झज्जर: पूर्व सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने एक बार फिर से बीजेपी-जेजेपी गठबंधन पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि हाल ही में हुए विस चुनाव में जनभावना खट्टर सरकार को बाहर का रास्ता दिखाने की थी,लेकिन जेजेपी ने जनभावनाओं के विरुद्ध भाजपा से समझौता कर लिया.
उन्होंने कहा कि सरकार की कार्यशैली का फेस उसकी सरकार के मंत्री होते है, लेकिन जिस सरकार के 12 में से 8 मंत्री विस चुनाव हार जाए तो उससे साफ पता चलता है कि सरकार ने अपने कार्यकाल में जनहित को नहीं बल्कि निजी हित को प्राथमिकता दी है.
उन्होंने यह भी कहा कि इन चुनावों में कांग्रेस पार्टी को भाजपा के मुकाबले केवल 4200 वोट कम मिले है, लेकिन अगर दो करोड़ मतदाताओं की तरफ से प्रयोग किए गए मतदान में कांग्रेस को 42 सौ वोट ज्यादा मिल जाते तो कांग्रेस सबसे बड़ा दल उभर कर सामने आती. पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के साथ पहुंचे. दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी का गठबंधन स्थाई गठबंधन न होकर लूट-खसोट का गठबंधन है. उन्होंने प्रदेश और केन्द्र की सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया.
'यह गठबंधन स्वार्थी गठबंधन है'
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है, कृषि पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. सरकार की इससे ज्यादा और क्या विफलता होगी कि ढाई माह गुजरने के बाद भी सरकार अपना कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तय नहीं कर पाई है, लेकिन जनता को भी पता है कि स्थाई गठबंधन का दावा करने वाला यह गठबंधन स्वार्थी गठबंधन है और ज्यादा दिन टिकने वाला नहीं है.