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Earthquake in haryana: नए साल पर हिली हरियाणा की धरती, झज्जर में महसूस किए गए भूकंप के झटके

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों देर रात करीब 1.19 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. नए साल पर हरियाणा के झज्जर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तिव्रता 3.8 मापी गई है. (Earthquake in jhajjar)

Earthquake in jhajjar
झज्जर में महसूस किए गए भूंकप के झटके
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Published : Jan 1, 2023, 6:42 AM IST

Updated : Jan 1, 2023, 9:18 AM IST

झज्जर: नए साल पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. हरियाणा के झज्जर में नए साल पर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि देर रात करीब 1.19 बजे 3.8 तीव्रता का भूकंप आया. इसका केंद्र हरियाणा के झज्जर में था. इसकी गहराई जमीन से 5 किमी नीचे थी. रहात की बात यह है कि अभी तक भूकंप से किसी के हताहत होने की खबर नहीं हैं. वहीं, भूकंप के झटके महसूस होने के बाद से क्षेत्र में नव वर्ष मना रहे लोग जरूर सहम गए. इससे पहले दिल्ली में 29 नवंबर 2022 को रिक्ट स्केल पर 2.5 और 12 नवंबर को 5.4 तीव्रता का भूकंप आया था. भूकंप का केंद्र नेपाल था. (Earthquake in jhajjar ) ( new year 2023)

क्यों आता है भूकंपः हिमालय की टेक्टोनिक प्लेटों में होने वाले बदलावों की वजह से यहां झटके लगते रहते हैं. हिमालय के नीचे लगातार हो रही हलचल से धरती पर दबाव बढ़ता है जो भूकंप की शक्ल लेता है. धरती के नीचे छोटी मोटी हलचल से बड़े भूकंप का खतरा टला नहीं है. ऐसे में भविष्य में बड़ा भूकंप आने की आशंका है. (Earthquake in Haryana)

एशियाई भूकंपीय आयोग सिंगापुर की चेतावनी गंभीर है: हिमालय रीजन में पिछले लंबे समय से छोटे भूकंप जरूर आ रहे हैं, लेकिन बड़ा भूकंप नहीं आया है. अगर 1905 में हिमाचल के कांगड़ा में आए भूकंप की बात करें तो उस भूकंप की तीव्रता 7.8 रिक्टर स्केल पर थी. वहीं, नेपाल में आए भूकंप के बाद से उत्तर पश्चिमी हिमालय रीजन में कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है. अब ऐसे में वैज्ञानिक इस बात का दावा जरूर कर रहे हैं कि क्षेत्र में यानी उत्तराखंड रीजन में बड़ा भूकंप आ सकता है. लेकिन कब आएगा यह तय नहीं है. लेकिन आएगा जरूर, इस बात का दावा जरूर कर रहे हैं.

दरअसल भूकंपीय क्षेत्र का उपयोग उस क्षेत्र का वर्णन करने के लिए किया जाता है जहां भूकंप केंद्रित होते हैं. भूकंप एक टेक्टोनिक गति है जो पृथ्वी के आंतरिक भाग के अंदर अंतर्जात (पृथ्वी के भीतर उत्पन्न) तापीय स्थितियों के कारण होती है जो पृथ्वी की सतह परत के माध्यम से प्रेषित होती हैं. भारतीय मानक ब्यूरो ने देश को चार भूकंपीय क्षेत्रों अर्थात जोन- II, जोन- III, जोन- IV और जोन-V में बांटा है. इन सभी चार क्षेत्रों में से जोन-V सबसे अधिक भूकंपीय सक्रिय क्षेत्र है जबकि जोन-II सबसे कम है. (earthquake tremors felt in haryana)

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में महसूस हुए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 3.1 रही तीव्रता

झज्जर: नए साल पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. हरियाणा के झज्जर में नए साल पर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि देर रात करीब 1.19 बजे 3.8 तीव्रता का भूकंप आया. इसका केंद्र हरियाणा के झज्जर में था. इसकी गहराई जमीन से 5 किमी नीचे थी. रहात की बात यह है कि अभी तक भूकंप से किसी के हताहत होने की खबर नहीं हैं. वहीं, भूकंप के झटके महसूस होने के बाद से क्षेत्र में नव वर्ष मना रहे लोग जरूर सहम गए. इससे पहले दिल्ली में 29 नवंबर 2022 को रिक्ट स्केल पर 2.5 और 12 नवंबर को 5.4 तीव्रता का भूकंप आया था. भूकंप का केंद्र नेपाल था. (Earthquake in jhajjar ) ( new year 2023)

क्यों आता है भूकंपः हिमालय की टेक्टोनिक प्लेटों में होने वाले बदलावों की वजह से यहां झटके लगते रहते हैं. हिमालय के नीचे लगातार हो रही हलचल से धरती पर दबाव बढ़ता है जो भूकंप की शक्ल लेता है. धरती के नीचे छोटी मोटी हलचल से बड़े भूकंप का खतरा टला नहीं है. ऐसे में भविष्य में बड़ा भूकंप आने की आशंका है. (Earthquake in Haryana)

एशियाई भूकंपीय आयोग सिंगापुर की चेतावनी गंभीर है: हिमालय रीजन में पिछले लंबे समय से छोटे भूकंप जरूर आ रहे हैं, लेकिन बड़ा भूकंप नहीं आया है. अगर 1905 में हिमाचल के कांगड़ा में आए भूकंप की बात करें तो उस भूकंप की तीव्रता 7.8 रिक्टर स्केल पर थी. वहीं, नेपाल में आए भूकंप के बाद से उत्तर पश्चिमी हिमालय रीजन में कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है. अब ऐसे में वैज्ञानिक इस बात का दावा जरूर कर रहे हैं कि क्षेत्र में यानी उत्तराखंड रीजन में बड़ा भूकंप आ सकता है. लेकिन कब आएगा यह तय नहीं है. लेकिन आएगा जरूर, इस बात का दावा जरूर कर रहे हैं.

दरअसल भूकंपीय क्षेत्र का उपयोग उस क्षेत्र का वर्णन करने के लिए किया जाता है जहां भूकंप केंद्रित होते हैं. भूकंप एक टेक्टोनिक गति है जो पृथ्वी के आंतरिक भाग के अंदर अंतर्जात (पृथ्वी के भीतर उत्पन्न) तापीय स्थितियों के कारण होती है जो पृथ्वी की सतह परत के माध्यम से प्रेषित होती हैं. भारतीय मानक ब्यूरो ने देश को चार भूकंपीय क्षेत्रों अर्थात जोन- II, जोन- III, जोन- IV और जोन-V में बांटा है. इन सभी चार क्षेत्रों में से जोन-V सबसे अधिक भूकंपीय सक्रिय क्षेत्र है जबकि जोन-II सबसे कम है. (earthquake tremors felt in haryana)

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में महसूस हुए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 3.1 रही तीव्रता

Last Updated : Jan 1, 2023, 9:18 AM IST
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