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अनाज मंडी से नहीं हो रहा बाजरे का उठान, भंडारण की भी व्यवस्था नहीं - झज्जर बाजरे का उठान बंद

मुसीबत से जूझ रही मंडियों की पड़ताल करने के लिए ईटीवी भारत की टीम झज्जर अनाज मंडी के दौरे पर निकली. जहां किसानों ने मंडी को लेकर कई बड़े खुलासे किए.

मुसीबत की मंडी
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Published : Nov 16, 2019, 9:07 AM IST

Updated : Nov 16, 2019, 12:57 PM IST

झज्जर: हरियाणा के किसानों को अपने फसलों की बिक्री के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है. जब किसान अपनी फसल बिक्री के लिए लेकर जाते हैं तो उन्हें मंडियों में किस तरह की मुसीबत का सामना करना पड़ता है ईटीवी भारत इसकी पड़ताल कर रहा है.

ईटीवी भारत की टीम पहुंची झज्जर अनाज मंडी
अपने कार्यक्रम 'मुसीबत की मंडी' के तहत ईटीवी भारत की टीम आज झज्जर के अनाज मंडी पहुंची तो देखा कि यहां बाजरे की खरीद रोक दी गई है. जिससे किसानों और आढ़तियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

मंडियों की समस्याओं पर देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट.

शेड्यूल जारी करने के बाद भी बंद की गई खरीद
आढ़तियों का कहना है कि सरकार ने 15 नवंबर तक बाजरे की खरीद करने का आदेश जारी किया था और उसके अनुसार प्रशासन की तरफ से गांव का शेड्यूल भी तैयार किया था. उसके हिसाब से बाजरे की खरीद की जा रही थी. लेकिन सरकार ने अचानक बाजरे की खरीद बंद कर दी है.

खुले में पड़ा किसानों का बाजरा
किसानों का कहना है कि अनाज मंडी से बाजरे का उठान नहीं होने के कारण और दूसरी अनाज मंडियों से बाजरा आने की वजह से यहां मंडी पूरी तरह से भर गई है. यहां पर बाजरा डालने के लिए जगह तक नहीं है. झज्जर की अनाज मंडी में बाजरा करीब 40 हजार कट्टे पड़ा है. खरीद एजेंसी के नियमानुसार बाजरे का भंडार होने के बाद ही उसकी राशि का भुगतान किया जाता है. लेकिन बाजरे का उठान न होने की वजह से उनका भंडार नहीं हो पा रहा है और किसानों को राशि मिलने का इंतजार करना पड़ रहा है.

अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं
वहीं खरीद रुकने से बहुत सारे किसानों की फसल अब तक मंडी तक नहीं पहुंची है. किसानों ने बाजरे की खुली खरीद करवाने की मांग की है. वहीं कोई भी अधिकारी इस संबंध में कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

ये भी पढ़ें: कुरुक्षेत्र मंडी में कई-कई दिन से पड़े किसान फिर नहीं मिल रहे उचित दाम, देखें रिपोर्ट

झज्जर: हरियाणा के किसानों को अपने फसलों की बिक्री के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है. जब किसान अपनी फसल बिक्री के लिए लेकर जाते हैं तो उन्हें मंडियों में किस तरह की मुसीबत का सामना करना पड़ता है ईटीवी भारत इसकी पड़ताल कर रहा है.

ईटीवी भारत की टीम पहुंची झज्जर अनाज मंडी
अपने कार्यक्रम 'मुसीबत की मंडी' के तहत ईटीवी भारत की टीम आज झज्जर के अनाज मंडी पहुंची तो देखा कि यहां बाजरे की खरीद रोक दी गई है. जिससे किसानों और आढ़तियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

मंडियों की समस्याओं पर देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट.

शेड्यूल जारी करने के बाद भी बंद की गई खरीद
आढ़तियों का कहना है कि सरकार ने 15 नवंबर तक बाजरे की खरीद करने का आदेश जारी किया था और उसके अनुसार प्रशासन की तरफ से गांव का शेड्यूल भी तैयार किया था. उसके हिसाब से बाजरे की खरीद की जा रही थी. लेकिन सरकार ने अचानक बाजरे की खरीद बंद कर दी है.

खुले में पड़ा किसानों का बाजरा
किसानों का कहना है कि अनाज मंडी से बाजरे का उठान नहीं होने के कारण और दूसरी अनाज मंडियों से बाजरा आने की वजह से यहां मंडी पूरी तरह से भर गई है. यहां पर बाजरा डालने के लिए जगह तक नहीं है. झज्जर की अनाज मंडी में बाजरा करीब 40 हजार कट्टे पड़ा है. खरीद एजेंसी के नियमानुसार बाजरे का भंडार होने के बाद ही उसकी राशि का भुगतान किया जाता है. लेकिन बाजरे का उठान न होने की वजह से उनका भंडार नहीं हो पा रहा है और किसानों को राशि मिलने का इंतजार करना पड़ रहा है.

अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं
वहीं खरीद रुकने से बहुत सारे किसानों की फसल अब तक मंडी तक नहीं पहुंची है. किसानों ने बाजरे की खुली खरीद करवाने की मांग की है. वहीं कोई भी अधिकारी इस संबंध में कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

ये भी पढ़ें: कुरुक्षेत्र मंडी में कई-कई दिन से पड़े किसान फिर नहीं मिल रहे उचित दाम, देखें रिपोर्ट

Intro:झज्जर अनाज मंडी में बाजरे की खरीद नहीं होने से किसान परेशान
15 नवंबर तक चलने वाली खरीद सिर्फ 8 नवंबर तक ही की गई
कई गांव के किसानों की फसलें अब तक नहीं पहुंच पाई मंडी
खरीद रुकने से किसानों में रोष
बाजरे की खुली खरीद करवाने की मांगBody:झज्जर अनाज मंडी में सरकारी खरीद एजेंसियों की ओर से बाजरे की खरीद रोक दी गई है। साथ ही अनाज मंडी से बाजरे का उठान नहीं होने के कारण किसानों और आढ़तियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खरीद रुकने से कई गांव के किसानों की फसलें मंडी तक नहीं पहुंच पाई सरकार ने 1 अक्टूबर से 15 नवंबर तक का बाजरा खरीदने के लिए रोस्टर तैयार किया था लेकिन 8 नवंबर को ही बाजरे की खरीद रोक दी गई थी। जिससे किसान और आढ़ती परेशान हैं।अनाज मंडी से बाजरे का उठान न होने के कारण और दूसरी अनाज मंडियों से बाजरा आने की वजह से मंडी पूरी तरह से भर गई है यहां पर बाजरा डालने के लिए जगह तक नहीं है झज्जर की अनाज मंडी में करीब 40 हजार कट्टे बाजरा पड़ा है। खरीद एजेंसी के नियमानुसार बाजरे का भंडार होने के बाद ही उसकी राशि का भुगतान किया जाता है। लेकिन बाजरे का उठान न होने की वजह से उनका भंडार नहीं हो पा रहा है और किसानों को राशि मिलने का इंतजार करना पड़ रहा है। इस बार बाजरे का उठाने होने की वजह से किसानों को राशि का भुगतान नहीं हो पाया है और वह बाजरा बेचने के बाद भी राशि मिलने का इंतजार कर रहे हैं। खरीद एजेंसियों की तरफ तरफ से बाजरे का उठान नहीं किया जाने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। झज्जर अनाज मंडी प्रधान सतबीर आढ़ती ने बताया कि बाजरे का उठान न होने की वजह से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं मंडी में बाजरा डालने की जगह भी नहीं बची है। झज्जर की मंडी का बाजरा उठाया नहीं जा रहा है और दूसरी मंडियों से लाकर यहां पर बाजरे का भंडार किया जा रहा है। जबकि अधिकारी हमारी एक तक नहीं सुनते। मंडी में आढ़ती के चकर लगा रहे किसान ने बताया की हमारी रोजी रोटी खेती है फसल पैदा होगी फसल अनाज मंडी में बेच दी लेकिन भुगतान अभी तक नहीं मिला हैं। वहीं खरीद रुकने से बहुत सारे किसानों की बाजरे की फसल अब तक मंडी तक नहीं पहुंची। किसानों ने बाजरे की खुली खरीद करवाने की मांग की है। वहीं कोई भी अधिकारी इस सम्बंध में कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
बाइट:- सतबीर और राजेश।
प्रदीप धनखड़
झज्जर।Conclusion: सरकार ने 1 अक्टूबर से 15 नवंबर तक का बाजरा खरीदने के लिए रोस्टर तैयार किया था लेकिन 8 नवंबर को ही बाजरे की खरीद रोक दी गई थी। जिससे किसान और आढ़ती परेशान हैं।अनाज मंडी से बाजरे का उठान न होने के कारण और दूसरी अनाज मंडियों से बाजरा आने की वजह से मंडी पूरी तरह से भर गई है यहां पर बाजरा डालने के लिए जगह तक नहीं है झज्जर की अनाज मंडी में करीब 40 हजार कट्टे बाजरा पड़ा है। खरीद एजेंसी के नियमानुसार बाजरे का भंडार होने के बाद ही उसकी राशि का भुगतान किया जाता है। लेकिन बाजरे का उठान न होने की वजह से उनका भंडार नहीं हो पा रहा है
Last Updated : Nov 16, 2019, 12:57 PM IST
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