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झज्जर: किसानों का 15 अगस्त को रेल रोकने का एलान, सरकार को दिया रात तक का वक्त

झज्जर में धरने पर बैठे किसानों ने 15 अगस्त को तिरंगा हाथ में लेकर रेल रोकने का एलान कर दिया है. पुलिस प्रशासन के साथ बातचीत विफल होने के बाद किसानों ने ये फैसला लिया और साथ ही आज रात साढ़े 10 बजे तक प्रशासन को मांगों पर निर्णय लेने का वक्त दिया है.

farmers train protest
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Published : Aug 14, 2019, 6:59 PM IST

झज्जर: जमीन अधिग्रहण के मुआवजे, बहादुरगढ़ में आर जोन और केएमपी से लेकर दिल्ली सीमा तक सड़क के साथ डाबौदा गांव में केएमपी पर कट खोलने जैसी 25 मांगों को लेकर किसान आन्दोलन कर रहे हैं. आन्दोलन की इसी कड़ी में हरियाणा स्वाभिमान आन्दोलन के बैनर तले किसानों ने 15 अगस्त के दिन रेल रोकने का एलान कर दिया है.

किसानों का 15 अगस्त को रेल रोकने का एलान.

बुधवार को किसान आसौदा गांव से रोहद जाने वाली सड़क पर केएमपी के पास इकठ्ठा भी हुए लेकिन भारी पुलिस बल की मौजूदगी के कारण किसान रेल नहीं रोक पाए. इसी कारण किसानों ने रेल ट्रैक से करीब 300 मीटर दूर केएमपी पुल के नीचे धरना शुरू कर दिया.

पहले एसडीएम और डीएसपी ने किसानों से बात की लेकिन बात नहीं बन पाई. उसके बाद डीसी और एसपी ने करीब आधा घंटा किसानों से उनकी मांगों पर बात की लेकिन फिर भी बात नहीं बनी.

जिला उपायुक्त संजय जून ने बहादुरगढ़ से सम्बंधित दोनों मांगों को सरकार के पास भेजने की बात कही, लेकिन किसान चाहते थे कि बहादुरगढ़ की मांगों को पूरा करने की हां जिला उपायुक्त करें और बाकि मांगों को पूरा कराने के लिए प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखा जाए जिस पर सहमति नहीं बन पाई.

वार्ता विफल होने के बाद किसानों ने एक बार फिर से पंचायत की. पंचायत में प्रशासन और सरकार को आज रात साढ़े 10 बजे तक का समय मांगों को पूरा करने के लिए दिया गया है. हरियाणा स्वाभिमान आन्दोलन के अध्यक्ष रमेश दलाल का कहना है कि अगर रात साढ़े 10 बजे तक मांग नहीं मानी गई तो 15 अगस्त को तिरंगा हाथ में लेकर किसान रेल को रोक देंगे और जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

झज्जर: जमीन अधिग्रहण के मुआवजे, बहादुरगढ़ में आर जोन और केएमपी से लेकर दिल्ली सीमा तक सड़क के साथ डाबौदा गांव में केएमपी पर कट खोलने जैसी 25 मांगों को लेकर किसान आन्दोलन कर रहे हैं. आन्दोलन की इसी कड़ी में हरियाणा स्वाभिमान आन्दोलन के बैनर तले किसानों ने 15 अगस्त के दिन रेल रोकने का एलान कर दिया है.

किसानों का 15 अगस्त को रेल रोकने का एलान.

बुधवार को किसान आसौदा गांव से रोहद जाने वाली सड़क पर केएमपी के पास इकठ्ठा भी हुए लेकिन भारी पुलिस बल की मौजूदगी के कारण किसान रेल नहीं रोक पाए. इसी कारण किसानों ने रेल ट्रैक से करीब 300 मीटर दूर केएमपी पुल के नीचे धरना शुरू कर दिया.

पहले एसडीएम और डीएसपी ने किसानों से बात की लेकिन बात नहीं बन पाई. उसके बाद डीसी और एसपी ने करीब आधा घंटा किसानों से उनकी मांगों पर बात की लेकिन फिर भी बात नहीं बनी.

जिला उपायुक्त संजय जून ने बहादुरगढ़ से सम्बंधित दोनों मांगों को सरकार के पास भेजने की बात कही, लेकिन किसान चाहते थे कि बहादुरगढ़ की मांगों को पूरा करने की हां जिला उपायुक्त करें और बाकि मांगों को पूरा कराने के लिए प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखा जाए जिस पर सहमति नहीं बन पाई.

