हिसार: जिले में ई-लर्निंग और पाठ्यक्रम में कटौती को लेकर विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा है. पाठ्यक्रम में कटौती के विरोध में जन शिक्षा अधिकार मंच ने राष्ट्रपति नाम के नाम ज्ञापन सौंपा. इसके अलावा सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला उपायुक्त को सौंपा.
बता दें कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ हरियाणा विद्यालय अध्यापक मंच, हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति, सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ हरियाणा और स्टूडेंट फैडरेशन ऑफ इंडिया ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया. इस मौके पर सभी ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
जन शिक्षा अधिकार मंच ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार स्कूली शिक्षा में पाठ्यक्रम को कम करके संविधान को खत्म करने की साजिश रच रही है. मंच पदाधिकारी प्रभु सिंह ने कहा कि सरकार ने बिना किसी संबंधित व्यक्ति से सलाह लिये पाठ्यक्रमों को कम कर दिया. इसमें सरकार ने ऐसे पाठ्यक्रमों को हटा दिया है जो बच्चों को पढ़ाये जाने जरूरी थे.
उन्होंने ने कहा कि पाठ्यक्रम में जो कटौती की जा रही है वो एक विशेष विचारधारा से प्रेरित होकर की जा रही है. उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम कटौती प्रक्रिया में अध्यापक, छात्र, अभिभावकों व शिक्षाविदों और पाठ्यक्रम निर्माण समिति को शामिल किए बिना सरकार ने एकतरफा फैसला ले लिया. इसी के साथ ऑनलाइन शिक्षा ने समग्र शिक्षा के नारे को फेल करने का काम किया है. इससे केवल 10 प्रतिशत छात्रों को लाभ हो रहा है.
ये भी पढ़ें- बार काउंसिल के चुनाव पर ली जाएगी वकीलों की ऑनलाइन राय
बच्चों के स्वास्थ्य पर भी ई-लर्निंग का प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और संसाधनों की कमी भी आड़े आ रही हैं. हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ इसका पुरजोर विरोध करते हुए ई लर्निंग का बहिष्कार करता है. प्रकाश सैनी के अनुसार सरकार ने ईलर्निंग का जो सिस्टम शुरू किया है वो बिल्कुल भी व्यवहारिक नहीं है. ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों को इससे नुकसान होगा. क्योंकि ग्रामीण विद्यार्थियों के पास ई-लर्निंग के लिए सुविधा नहीं हैं.