झज्जर: हरियाणा के जिला झज्जर में गुलिया खाप ने एक बार फिर ये साबित कर दिया है कि बहू हो या फिर बेटी दोनों को एक समान समझती है. उनके मन में बहू-बेटी को लेकर कोई अंतर नहीं है. बुधवार को जिले के बादली क्षेत्र की गुलिया खाप ने बहू प्रियंका कादयान को उसके सम्मान में सर आंखों पर बैठाया. उन्होंने अपनी बहू के सम्मान में बेटी पलक गुलिया की तरह ही अपने पलख पावड़े बिछा दिए.
प्रियंका कादयान एशियन गेम्स में भारतीय कबड्डी टीम की उप कप्तान थीं और इसी टीम ने एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल हासिल कर जीत दर्ज की है. प्रियंका कादयान बुधवार को जैसे ही गांव जहांगीरपुर पहुंचने वाली थी तो उससे पहले ही गुलिया खाप ने उसके सम्मान की पहले से ही तैयारी करके रखी थी. ढांस बॉर्डर से प्रियंका कादयान को ठीक उसी तरह से रिसीव किया गया, जैसे की दो दिन पहले पलक गुलिया को रिसीव किया गया था. ट्रैक्टर ट्रालियों के लंबे काफिले के साथ प्रियंका कादयान को ढांसा बॉर्डर से गांव लाया गया.
भारतीय कबड्डी टीम एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने पर विशेष बधाई की पात्र है. खाप का कहना है कि हम बेटी और बहू में कई फर्क नहीं समझते. हमारा इतिहास है कि हम अपने बच्चों को कहते हैं कि देश के लिए मेडल जीतकर आप लाओ, स्वागत में जनता अपनी पलकें अपने आप बिछा देगी. प्रियंका का स्वागत ऐसे ही किया गया, जैसे कि पल का किया गया था. इन बेटियों से प्रेरणा लेकर बाकी बच्चे भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे.
अगर देश की हर बेटी को ऐसे ही मान-सम्मान मिलेगा तो देश की बेटियां ऐसे ही आगे बढ़ती रहेंगी. प्रियंका कादयान ने कहा कि वह आगे भी अपने देश को प्रदेश और गांव को ऐसे ही मेडल देती रहेंगी. मेरे पास अपने ग्रामीणों और खाप के लिए बोलने के लिए कोई शब्द नहीं है, उन्होंने आज मेरा इतना मान-सम्मान दिया. आगे मैं अर्जुन अवॉर्ड की लाइन में हूं, अभी वर्ल्ड कप भी बाकी है जो कि मेरा टारगेट है- प्रियंका कादयान, भारतीय कबड्डी टीम की उपकप्तान