हिसार: किसान आंदोलन को धार देने के लिए राकेश टिकैत हरियाणा में महापंचायतें कर रहे हैं, जिसे खाप पंचायतों को आंदोलन से जोड़े रखने की एक कवायद के रूप में देखा जा रहा है. पिछले कुछ दिनों से राकेश टिकैत हरियाणा में अलग-अलग जगहों पर जाकर लोगों से आंदोलन में भाग लेने की अपील करते रहे हैं. इसी कड़ी में किसान नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को हिसार के बरवाला गांव से हुंकार भरी. इस दौरान राकेश टिकैत के तेवर सख्त नजर आए. राकेश टिकैत ने साफ लफ्जों में कहा कि इस बार किसान हार मानने वाला नहीं है. ये लड़ाई आर या पार की है.
'जरूरत पड़ी तो फसलों में आग लगा देगा किसान'
टिकैत ने कहा कि सरकार गलतफहमी में ना रहे कि किसान फसल कटाई के लिए वापस गांव जाएगा. अगर सरकार ने ज्यादा बकवास की तो ये किसान कसम खाकर खड़ी फसल में आग लगाएगा. अगर किसान फसल की कुर्बानी देंगे, तो 20 साल तक किसान जिंदा रहेगा.
...इस बार दिल्ली में हल क्रांती होगी
कहने को राकेश टिकैत 7वीं बार हरियाणा में महापंचायत को संबोधित कर रहे थे, लेकिन इस बार टिकैत के तेवरों में अलग ही तल्खी देखने को मिली. राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार ने ज्यादा दिक्कत करी तो ये ट्रैक्टर भी वही है और ये किसान भी वही है. ये किसान फिर दिल्ली जाएगा. दिल्ली ध्यान से सुन ले पूरे देश में हल क्रांती होगी.
'इस बार दिल्ली में लगी कीले उखाड़नी है'
टिकैत ने किसानों से अपने ट्रैक्टर तैयार रखने को कहे. टिकैत ने कहा कि अभी किसान अपना खेत और परिवार देखे, लेकिन ट्रैक्टर दिल्ली की तरफ रखे. कभी भी किसानों को दिल्ली कूच करने की कॉल आ सकती है. टिकैत ने आगे कहा कि इस बार लक्ष्य 40 लाख ट्रैक्टरों का है. जो दिल्ली के अंदर जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस बार दिल्ली में लगी कीलों को उखाड़ कर आना है.
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राकेश टिकैत की इस महापंचायत में खास ये था कि इस बार टिकैत ने सिर्फ किसानों की ही बात नहीं की. उन्होंने इस आंदोलन को कर्मचारियों, मजदूरों और पुलिस कर्मियों का भी बताया. जिनकी लड़ाई साथ मिलकर लड़ने का टिकैत ने मंच से ऐलान किया. टिकैत ने कहा कि इनके लोग नौकरी करेंगे और जब इन्हें कुछ बोला जाएगा तो कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा. ऐसा अब नहीं होने दिया जाएगा. राकेश टिकैत ने अपने संबोधन में बढ़ रही महंगाई और पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर भी सरकार को घेरा.
किसान आंदोलन को जनांदोलन बनाने की कोशिश!
अपने संबोधन में राकेश टिकैत ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि किसान किसी भी सूरत में पीछे हटने वाला नहीं है. यही वदह है कि राकेश टिकैत ने अब हरियाणा की खापों को भी साथ लेने की कवायद तेज कर दी है. साथ ही टिकैत ने ये भी साफ किया है कि हरियाणा के बाद अब नंबर राजस्थान, मध्यप्रदेश, बंगाल और देश के दूसरे राज्यों का है. जहां जाकर राकेश टिकैत किसान आंदोलन को जनांदोलन में तब्दील करने की कोशिश करेंगे.
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राकेश टिकैत ने बढ़ाया बीजेपी का सिरदर्द !
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ-साथ बीजेपी के लिए इस वक्त राकेश टिकैत सबसे बड़ा सिरदर्द नजर आ रहे हैं क्योंकि वो उनकी मजबूत कलाई को कमजोर कर रहे हैं. दरअसल राकेश टिकैत बड़े किसान नेता महेंद्र टिकैत के बेटे हैं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आते हैं लेकिन हरियाणा में भी अब उनकी अच्छी पकड़ है. जब गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत रोए थे तो सबसे पहले हरियाणा के कंडेला में ही रोड जाम किया गया था. अब राकेश टिकैत हरियाणा में अलग-अलग जाकर महापंचायतें कर रहे हैं और किसान आंदोलन को मजबूत करने की कोशिशों में जुटे हैं.