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किसानों के समर्थन में टिकरी बॉर्डर पहुंचे DU के प्रोफेसर

दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर भी किसानों का समर्थन करने पहुंचे. उन्होंने किसानों के लिए खाने-पीने के व्यवस्था की है. उन्होंने कहा कि ये लड़ाई अब सिर्फ किसानों की नहीं है. हर वर्ग इन कृषि कानूनों के विरोध में है.

delhi university professor tikri border
किसानों के समर्थन में टिकरी बॉर्डर पहुंचे DU के प्रोफेसर
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Published : Dec 8, 2020, 2:08 PM IST

झज्जर: भारत बंद का असर दिल्ली टिकरी बॉर्डर पर भी काफी देखा गया. तमाम किसान संगठन टिकरी बॉर्डर पर पहुंचे, जहां उन्होंने पहले से ही वहां पर मौजूद किसानों को अपना समर्थन किया. इसके अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटी से कुछ प्रोफेसर भी किसान आंदोलन का समर्थन करने टिकरी बॉर्डर पहुंचे.

भारत बंद को लेकर किसानों का कहना था कि आंदोलन में सिर्फ किसान नहीं बल्कि व्यापारी, मजदूर, गरीब हर कोई शामिल है. आज पूरी तरह से भारत बंद है, इसकी जिम्मेवार भारत सरकार है और ये आंदोलन अब रुकने वाला नहीं है. सरकार को हर हाल में काले कानून रद्द करने पड़ेंगे. उसके बाद ही किसान सड़कों से उठकर अपने पिंड की ओर चलेंगे. अगर ये काले कानून रद्द नहीं होते हैं तो किसान यहां आखरी सांस तक डटे रहेंगे.

किसानों के समर्थन में टिकरी बॉर्डर पहुंचे DU के प्रोफेसर

किसानों ने कहा कि आज केवल पंजाब का किसान नहीं बल्कि राजस्थान, यूपी और दिल्ली के अलावा तमाम राज्य का किसान सड़कों पर हैं. सरकार इस गलतफहमी में ना रहे ये आंदोलन सिर्फ पंजाब के किसानों का है.

वहीं दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर भी किसानों का समर्थन करने पहुंचे. उन्होंने किसानों के लिए खाने-पीने के व्यवस्था की है. उन्होंने कहा कि ये लड़ाई अब सिर्फ किसानों की नहीं है. हर वर्ग इन कृषि कानूनों के विरोध में है. उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ और सिर्फ किसानों का मन टटोल रही है. सरकार कानून वापस लेना नहीं चाहती है, अगर ऐसा होता तो इतने दौर की बातचीत नहीं होती.

झज्जर: भारत बंद का असर दिल्ली टिकरी बॉर्डर पर भी काफी देखा गया. तमाम किसान संगठन टिकरी बॉर्डर पर पहुंचे, जहां उन्होंने पहले से ही वहां पर मौजूद किसानों को अपना समर्थन किया. इसके अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटी से कुछ प्रोफेसर भी किसान आंदोलन का समर्थन करने टिकरी बॉर्डर पहुंचे.

भारत बंद को लेकर किसानों का कहना था कि आंदोलन में सिर्फ किसान नहीं बल्कि व्यापारी, मजदूर, गरीब हर कोई शामिल है. आज पूरी तरह से भारत बंद है, इसकी जिम्मेवार भारत सरकार है और ये आंदोलन अब रुकने वाला नहीं है. सरकार को हर हाल में काले कानून रद्द करने पड़ेंगे. उसके बाद ही किसान सड़कों से उठकर अपने पिंड की ओर चलेंगे. अगर ये काले कानून रद्द नहीं होते हैं तो किसान यहां आखरी सांस तक डटे रहेंगे.

किसानों के समर्थन में टिकरी बॉर्डर पहुंचे DU के प्रोफेसर

किसानों ने कहा कि आज केवल पंजाब का किसान नहीं बल्कि राजस्थान, यूपी और दिल्ली के अलावा तमाम राज्य का किसान सड़कों पर हैं. सरकार इस गलतफहमी में ना रहे ये आंदोलन सिर्फ पंजाब के किसानों का है.

वहीं दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर भी किसानों का समर्थन करने पहुंचे. उन्होंने किसानों के लिए खाने-पीने के व्यवस्था की है. उन्होंने कहा कि ये लड़ाई अब सिर्फ किसानों की नहीं है. हर वर्ग इन कृषि कानूनों के विरोध में है. उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ और सिर्फ किसानों का मन टटोल रही है. सरकार कानून वापस लेना नहीं चाहती है, अगर ऐसा होता तो इतने दौर की बातचीत नहीं होती.

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