठक कर इसकी रणनीति तैयार की. यही नहीं धरनास्थल पर एक किसान की मौत से नाराज किसान 15 अगस्त से मृतक किसान का चित्र लेकर प्रदेश भर में सत्याग्रह यात्रा भी निकलेंगे.

गर्माया किसान की मौत का मामला
जानकारी के मुताबिक खातीवास निवासी 65 वर्षीय किसान धर्मपाल सोमवार सुबह अपने घर से किसानों के धरने में शामिल होने के लिए निकलने की तैयारी कर रहा था. इसी दौरान उसके सीने में दर्द उठा, परिजन कुछ समझ पाते उससे पहले किसान धर्मपाल की मौत हो चुकी थी. अब हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन के किसान सरकार से मृतक के परिवार के लिए उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

क्या है मामला?
बता दें कि जिले की सीमा से 152 डी ग्रीन कॉरिडोर निकल रहा है, जिसमें 17 गांवों के किसानों की 680 एकड़ जमीन आ रही है. इसी को लेकर दादरी जिले के 17 गांवों के किसान 26 फरवरी से गांव रामनगर में मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं. धरना कर रहे किसानों की मांग है कि ग्रीन कॉरिडोर को लेकर अधिग्रहित की गई जमीन का उचित मुआवजा दिया जाए.

