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दीपेंद्र हुड्डा ने साधा बीजेपी-जेजेपी गठबंधन पर निशाना, बोले- ये स्वार्थी गठबंधन है - दीपेंद्र हुड्डा जेजेपी-बीजेपी गठबंधन

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी सरकार पर जम कर निशाना साधा. उनका कहना है कि बीजेपी ने जेजेपी के साथ निजी स्वार्थ के चलते गठबंधन किया है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर

deepender singh hooda said bjp-jjp alliance is selfish
दीपेंद्र हुड्डा ने साधा बीजेपी-जेजेपी गठबंधन पर निशाना
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Published : Jan 2, 2020, 10:21 PM IST

झज्जर: पूर्व सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने एक बार फिर से बीजेपी-जेजेपी गठबंधन पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि हाल ही में हुए विस चुनाव में जनभावना खट्टर सरकार को बाहर का रास्ता दिखाने की थी,लेकिन जेजेपी ने जनभावनाओं के विरुद्ध भाजपा से समझौता कर लिया.

उन्होंने कहा कि सरकार की कार्यशैली का फेस उसकी सरकार के मंत्री होते है, लेकिन जिस सरकार के 12 में से 8 मंत्री विस चुनाव हार जाए तो उससे साफ पता चलता है कि सरकार ने अपने कार्यकाल में जनहित को नहीं बल्कि निजी हित को प्राथमिकता दी है.

दीपेंद्र हुड्डा ने साधा बीजेपी-जेजेपी गठबंधन पर निशाना, देखिए वीडियो

उन्होंने यह भी कहा कि इन चुनावों में कांग्रेस पार्टी को भाजपा के मुकाबले केवल 4200 वोट कम मिले है, लेकिन अगर दो करोड़ मतदाताओं की तरफ से प्रयोग किए गए मतदान में कांग्रेस को 42 सौ वोट ज्यादा मिल जाते तो कांग्रेस सबसे बड़ा दल उभर कर सामने आती. पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के साथ पहुंचे. दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी का गठबंधन स्थाई गठबंधन न होकर लूट-खसोट का गठबंधन है. उन्होंने प्रदेश और केन्द्र की सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया.

'यह गठबंधन स्वार्थी गठबंधन है'
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है, कृषि पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. सरकार की इससे ज्यादा और क्या विफलता होगी कि ढाई माह गुजरने के बाद भी सरकार अपना कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तय नहीं कर पाई है, लेकिन जनता को भी पता है कि स्थाई गठबंधन का दावा करने वाला यह गठबंधन स्वार्थी गठबंधन है और ज्यादा दिन टिकने वाला नहीं है.

झज्जर: पूर्व सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने एक बार फिर से बीजेपी-जेजेपी गठबंधन पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि हाल ही में हुए विस चुनाव में जनभावना खट्टर सरकार को बाहर का रास्ता दिखाने की थी,लेकिन जेजेपी ने जनभावनाओं के विरुद्ध भाजपा से समझौता कर लिया.

उन्होंने कहा कि सरकार की कार्यशैली का फेस उसकी सरकार के मंत्री होते है, लेकिन जिस सरकार के 12 में से 8 मंत्री विस चुनाव हार जाए तो उससे साफ पता चलता है कि सरकार ने अपने कार्यकाल में जनहित को नहीं बल्कि निजी हित को प्राथमिकता दी है.

दीपेंद्र हुड्डा ने साधा बीजेपी-जेजेपी गठबंधन पर निशाना, देखिए वीडियो

उन्होंने यह भी कहा कि इन चुनावों में कांग्रेस पार्टी को भाजपा के मुकाबले केवल 4200 वोट कम मिले है, लेकिन अगर दो करोड़ मतदाताओं की तरफ से प्रयोग किए गए मतदान में कांग्रेस को 42 सौ वोट ज्यादा मिल जाते तो कांग्रेस सबसे बड़ा दल उभर कर सामने आती. पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के साथ पहुंचे. दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी का गठबंधन स्थाई गठबंधन न होकर लूट-खसोट का गठबंधन है. उन्होंने प्रदेश और केन्द्र की सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया.

