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बहादुरगढ़ की BDPO की मनमानी ! एसडीएम और डीसी के भी नहीं उठाती फोन

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Published : Aug 17, 2020, 4:18 PM IST

बहादुरगढ़ की खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) की मनमानी सामने आई है. लोगों की समस्या का समाधान कराने के लिए एसडीएम और डीसी बार-बार बीडीपीओ को फोन करते हैं, लेकिन वे फोन नहीं उठाती. तंग आकर एसडीएम सोमवार को खुद बीडीपीओ दफ्तर पहुंचे.

bahadurgarh SDM visit BDPO office
bahadurgarh SDM visit BDPO office

झज्जर: बहादुरगढ़ में खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कौन हैं, ये खुद खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को भी नहीं पता है. है ना चौकाने वाली बात. लेकिन ये सच है और ये टका सा जवाब एसडीएम को दिया गया है. दरअसल बीडीपीओ दीपिका शर्मा ना तो डीसी ऑफिस के फोन उठाती हैं और ना ही एसडीएम के. दफ्तर में जो शिकायत या काम के सिलसिले में लोग आते हैं उन्हें दफ्तर से बाहर निकाल देती हैं.

एसडीएम हितेंद्र शर्मा ने जब फोन किया तो उनका फोन काट दिया. मजबूर होकर सोमवार को वो खुद बीडीपीओ ऑफिस पहुंचे तो बीडीपीओ महोदया ने उन्हें टका सा जवाब दे दिया और कहा कि जो नम्बर उनके फोन में सेव नहीं है वो नम्बर वो उठाती ही नहीं हैं.

बीडीपीओ द्वारा फोन ना उठाने पर एसडीएम सोमवार को खुद बीडीपीओ दफ्तर पहुंचे.

बीडीपीओ महोदया से एसडीएम ने पूछा कि बीडीपीओ का क्या काम होता है, ट्रेनिंग में नहीं सिखाया गया तो फिर से वही टका सा जवाब दिया कि नहीं सिखाया और नहीं पता. स्वतंत्रता दिवस की बैठक हो या डीसी की बुलाई मीटिंग मैडम बीडीपीओ जाती ही नहीं हैं. एसडीएम को सा- साफ कहती हैं कि दफ्तर का काम पंचायत अफसर संभालता है और वो कुछ देर के लिए दफ्तर आती हैं और बैठकर फिर चली जाती हैं.

ये भी पढ़ें- पंचकूला: 24 घंटे में चार कोरोना मरीजों की मौत, 56 नए मामले भी सामने आए

एसडीएम ने जब पूछा कि आपको काम नहीं करना तो उन्होंने रिजाइन लिखने के लिए अपने पर्स से कॉपी निकाल ली. एसडीएम महोदय भी मैडम बीडीपीओ के जवाब सुनकर चकित हो गए. उनको भी कुछ कहते सुनते नहीं बना. मजबूरी में गांवों की समस्या के समाधान के लिए एसडीएम ने पंचायत अफसर को हिदायतें देनी पड़ी.

एसडीएम हितेंद्र शर्मा ने इस मामले को लेकर कहा कि पानी निकासी की समस्या का समाधान करने के लिए बार-बार बीडीपीओ से सम्पर्क किया, लेकिन उन्होंने ना तो फोन उठाये और ना कोई काम किया. इसलिए अब कार्रवाई की जा रही है और जिला उपायुक्त को इस बारे में पूरी रिपोर्ट दी जाएगी.

ये भी पढ़ें- अंबाला के अरुण पर को-वैक्सीन का दो बार ट्रायल, नहीं दिखा दुष्प्रभाव

झज्जर: बहादुरगढ़ में खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कौन हैं, ये खुद खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को भी नहीं पता है. है ना चौकाने वाली बात. लेकिन ये सच है और ये टका सा जवाब एसडीएम को दिया गया है. दरअसल बीडीपीओ दीपिका शर्मा ना तो डीसी ऑफिस के फोन उठाती हैं और ना ही एसडीएम के. दफ्तर में जो शिकायत या काम के सिलसिले में लोग आते हैं उन्हें दफ्तर से बाहर निकाल देती हैं.

एसडीएम हितेंद्र शर्मा ने जब फोन किया तो उनका फोन काट दिया. मजबूर होकर सोमवार को वो खुद बीडीपीओ ऑफिस पहुंचे तो बीडीपीओ महोदया ने उन्हें टका सा जवाब दे दिया और कहा कि जो नम्बर उनके फोन में सेव नहीं है वो नम्बर वो उठाती ही नहीं हैं.

बीडीपीओ द्वारा फोन ना उठाने पर एसडीएम सोमवार को खुद बीडीपीओ दफ्तर पहुंचे.

बीडीपीओ महोदया से एसडीएम ने पूछा कि बीडीपीओ का क्या काम होता है, ट्रेनिंग में नहीं सिखाया गया तो फिर से वही टका सा जवाब दिया कि नहीं सिखाया और नहीं पता. स्वतंत्रता दिवस की बैठक हो या डीसी की बुलाई मीटिंग मैडम बीडीपीओ जाती ही नहीं हैं. एसडीएम को सा- साफ कहती हैं कि दफ्तर का काम पंचायत अफसर संभालता है और वो कुछ देर के लिए दफ्तर आती हैं और बैठकर फिर चली जाती हैं.

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एसडीएम ने जब पूछा कि आपको काम नहीं करना तो उन्होंने रिजाइन लिखने के लिए अपने पर्स से कॉपी निकाल ली. एसडीएम महोदय भी मैडम बीडीपीओ के जवाब सुनकर चकित हो गए. उनको भी कुछ कहते सुनते नहीं बना. मजबूरी में गांवों की समस्या के समाधान के लिए एसडीएम ने पंचायत अफसर को हिदायतें देनी पड़ी.

एसडीएम हितेंद्र शर्मा ने इस मामले को लेकर कहा कि पानी निकासी की समस्या का समाधान करने के लिए बार-बार बीडीपीओ से सम्पर्क किया, लेकिन उन्होंने ना तो फोन उठाये और ना कोई काम किया. इसलिए अब कार्रवाई की जा रही है और जिला उपायुक्त को इस बारे में पूरी रिपोर्ट दी जाएगी.

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