Intro:ग्रीन कारिडोर की अधिग्रहीत जमीन मामला:-
: धरनारत एक ओर किसान की मौत, धरनारत किसानों का फैसला, रेल रोकेंगे
: न्याय ना मिलने तक नही करेंगे अंतिम संस्कार, गांव-गांव निकालेगें पदयात्रा
: अधिग्रहीत जमीन को लेकर जिले में चार किसानों की मौत
चरखी दादरी। ग्रीन कारिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर धरनारत किसान 14 अगस्त को पंजाब की ओर जाने वाली रेलों को रोकेंगे। वहीं धरने पर आने से किसान की मौत का मामला भी गहराता जा रहा है। जहां किसान परिवार ने न्याय नहीं मिलने तक अंतिम संस्कार नहीं करने का निर्णय लिया वहीं किसानों ने समर्थन में आते हुए शहीद का दर्जा, एक करोड़ मुआवजा व नौकरी की मांग की है। साथ ही धरनास्थल पर रेल रोकने की अंतिम रणनीति तैयार की। Body:किसानों के संघर्ष में सक्रिया भूमिका निभा रहे गांव खातीवास निवासी किसान धर्मपाल का सोमवार को हृदय गति रुकने से देहांत हो गया था। मृतक किसान के परिजनों ने इसके लिए सरकार को दोषी बताया है। परिवार का कहना है कि मृतक के 6 बेटे है तथा जीवन व्यापन के लिए खेती पर ही आश्रित है। ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी के निर्माण में हो रहे ज़मीन अधिग्रहण में मृतक किसान के परिवार की सारी ज़मीन का अधिग्रहण हो रहा है। वही दूसरी तरफ सरकार द्वारा ज़मीन का मुआवज़ा भी उचितय नही दिया जा रहा है। जिसके कारण मृतक लंबे समय से काफी मानसिक दबाव में था कि अब परिवार का गुज़ारा कैसे होगा। इसी मानसिक दबाव के चलते हृदयगति रुकने से उसकी मृत्यु हो गई।
किसान नेता रमेश दलाल ने गांव रामनगर में धरने को संबोधित करते हुए कहा कि मृतक के परिवार के लिए 1 करोड़ मुआवज़ा, सरकारी नौकरी व मृतक के लिए शहीद के दर्जे की मांग की थी। जब तक आंदोलन की सभी मांगे व मृतक से संबंधित मांगे पूरी नहीं हो जाती, वह ना तो प्रशासन से मृतक का पार्थिव शरीर लेंगे और ना ही उनका अंतिम संस्कार करेंगे। मृतक के परिजनों ने मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार, चरखी दादरी उपायुक्त व पीजीआई रोहतक के निदेशक को इस संदर्भ में पत्र लिख कर अपना फैसला स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसान धर्मपाल की शहादत को खराब नही जाने देंगे तथा धर्मपाल की शहादत पर किसानों के न्याय की नींव रखी जाएगी। रमेश दलाल ने बताया कि वह इस संदर्भ में बुधवार को एक बड़ा ऐलान करने जा रहे है।
विजवल:-1
चरखी दादरी के रामनगर मे चल रहे किसानों का धरना, धरने पर बैठे लोगों को संबोधित करते किसान नेता व अन्य कट शाटस
बाईट:-2
किसान नेता, रमेश दलाल Conclusion:ग्रीन कारिडोर की अधिग्रहीत जमीन मामला:-
: धरनारत एक ओर किसान की मौत, धरनारत किसानों का फैसला, रेल रोकेंगे
: न्याय ना मिलने तक नही करेंगे अंतिम संस्कार, गांव-गांव निकालेगें पदयात्रा
: अधिग्रहीत जमीन को लेकर जिले में चार किसानों की मौत
चरखी दादरी। ग्रीन कारिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर धरनारत किसान 14 अगस्त को पंजाब की ओर जाने वाली रेलों को रोकेंगे। वहीं धरने पर आने से किसान की मौत का मामला भी गहराता जा रहा है। जहां किसान परिवार ने न्याय नहीं मिलने तक अंतिम संस्कार नहीं करने का निर्णय लिया वहीं किसानों ने समर्थन में आते हुए शहीद का दर्जा, एक करोड़ मुआवजा व नौकरी की मांग की है। साथ ही धरनास्थल पर रेल रोकने की अंतिम रणनीति तैयार की।
किसानों के संघर्ष में सक्रिया भूमिका निभा रहे गांव खातीवास निवासी किसान धर्मपाल का सोमवार को हृदय गति रुकने से देहांत हो गया था। मृतक किसान के परिजनों ने इसके लिए सरकार को दोषी बताया है। परिवार का कहना है कि मृतक के 6 बेटे है तथा जीवन व्यापन के लिए खेती पर ही आश्रित है। ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी के निर्माण में हो रहे ज़मीन अधिग्रहण में मृतक किसान के परिवार की सारी ज़मीन का अधिग्रहण हो रहा है। वही दूसरी तरफ सरकार द्वारा ज़मीन का मुआवज़ा भी उचितय नही दिया जा रहा है। जिसके कारण मृतक लंबे समय से काफी मानसिक दबाव में था कि अब परिवार का गुज़ारा कैसे होगा। इसी मानसिक दबाव के चलते हृदयगति रुकने से उसकी मृत्यु हो गई।
किसान नेता रमेश दलाल ने गांव रामनगर में धरने को संबोधित करते हुए कहा कि मृतक के परिवार के लिए 1 करोड़ मुआवज़ा, सरकारी नौकरी व मृतक के लिए शहीद के दर्जे की मांग की थी। जब तक आंदोलन की सभी मांगे व मृतक से संबंधित मांगे पूरी नहीं हो जाती, वह ना तो प्रशासन से मृतक का पार्थिव शरीर लेंगे और ना ही उनका अंतिम संस्कार करेंगे। मृतक के परिजनों ने मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार, चरखी दादरी उपायुक्त व पीजीआई रोहतक के निदेशक को इस संदर्भ में पत्र लिख कर अपना फैसला स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसान धर्मपाल की शहादत को खराब नही जाने देंगे तथा धर्मपाल की शहादत पर किसानों के न्याय की नींव रखी जाएगी। रमेश दलाल ने बताया कि वह इस संदर्भ में बुधवार को एक बड़ा ऐलान करने जा रहे है।
विजवल:-1
चरखी दादरी के रामनगर मे चल रहे किसानों का धरना, धरने पर बैठे लोगों को संबोधित करते किसान नेता व अन्य कट शाटस
बाईट:-2
किसान नेता, रमेश दलाल
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