हिसार: हरसेक की फायर लोकेशन सिस्टम के आधार पर दी गई लॉकेशन के आधार पर बुधवार को पटवारी नरेंद्र और एक ग्राम सचिव नारनौंद के एक गांव पहुंचे. यहां उन्होंने किसानों से पराली जलाने को लेकर पूछताछ की. इस दौरान किसानों ने उनको बंधक बना लिया और कई घंटों तक नहीं छोड़ा. किसानों का आरोप है कि ये अधिकारी उनसे रिश्वत मांग रहे थे.
सूचना मिलने पर कई अधिकारी मौके पर पहुंचे. जब अधिकारी वहां पहुंचे तो किसानों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान ग्रामीणों का साथ देने के लिए वहां भारतीय किसान यूनियन के कई नेता भी पहुंच गए. अधिकारी और ग्रामीणों के बीच चार घंटे तक बातचीत होने के बाद ग्रामीणों ने पटवारी को छोड़ दिया.
इस दौरान ग्रामीणों ने पटवारी पर कई गंभीर आरोप लगाए. गांव के ही रोहताश सिंह नाम के एक किसान बताया कि पटवार गांव में आए और यहां लोगों को डरा धमकाकर रिश्वत मांग रहे थे.
जब किसानों ने उनसे पराली ना जलाने को लेकर ऑप्शन की बात की तो उन्होंने उन पर कार्रवाई करने की बात कही. जिससे नाराज किसानों का गुस्सा फूट पड़ा और उनको गांव में ही बैठा लिया.
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इस पर ब्लॉक अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि वो हांसी में किसी बैठक में थे, तो उनको पता चला कि किसानों ने रेवेन्यू विभाग के दो अधिकारियों को बंधक बना लिया. किसानों की ये हरकत निंदनीय है.
उनका कहना है कि किसानों को सरकार के साथ मिलकर चलना चाहिए. अगर उनको कोई परेशानी है, तो वो बताएं. उसका तुरंत समाधान किया जाएगा. उनका कहना है कि कृषि विभाग के पास पराली निस्तारण को लेकर सभी प्रकार के यंत्र मौजूद हैं.