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हिसार: निजीकरण के खिलाफ ट्रेड यूनियन, 26 नवंबर को भारत बंद का आह्वान - ट्रेड यूनियन प्रदर्शन हिसार

निजीकरण के खिलाफ हिसार में कई कर्मचारी यूनियन ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने कहा कि केंद्र सरकार धीरे-धीरे सभी सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण कर रही है.

Trade union burnt effigy of central govt against privatization in hisar
Trade union burnt effigy of central govt against privatization in hisar
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Published : Oct 12, 2020, 10:27 PM IST

हिसार: सभी केंद्रीय व राज्य ट्रेड यूनियनों, कर्मचारी फेडरेशनों के आह्वान पर डिफेंस में कारखानों के कर्मचारी और मजदूरों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में क्रांतिमान पार्क में सभी ट्रेड युनियनों के कार्यकर्ता इक्कट्ठे हुए और सरकार विरोधी नारे लगाए. क्रांतिमान पार्क से जूलूस की रूप में इक्कट्ठे होकर केंद्र सरकार का पुतला फूंका.

सीआईटीयू के जिला अध्यक्ष कामरेड सुरेश कुमार ने बताया कि ये तो हद ही हो गई जब देश की सुरक्षा करने वाले जवानों के लिए जो वर्दी, जूते व अनेक प्रकार के राशन से संबंधित जो भी सरकारी कारखाने हैं. उनको भी केंद्र सरकार बड़े-बड़े पूंजीपतियों के हवाले करने जा रही है. जो की बड़े पूंजीपति अपना मुनाफा कमाने के लिए घटिया सामग्री हमारे देश की सेना के जवानों के लिए उपलब्ध कराएंगे.

निजीकरण के खिलाफ ट्रेड यूनियन ने केंद्र सरकार का फूंका पुतला, देखें वीडियो

इसका बहुत बुरा असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना की आड़ में किसान विरोधी, मजदूर विरोधी, व्यापारी विरोधी ऐसे काले कानून पास करवा कर जनता के बड़े तबके को गुलामी की तरफ धकेला जा रहा है. आम जनता द्वारा भारी भरकम टैक्स के माध्यम से बने सार्वजनिक महकमों को पिछले 6 साल से एक-एक करके केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार निजी हाथों में कौड़ियों के भाव बड़े बड़े पूँजीपति घरानों को सौंप रही है.

हालांकि 1990 से लेकर 2014 तक भी जो सरकारे रही हैं उन्होंने भी बार-बार सार्वजनिक क्षेत्र को बेचने का प्रयास किया, लेकिन आम जनता के विरोध के कारण वो इस काम को नहीं कर पाई. जब से केन्द्र में मोदी सरकार बनी है. तब से एकतरफा सार्वजनिक क्षेत्र को तहस-नहस करने की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने इसका उदाहरण भी दिया, जिसमें उन्होंने बीएसएनएल, एलआईसी, बीमा, रेलवे, हवाई जहाज, बंदरगाह, डाकखाना, भारत पेट्रोलियम को लगभग बड़े पूंजीपतियों के हवाले कर दिया. जिससे करोड़ों मजदूर व कर्मचारी रोजगार से बाहर कर दिए गये है.

ये भी पढ़ें- किसानों के लिए सरकार की नई बीमा पॉलिसी, सौ फीसदी फसल खराबी पर मिलेगा 40 हजार का मुआवजा

उन्होंने कहा कि आने वाले 26 नवंबर को एक दिन के लिए पूरा भारत बंद किया जाएगा. इस भारत बंद में सभी कर्मचारी यूनियन भाग लेंगे. इस भारत बंद का विरोध निजीकरण के खिलाफ होगा.

हिसार: सभी केंद्रीय व राज्य ट्रेड यूनियनों, कर्मचारी फेडरेशनों के आह्वान पर डिफेंस में कारखानों के कर्मचारी और मजदूरों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में क्रांतिमान पार्क में सभी ट्रेड युनियनों के कार्यकर्ता इक्कट्ठे हुए और सरकार विरोधी नारे लगाए. क्रांतिमान पार्क से जूलूस की रूप में इक्कट्ठे होकर केंद्र सरकार का पुतला फूंका.

सीआईटीयू के जिला अध्यक्ष कामरेड सुरेश कुमार ने बताया कि ये तो हद ही हो गई जब देश की सुरक्षा करने वाले जवानों के लिए जो वर्दी, जूते व अनेक प्रकार के राशन से संबंधित जो भी सरकारी कारखाने हैं. उनको भी केंद्र सरकार बड़े-बड़े पूंजीपतियों के हवाले करने जा रही है. जो की बड़े पूंजीपति अपना मुनाफा कमाने के लिए घटिया सामग्री हमारे देश की सेना के जवानों के लिए उपलब्ध कराएंगे.

निजीकरण के खिलाफ ट्रेड यूनियन ने केंद्र सरकार का फूंका पुतला, देखें वीडियो

इसका बहुत बुरा असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना की आड़ में किसान विरोधी, मजदूर विरोधी, व्यापारी विरोधी ऐसे काले कानून पास करवा कर जनता के बड़े तबके को गुलामी की तरफ धकेला जा रहा है. आम जनता द्वारा भारी भरकम टैक्स के माध्यम से बने सार्वजनिक महकमों को पिछले 6 साल से एक-एक करके केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार निजी हाथों में कौड़ियों के भाव बड़े बड़े पूँजीपति घरानों को सौंप रही है.

हालांकि 1990 से लेकर 2014 तक भी जो सरकारे रही हैं उन्होंने भी बार-बार सार्वजनिक क्षेत्र को बेचने का प्रयास किया, लेकिन आम जनता के विरोध के कारण वो इस काम को नहीं कर पाई. जब से केन्द्र में मोदी सरकार बनी है. तब से एकतरफा सार्वजनिक क्षेत्र को तहस-नहस करने की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने इसका उदाहरण भी दिया, जिसमें उन्होंने बीएसएनएल, एलआईसी, बीमा, रेलवे, हवाई जहाज, बंदरगाह, डाकखाना, भारत पेट्रोलियम को लगभग बड़े पूंजीपतियों के हवाले कर दिया. जिससे करोड़ों मजदूर व कर्मचारी रोजगार से बाहर कर दिए गये है.

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उन्होंने कहा कि आने वाले 26 नवंबर को एक दिन के लिए पूरा भारत बंद किया जाएगा. इस भारत बंद में सभी कर्मचारी यूनियन भाग लेंगे. इस भारत बंद का विरोध निजीकरण के खिलाफ होगा.

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