झज्जर: दिसम्बर माह की ठंड इन दिनों आमजन के लिए हीं नहीं बल्कि उन धरती पुत्रों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहा है. पंजाब और हरियाणा के किसान कृषि अध्यादेश कानून को रद्द कराने के लिए यहां सिंधु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर पिछले करीब 22 दिनों से खुले आसमान के नीचे बीच सड़क पर अपना बिछौना लगाए हुए है.
आपको बता दें कि दिल्ली की ये दोनों ही बॉर्डर पर अनेक किसान मौत काग्रास बने है. अकले टीकरी बॉर्डर की बात करें तो यहां अब तक आधा दर्जन किसान मौत के मुंह में समा चुके है. जिला सिविल सर्जन ने टीकरी बॉर्डर किसान आंदोलन में अब तक 6 किसानों की जान जाने की पुष्टि की है.
सिविल सर्जन डॉक्टर संजय दहिया के अनुसार टिकरी बॉर्डर किसान आंदोलन में 5 किसानों की मौत ठंड की वजह से हुई है जबकि एक किसान की मौत जलने से हुई है. डॉक्टर दहिया ने बताया कि आधा दर्जन किसानों की हुई मौत के मामले में किसी प्रकार से प्रशासनिक स्तर पर कोई लापरवाही नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के शुरू होने के साथ ही विभाग की तरफ से 8 डॉक्टरों की टीम लगा दी गई थी जो कि 24 घंटे किसानों के बीच रहकर उनके स्वास्थ्य का ध्यान रख रही है. सीएमओ के मुताबिक डॉक्टरों की टीम के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ हर प्रकार की जांच किसानों की कर रहा है.
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उन्होंने बताया कि अब तक करीब 35 हजार किसानों के स्वास्थ्य जांच विभाग द्वारा की गई है. वह किसानों से अपील करते हैं कि ठंड के प्रति सचेत रहें और खान-पान का ध्यान रखने के साथ-साथ साफ-सफाई का भी ध्यान रखें. खासकर बुजुर्ग किसान को इसके प्रति विशेष ध्यान रखना चाहिए. कोरोना की बीमारी को भी ध्यान में रखते हुए 2 गज की दूरी बनाए रखें और मास्क का इस्तेमाल करें.