वार्ता विफल होने के बाद किसानों ने एक बार फिर से पंचायत की. पंचायत में प्रशासन और सरकार को आज रात साढ़े 10 बजे तक का समय मांगों को पूरा करने के लिए दिया गया है. हरियाणा स्वाभिमान आन्दोलन के अध्यक्ष रमेश दलाल का कहना है कि अगर रात साढ़े 10 बजे तक मांग नहीं मानी गई तो 15 अगस्त को तिरंगा हाथ में लेकर किसान रेल को रोक देंगे और जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

Intro:15 अगस्त को तिरंगा हाथ में लेकर रेल रोकेंगे किसान।
वार्ता विफल होने के बाद पंचायत में लिया गया निर्णय।
आज रात साढ़े 10 बजे तक प्रसाशन को मांगो पर निर्णय लेने का दिया वक़्त।
हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन के बैनर तले किसान कर रहे आंदोलन।
आसौदा से रोहद जाने वाली सड़क पर केएमपी पुल के नीचे धरना दे रहे हैं किसान।
डीसी और एसपी से वार्ता विफल होने के बाद हुई थी किसानो की पंचायत।Body:किसानों और पुलिस प्रशासन की बातचीत विफल होने के बाद अब किसानों ने कल तिरंगा हाथ में लेकर रेल रोकने का एलान कर दिया है। दरअसल जमीन अधिग्रहण के मुआवजे, बहादुरगढ़ में आर जोन और केएमपी से लेकर दिल्ली सीमा तक सड़क के साथ डाबौदा गांव में केएमपी पर कट खोलने जैसी 25 मांगो को लेकर किसान आन्दोलन कर रहे हैं। आन्दोलन की इसी कड़ी में आज हरियाणा स्वाभिमान आन्दोलन के बैनर तले किसानों ने रेल रोकने की चेतावनी दी थी। किसान आसौदा गांव से रोहद जाने वाली सड़क पर केएमपी के पास इकठ्ठा भी हुये लेकिन भारी पुलिसबल की मौजूदगी के कारण किसान रेल नही रोक पाये। इसी कारण किसानों ने रेल ट्रैक से करीब 300 मीटर दूर केएमपी पुल के नीचे धरना षुरू कर दिया। पहले एसडीएम और डीएसपी ने किसानों से बात की लेकिन बात नही बन पाई। उसके बाद डीसी और एसपी ने करीब आधा घंटा किसानों से उनकी मांगो पर बात की लेकिन फिर भी बात नही बनी । जिला उपायुक्त संजय जून ने बहादुरगढ़ से सम्बंधित दोनों मांगो को सरकार के पास भेजने की बात कही। लेकिन किसान चाहते थे कि बहादुरगढ़ की मांगो को पूरा करने की हां जिला उपायुक्त करें और बाकि मांगो को पूरा कराने के लिये प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखा जाये। जिस पर सहमति नही बन पाई। वार्ता विफल होने के बाद किसानों ने एक बार फिर से पंचायत की । पंचायत में प्रशासन और सरकार को आज रात साढ़े 10 बजे तक का समय मांगो को पूरा करने के लिये दिया गया है। हरियाणा स्वाभिमान आन्दोलन के अध्यक्ष रमेष दलाल का कहना है कि अगर रात साढ़े 10 बजे तक मांग नही मानी गई तो कल तिरंगा हाथ में लेकर किसान रेल को रोक देंगे और जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
हालांकि आज दिन भर किसानों और प्रशासन के बीच रेल रोकने को लेकर लुका छिपी का खेल ही देखने को मिला है। किसान नेता रमेश दलाल भी रेल रोकने को लेकर गंभीर नजर नही आये और पुलिस प्रशासन भी किसानों को मनाने के लिये गंभीर नजर नही आया। सत्य ये भी है कि सरकार के किसी मंत्री या नेता को भी किसानों के आन्दोलन को लेकर कोई फिक्र नही है। और षायद सरकार के इसी रवैये के कारण ही प्रशासन भी आन्दोलन को लेकर गंभीर नही है।
बाईट:- संजय जून जिला उपायुक्त और रमेश दलाल किसान नेता
प्रदीप धनखड़
बहादुरगढ़। Conclusion:आज दिन भर किसानों और प्रशासन के बीच रेल रोकने को लेकर लुका छिपी का खेल ही देखने को मिला है। किसान नेता रमेश दलाल भी रेल रोकने को लेकर गंभीर नजर नही आये और पुलिस प्रशासन भी किसानों को मनाने के लिये गंभीर नजर नही आया। सत्य ये भी है कि सरकार के किसी मंत्री या नेता को भी किसानों के आन्दोलन को लेकर कोई फिक्र नही है। और षायद सरकार के इसी रवैये के कारण ही प्रशासन भी आन्दोलन को लेकर गंभीर नही है।
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