हिसार: हरियाणा के हिसार में गुरुवार देर रात तक पुलिस और किसानों के बीच हंगामा चलता रहा, किसानों द्वारा साल 2021 खराब हुई कपास की फसल के मुआवजे को लेकर मांग की जा रही थी. इसके बाद विरोध स्वरूप किसानों ने बालसमंद चौकी जाकर गिरफ्तारी दी. किसानों की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही हिसार में बड़ी संख्या में किसान इकट्ठा होने लगे. इसके बाद देर रात सड़क पर किसानों के गुस्से को देखते हुए पुलिस ने किसानों को छोड़ दिया.
दरअसल किसान कपास की फसल के मुआवजे को लेकर 11 मई से बालसमंद में धरने पर बैठे हुए हैं. गुरुवार को किसानों ने एक महापंचायत बुलाई जिसको लेकर बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्राली ओं में किसान पहुंचे. किसानों ने हिसार भादरा हाईवे पर ही टेंट लगाकर कर रोड जाम कर दिया. प्रशासन को समय दिया गया कि 2:00 बजे तक या तो प्रशासन लिखित में आश्वासन दे वरना महापंचायत में बड़ा फैसला लिया जाएगा. दो बजे तक प्रशासन की तरफ से कोई संदेश नहीं मिला तो करीब चार बजे के बाद किसान बालसमंद चौकी पहुंच गए और गिरफ्तारी देने पर अड़ गए. पुलिस ने शाम को किसानों को उठाया तो भड़क गए। पुलिस को बाद में रिहा करना पड़ा.
किसान बालसमंद चौकी में पक्की गिरफ्तारी देनी पड़ गई और उसके बाद डीएसपी नारायण चंद व सदर थाना प्रभारी मनदीप सिंह की मौजूदगी में किसानों को तीन बसों में भरकर हिसार की तरफ लाया गया. काफी देर तक किसानों को पुलिस शहर में घुमाते रही हो और उसके बाद पुलिस लाइन में किसानों को लाया गया. पक्की गिरफ्तारी दिखाने के बजाय पुलिस ने किसानों को पुलिस लाइन में बैठा दिया. इसके बाद किसान नेता कुलदीप खरड़ व अन्य ने आरोप लगाया कि किसानों को पुलिस लाइन में बंधक बनाया गया है. इसके बाद बड़ी संख्या में किसान पुलिस लाइन के बाहर इकट्ठा हो गए और नारेबाजी करने लगे. किसानों का गुस्सा बढ़ता देख पुलिस ने देर रात बाकी किसानों को भी छोड़ दिया.
इस घटनाक्रम में संयुक्त मोर्चा की तरफ से भी बयान जारी किया गया और किसानों के बंधक बनाए जाने की खबर को लेकर संयुक्त मोर्चा के तरफ से कहा गया कि "कितनी लंबी जेल है तेरी देख लिया और देखेंगे." किसानों के रिहाई के बाद भी किसान नेता रवि आजाद दिलबाग सिंह हुड्डा कुलदीप खरड़ व अन्य नेताओं की तरफ से कहा गया कि जब तक किसानों को मुआवजा नहीं मिलता आंदोलन जारी रहेगा.
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