हिसार: सीएमजीजीए कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, पीसी पीएनडीटी, एमटीपी एक्ट, पोक्सो एक्ट, व्यवहार परिवर्तन व अनिमिया मुक्त हरियाणा की समीक्षा किया. इस दौरान उन्होंने इन सभी कार्यक्रमों के तीव्र कियान्वयन के संबंध में अधिकारियों को विशेष दिशा-निर्देश दिए.
डॉ. गुप्ता ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू करने के बाद प्रदेश में बेटियों की जन्मदर में उल्लेखनीय वृद्घि दर्ज की गई है. स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की लगातार सतर्कता व निगरानी के चलते प्रसव पूर्व लिंग जांच करने वाले गिरोहों की गतिविधियों पर भी अंकुश लगा है. ऐसे गिरोहों के खिलाफ पहले से भी अधिक तेज गति से छापामारी अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए सभी अधिकारी सुनियोजित तरीके से कार्ययोजना तैयार करें और रेड की संख्या बढ़ाएं.
डॉ. गुप्ता ने ऐसे लोगों व गिरोहों के खिलाफ अधिक से अधिक एफआईआर दर्ज करवाने के संबंध में भी अधिकारियों को हिदायतें दीं. उन्होंने कहा कि हरियाणा का लिंगानुपात 960 के स्तर पर ले जाने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके लिए सभी जिलों को पहले से भी ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को और अधिक प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए व्यवहार परिवर्तन का एक नया आयाम जोड़ा गया है. हरियाणा सरकार ने लैंगिक भेदभाव दूर करने के लिए यूनिसेफ के साथ संयुक्त रूप से जागृति नामक परियोजना शुरू की है. इसके माध्यम से विद्यार्थियों और परिवहन विभाग के ड्राइवरों व कंडक्टरों को जागरूक किया जाएगा. अभिभावकों व समाज की सोच बदलने की दिशा में जागरूकता अभियान भी चलाया जाना चाहिए. बेटियों के जन्म पर उत्सव मनाने और उन्हें शिक्षित व सशक्त बनाने की दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए और इसमें समाज को भागीदार बनाना चाहिए.
डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए संबंधित अधिकारी मुस्तैदी से कार्य करें. उन्होंने पोक्सो के संबंध में जिलों में दर्ज करवाई गई एफआईआर की समीक्षा करते हुए इस अधिनियम की सख्ती से अनुपालना करवाने के निर्देश दिए. इसके लिए उन्होंने शिकायतों की सतत समीक्षा और निगरानी करने, आमजन की सोच बदलने व कानून को सख्ती से लागू करवाने की जरूरत पर बल दिया.
उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग आमजन को जागरूक करने व उनकी सोच बदलने के लिए आवश्यक पहल करे. इसके लिए उन्होंने गुड्डा-गुड्डी बोर्ड के प्रदर्शन, सेनिटाइजेशन व ऑरिएंटेशन कार्यक्रम, रात्रि चौपाल, हस्ताक्षर अभियान, शपथ ग्रहण समारोह, स्वास्थ्य जांच शिविर, जागरूकता के लिए फिल्म समारोह और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के लिए एसएमएस सेवाओं को भी प्रभावी तरीके से चलाने को कहा.
परियोजना निदेशक ने कहा कि प्रदेश में अनिमिया मुक्त हरियाणा नामक अभियान भी शुरू किया गया है. इसके प्रथम चरण में हिसार, रेवाड़ी व पंचकूला को चुना गया है. इसके तहत पोषक तत्वों की कमी को दूर करने, अनुवांशिक कमियों को दूर करने, अपोषण के कारणों की पहचान का कार्य किया जाएगा. पांच साल की आयु तक के बच्चों व गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को दूर करने के लिए यह अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
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