'यह गठबंधन स्वार्थी गठबंधन है'
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है, कृषि पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. सरकार की इससे ज्यादा और क्या विफलता होगी कि ढाई माह गुजरने के बाद भी सरकार अपना कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तय नहीं कर पाई है, लेकिन जनता को भी पता है कि स्थाई गठबंधन का दावा करने वाला यह गठबंधन स्वार्थी गठबंधन है और ज्यादा दिन टिकने वाला नहीं है.

Intro:दीपेन्द्र बोले
: चुनाव में 42सौ वोट मिलते ज्यादा तो कांग्रेस होती सबसे बड़ा दल
कहा: खट्टर सरकार को सत्ता से बाहर करने की थी जनभावना
: सरकार की कार्यशैली का फेस,12 में से हारे दस मंत्री
: हरियाणा मेें स्थाई नहीं बल्कि लूट,खसोट का है सरकार में गठबंधन
Body:कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य व पूर्व सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने एक बार फिर से भाजपा-जेजेपी गठबंधन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि हाल ही में हुए विस चुनाव में जनभावना खट्टर सरकार को बाहर का रास्ता दिखाने की थी,लेकिन जेजेपी ने जनभावनाओं के विरुद्ध भाजपा से समझौता कर लिया। उन्होंने कहा कि सरकार की कार्यशैली का फेस उसकी सरकार के मंत्री होते है। लेकिन जिस सरकार के 12 में से 8 मंत्री विस चुनाव हार जाए तो उससे साफ पता चलता है कि सरकार ने अपने कार्यकाल में जनहित को नहीं बल्कि निजि हित को प्राथमिकता दी है। दीपेन्द्र झज्जर के मॉडल टाऊन में आयोजित एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि इन चुनावों में कांग्रेस पार्टी को भाजपा के मुकाबले केवल 42 सौ वोट कम मिले है। लेकिन यदि दो करोड़ मतदाताओं द्वारा प्रयोग किए गए मतदान में कांग्रेस को 42 सौ वोट ज्यादा मिल जाते तो कांग्रेस सबसे बड़ा दल उभर कर सामने आती। पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के साथ पहुंचे दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में भाजपा-जेजेपी का गठबंधन स्थाई गठबंधन न होकर लूट-खसोट का गठबंधन है। उन्होंने प्रदेश व केन्द्र की सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी
है,कृषि संकट के बादल मंडरा रहे है। सरकार की इससे ज्यादा ओर क्या विफलता होगी कि ढाई माह गुजरने के बाद भी सरकार अपना कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तय नहीं कर पाई है। लेकिन जनता को भी पता है कि स्थाई गठबंधन का दावा करने वाला यह गठबंधन स्वार्थी गठबंधन है और ज्यादा दिन टिकने वाला नही है। उन्होंने इस मौके पर केक काटकर जनता को नव वर्ष की बंधाई दी। इस मौके पर उनके साथ पूर्व सांसद के मीडिया प्रभारी एडवोकेट विकास अहलावत,सुनील जाखड़,सुभाष गुज्जर,पूर्व पार्षद शिशुपाल मलिक, नाहर सिंह यादव भी मौजूद
थे।
बाइट- दीपेंद्र हुडा पूर्व सासंद कांग्रेस
प्रदीप धनखड़
झज्जर।Conclusion:विस चुनाव में जनभावना खट्टर सरकार को बाहर का रास्ता दिखाने की थी,लेकिन जेजेपी ने जनभावनाओं के विरुद्ध भाजपा से समझौता कर लिया। उन्होंने कहा कि सरकार की कार्यशैली का फेस उसकी सरकार के मंत्री होते है। लेकिन जिस सरकार के 12 में से 8 मंत्री विस चुनाव हार जाए तो उससे साफ पता चलता है कि सरकार ने अपने कार्यकाल में जनहित को नहीं बल्कि निजि हित को प्राथमिकता दी है।
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