झज्जर: किसान नेता राकेश टिकैत लगातार किसान महापंचायत हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों में भी कर रहे हैं, लेकिन टिकैत सबसे ज्यादा एक्टिव हरियाणा में दिख रहे हैं. वैसे तो हरियाणा में किसान आंदोलन की बागडोर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के हाथों में थी और यूपी की राकेश टिकैत के हाथ में, लेकिन चढूनी के हाथों से हरियाणा की बागडोर धीरे-धीरे खिसकती जा रही है. अब हरियाणा में राकेश टिकैत का कद लगातार बढ़ रहा है.
यही कारण है कि चढूनी और टिकैत में दूरी बढ़ती जा रही है. इसकी बानगी देखने को मिली है बहादुरगढ़ में हुई महापंचायत में. इस महापंचायत में गुरनाम सिंह चढूनी और किसान नेता राकेश टिकैत के अलावा दर्शन पाल और तमाम नेता मौजूद थे, लेकिन इस दौरान कुछ ऐसा देखा गया कि मंच पर ना तो किसान नेताओं की आपस में नजरें मिली और ना ही विचार मिले.
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मीडिया से बात करते हुए भी चढूनी और टिकैत ने अलग-अलग बयान दिए. राकेश टिकैत अपने बयान में आंदोलन को 2 अक्टूबर तक ले जाने की बात करते नजर आए तो वहीं गुरनाम सिंह चन्नी ने बयान को पूरी तरह से निराधार करार देते हुए कहा कि ये बयान पूरी तरह से गलत है और ये संयुक्त किसान मोर्चा का बयान नहीं है.
चढूनी और टिकैत के अलग-अलग बयान
इतना ही नही चढूनी जहां हरियाणा सरकार को गिराने का बयान देते नजर आए तो वहीं टिकैत ने कहा कि सरकार गिरना उनका मकसद नहीं है. उनका लक्ष्य कानून रद्द करवाना है.