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रजिस्ट्री पर लगी रोक से हर रोज झज्जर की तहसीलों में हो रहा है 3 करोड़ का नुकसान - government lost revenue by registry haryana

रजिस्ट्रियों मे लगी रोक और सॉफ्टवेयर की तकनीकि खराबी की वजह से सरकार को झज्जर जिले से ही करीब हर रोज 3 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. रजिस्ट्री ना होने से जनता को भी परेशानियों हो रही हैं.

government lost revenue due to the closure of registry in haryana
रजिस्ट्री पर लगी रोक से हर रोज झज्जर से हो रहा है सरकार को 3 करोड़ का नुकसान
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Published : Aug 25, 2020, 7:29 PM IST

झज्जर: प्रदेशभर में रजिस्ट्रियों पर रोक ने सरकार के रेवेन्यू को काफी नुकसान पहुंचा दिया है. अगर अकेले बहादुरगढ़ की बात करें तो हर रोज रजिस्ट्रियों के एवज में सरकार को एक से डेढ़ करोड़ का रेवेन्यू मिलता था. झज्जर जिले में पांच तहसील है. इन पांचों तहसीलों को मिला लें तो हर रोज करीब 3 करोड़ का नुकसान और पूरे महीने में करीब 90 करोड़ का नुकसान सरकार को हो रहा है. इसके पीछे के कारण रजिस्ट्रियों पर रोक और नए सॉफ्टवेयर में आ रही तकनीकि अड़चनें हैं.

रजिस्ट्री पर लगी रोक से हर रोज झज्जर से हो रहा है सरकार को 3 करोड़ का नुकसान

कोरोना संक्रमण के दौरान शराब घोटाला और रजिस्ट्री घोटाला सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा. जिसके कारण प्रदेशभर में रजिस्ट्रियों को महीनेभर से बंद रखा गया. कुछ जगहों पर रजिस्ट्रियां शुरू भी हुई, लेकिन इक्का दुक्का ही हो रही हैं. नया सॉफ्टवेयर भी रजिस्ट्रियों में अड़चन बन रहा है. जिसकी वजह से सरकार को घाटा झेलने पड़ रहा है.

झज्जर जिले में पाचं तहसील हैं. इनमें अकेले बहादुरगढ़ से सरकार को हर रोज 1 से डेढ़ करोड़ का रेवेन्यू स्टाम्प डयूटी के एवज में मिलता था. अगर बात प्रदेशभर की 93 तहसीलों की करें तो आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकार को कितना नुकसान उठाना पड़ रहा है.

दरअसल सरकार ने रजिस्ट्रियों में रिश्वतखोरी खत्म करने के लिए और अवैध कॉलोनियों को रोकने के चक्कर में पूरा सिस्टम ही रोक दिया है. इसके लिए सरकार की ओर से नया सॉफ्टवेयर लगाया गया है. इस सॉफ्टवेयर में बहादुरगढ़ तहसील के 49 गावों को कंट्रोल एरिया में दिखा दिया है. जिसके कारण बहादुरगढ़ तहसील के एक भी गांव की रजिस्ट्रिी नहीं हो रही है साथ ही कोई टोकन भी नहीं कट रहा.

ये भी पढ़ें:-हरियाणा के इस संस्थान ने बदल दी देसी गाय की नस्लें, देने लगी रिकॉर्ड दूध

हालांकि 17 अगस्त से गांवों की रजिस्ट्री सरकार शुरू करवा चुकी है. सरकार के लेवल पर अब केवल शहरों की रजिस्ट्रियां खुलना बाकि है. तहसील के सभी गांवों को कंट्रोल एरिया में दिखाने का काम जिला नगर योजनाकार के कारण हुआ है. तहसीलदार कनब लाकड़ा ने बताया कि जब तक कंट्रोल एरिया से गांवों को नहीं हटाया जाता तब तक रजिस्ट्रियां नहीं हो पाएंगी.

झज्जर: प्रदेशभर में रजिस्ट्रियों पर रोक ने सरकार के रेवेन्यू को काफी नुकसान पहुंचा दिया है. अगर अकेले बहादुरगढ़ की बात करें तो हर रोज रजिस्ट्रियों के एवज में सरकार को एक से डेढ़ करोड़ का रेवेन्यू मिलता था. झज्जर जिले में पांच तहसील है. इन पांचों तहसीलों को मिला लें तो हर रोज करीब 3 करोड़ का नुकसान और पूरे महीने में करीब 90 करोड़ का नुकसान सरकार को हो रहा है. इसके पीछे के कारण रजिस्ट्रियों पर रोक और नए सॉफ्टवेयर में आ रही तकनीकि अड़चनें हैं.

रजिस्ट्री पर लगी रोक से हर रोज झज्जर से हो रहा है सरकार को 3 करोड़ का नुकसान

कोरोना संक्रमण के दौरान शराब घोटाला और रजिस्ट्री घोटाला सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा. जिसके कारण प्रदेशभर में रजिस्ट्रियों को महीनेभर से बंद रखा गया. कुछ जगहों पर रजिस्ट्रियां शुरू भी हुई, लेकिन इक्का दुक्का ही हो रही हैं. नया सॉफ्टवेयर भी रजिस्ट्रियों में अड़चन बन रहा है. जिसकी वजह से सरकार को घाटा झेलने पड़ रहा है.

झज्जर जिले में पाचं तहसील हैं. इनमें अकेले बहादुरगढ़ से सरकार को हर रोज 1 से डेढ़ करोड़ का रेवेन्यू स्टाम्प डयूटी के एवज में मिलता था. अगर बात प्रदेशभर की 93 तहसीलों की करें तो आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकार को कितना नुकसान उठाना पड़ रहा है.

दरअसल सरकार ने रजिस्ट्रियों में रिश्वतखोरी खत्म करने के लिए और अवैध कॉलोनियों को रोकने के चक्कर में पूरा सिस्टम ही रोक दिया है. इसके लिए सरकार की ओर से नया सॉफ्टवेयर लगाया गया है. इस सॉफ्टवेयर में बहादुरगढ़ तहसील के 49 गावों को कंट्रोल एरिया में दिखा दिया है. जिसके कारण बहादुरगढ़ तहसील के एक भी गांव की रजिस्ट्रिी नहीं हो रही है साथ ही कोई टोकन भी नहीं कट रहा.

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हालांकि 17 अगस्त से गांवों की रजिस्ट्री सरकार शुरू करवा चुकी है. सरकार के लेवल पर अब केवल शहरों की रजिस्ट्रियां खुलना बाकि है. तहसील के सभी गांवों को कंट्रोल एरिया में दिखाने का काम जिला नगर योजनाकार के कारण हुआ है. तहसीलदार कनब लाकड़ा ने बताया कि जब तक कंट्रोल एरिया से गांवों को नहीं हटाया जाता तब तक रजिस्ट्रियां नहीं हो पाएंगी.

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