झज्जर: कोरोना के बीच अब देश में बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ गया है. आए दिन कहीं ना कहीं से बर्ड फ्लू फैलने की खबरें आ रही है. हरियाणा के पंचकूला में भी बर्ड फ्लू ने पैर पसार लिया है. जिसके चलते सरकार की तरफ से 1.3 लाख मुर्गों को मारने के आदेश दिए गए हैं. प्रदेश के सभी जिलों के डीएफओ को निर्देश है कि वे पक्षियों पर नजर रखें. आपात स्थिति में उनके सैंपल लेकर जांच कराएं, ताकि उनकी मौत के कारण का पता चल सके.
अब झज्जर में स्थिति ये है कि यहां विदेशों से 80 हजार की संख्या में पक्षी मौजूद हैं, लेकिन इनकी निगरानी व सुरक्षा के लिए एक भी गार्ड की तैनाती नहीं है. गार्डों की कमी होने के चलते झज्जर जिले में बर्ड फ्लू फैलने का खतरा पनपने लगा है. इस झील के चारों तरफ 12 गांव लगते हैं., जो हर रोज झील में आते-जाते रहते हैं. ऐसे में विदेशी पक्षियों के बीच झील के आसपास के गांव में बर्ड फ्लू फैलने का ज्यादा खतरा है.
एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है भिंडावास
बता दें कि, जिले में एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित भिंडावास झील है. जो प्रदेश ही नहीं देश के प्रमुख वेटलैंड में शुमार है. यहां हर साल हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं. जिनमें यूरोप के देशों व हिमालय की तलहटी में बसने वाले पक्षियों की संख्या ज्यादा रहती है. इसके अलावा, पिछले 7 से 8 साल में डीघल, मांडाैठी, धौड़ गांव और एनटीपीसी के तालाब प्रवासी पक्षियों का नया बसेरा बन चुके हैं.
गार्डों की कमी से जूझ रहा है भिंडावास झील
अब एनटीपीसी को छोड़ दिया जाए, तो बाकी स्थानों पर इन पक्षियों की सुरक्षा के लिए जिले के वन्य प्राणी विभाग में एक भी गार्ड तैनात नहीं है. पिछले साल जिन गार्डों की सेवानिवृत्ति हुई या तबादले हुए. उसके बाद कोई नई नियुक्ति नहीं हो सकी. स्थानीय वन्य प्राणी विभाग के स्टाफ की मानें तो जिले में कम से कम 3 गार्ड की जरूरत है. ताकि बर्ड फ्लू से संबंधित गाइडलाइन का पालन किया जा सके.
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दो अधिकारियों के भरोसे है झज्जर का वन्य प्राणी विभाग
इंस्पेक्टर देवेंद्र हुड्डा ने बताया कि वन्य प्राणी विभाग झज्जर में सुरक्षा गार्ड नहीं होने की सूरत में एक गार्ड का तबादला रोहतक से झज्जर किया गया है. इसके आदेश दिसंबर माह में हुए थे, लेकिन अभी तक सुरक्षा गार्ड ने झज्जर में आकर रिपोर्टिंग नहीं दी है. वन्य प्राणी विभाग में एक भी गार्ड की तैनाती नहीं है. जबकि पक्षियों की निगरानी, उनकी सुरक्षा समेत पक्षियों के मेडिकल ट्रीटमेंट व अन्य विभागीय कार्य का जिम्मा स्वयं इंस्पेक्टर देवेंद्र हुड्डा और सब इंस्पेक्टर सतवीर के ही भरोसे हैं.
लिहाजा ये दोनों ही अफसर किसी एक स्थान पर जाते हैं, तब दूसरी जगह सुरक्षा की दृष्टि से खाली रहती है. पक्षियों की निगरानी और सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्डों की कमी है. उन्होंने बताया कि हमने राज्य सरकार व उच्च अधिकारियों को इस बाबत पत्र लिखा है.