झज्जर: टिकरी बॉर्डर पर लंबे समय से टीकाकरण का विरोध कर रहे आंदोलनरत किसान आखिरकार कोरोना वैक्सीन लगवाने पर सहमत हो गए हैं. जिला प्रशासन कोविड की वैक्सीन लगवाने के लिए किसानों को मनाने में कामयाब होता दिखाई दिया.
शुक्रवार देर शाम को टिकरी बॉर्डर पर आंदोलनरत 10 किसानों ने कोविड वैक्सीन की पहली खुराक ली. हालांकि वैक्सीन हजारों किसानों में से केवल 10 किसानों ने ही ली है, लेकिन यह एक अच्छा प्रयास है कि कुछ किसान सामने आए और उन्होंने कोरोना वैक्सीन लगवाई.
बता दें कि लगातार जिला प्रशासन आंदोलनरत किसानों के साथ बैठक कर रहा था. अन्य मुद्दों के साथ कोरोना वैक्सीन लगवाने का भी एक अहम मुद्दा था. जिस पर सहमति नहीं बन पा रही थी, लेकिन गुरुवार को हुई बैठक में किसानों ने स्पष्ट कहा कि कोई भी किसान अपनी मर्जी से तो वैक्सीन लगवा सकता है. लेकिन प्रशासन किसी के साथ जबरदस्ती नहीं करेगा.
इसी कड़ी में शनिवार देर शाम टिकरी बॉर्डर से 10 किसान कोरोना की खुराक लेने के लिए आगे आए और उन्होंने टीकाकरण करवाया. खैर ये अच्छे संकेत हैं कि बॉर्डर पर आंदोलनरत किसान देर से ही सही पर इस महामारी पर रोक लगाने लिए तो आगे आए.
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किसानों के इस कदम पर सिविल सर्जन डॉ. संजय दहिया ने कहा कि डॉक्टरों की एक टीम लगातार किसानों के साथ संपर्क में थी और उन्हें टीकाकरण के लिए प्रेरित किया. यह अच्छा है कि कुछ किसान आगे आए हैं. उम्मीद है कि और भी किसान सामने आएंगे और इस महामारी को रोकने में उनका सहयोग करेंगे.
बता दें कि लगातार टिकरी बॉर्डर पर पंजाब से किसानों के जत्थे आ रहे थे और लगातार बॉर्डर पर किसानों की संख्या बढ़ती जा रही थी. जिसको लेकर प्रशासन काफी चिंतित था. सबको यह अंदेशा था कि कभी भी बॉर्डर पर कोरोना बम फूट सकता है. जिसको लेकर लगातार प्रशासन किसानों के संपर्क में था.
2 दिन पहले ही टिकरी बॉर्डर पर कोरोना वैक्सीन बूथ स्थापित किया गया था, लेकिन कोई भी किसान वैक्सीन लगवाने के लिए आगे नहीं आ रहा था लेकिन अब 10 किसान इस वैक्सीन को लगवाने के लिए सहमत हुए हैं.
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