झज्जर: हरियाणा के किसानों को अपने फसलों की बिक्री के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है. जब किसान अपनी फसल बिक्री के लिए लेकर जाते हैं तो उन्हें मंडियों में किस तरह की मुसीबत का सामना करना पड़ता है ईटीवी भारत इसकी पड़ताल कर रहा है.
ईटीवी भारत की टीम पहुंची झज्जर अनाज मंडी
अपने कार्यक्रम 'मुसीबत की मंडी' के तहत ईटीवी भारत की टीम आज झज्जर के अनाज मंडी पहुंची तो देखा कि यहां बाजरे की खरीद रोक दी गई है. जिससे किसानों और आढ़तियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
शेड्यूल जारी करने के बाद भी बंद की गई खरीद
आढ़तियों का कहना है कि सरकार ने 15 नवंबर तक बाजरे की खरीद करने का आदेश जारी किया था और उसके अनुसार प्रशासन की तरफ से गांव का शेड्यूल भी तैयार किया था. उसके हिसाब से बाजरे की खरीद की जा रही थी. लेकिन सरकार ने अचानक बाजरे की खरीद बंद कर दी है.
खुले में पड़ा किसानों का बाजरा
किसानों का कहना है कि अनाज मंडी से बाजरे का उठान नहीं होने के कारण और दूसरी अनाज मंडियों से बाजरा आने की वजह से यहां मंडी पूरी तरह से भर गई है. यहां पर बाजरा डालने के लिए जगह तक नहीं है. झज्जर की अनाज मंडी में बाजरा करीब 40 हजार कट्टे पड़ा है. खरीद एजेंसी के नियमानुसार बाजरे का भंडार होने के बाद ही उसकी राशि का भुगतान किया जाता है. लेकिन बाजरे का उठान न होने की वजह से उनका भंडार नहीं हो पा रहा है और किसानों को राशि मिलने का इंतजार करना पड़ रहा है.
अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं
वहीं खरीद रुकने से बहुत सारे किसानों की फसल अब तक मंडी तक नहीं पहुंची है. किसानों ने बाजरे की खुली खरीद करवाने की मांग की है. वहीं कोई भी अधिकारी इस संबंध में कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.
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