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दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी पर फंसी हरियाणा की पर्वतारोही, रेस्क्यू टीम से भी नहीं हो पा रहा संपर्क

हरियाणा की पर्वतारोही अनिता कुंडू माउंट ल्होत्से के लिए चढ़ाई कर रही हैं. तूफान आने की वजह से रेस्क्यू टीम और परिजनों का उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है.

Mountaineer Anita Kundu Haryana
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Published : May 14, 2021, 2:49 PM IST

Updated : May 14, 2021, 3:05 PM IST

हिसार: हरियाणा की विश्व विख्यात पर्वतारोही अनिता कुंडू माउंट ल्होत्से के लिए चढ़ाई कर रही हैं. माउंट ल्होत्से विश्व की चौथी सबसे ऊंची शिखर है. जो एवरेस्ट से दक्षिणी घाटी से जुड़ी है. अनिता कुंडू माउंट ल्होत्से के बहुत करीब पहुंच गई थी. अचानक खराब हुए मौसम की वजह से उनको बीच में ही रुकना पड़ा. खराब मौसम की वजह से वो वापस कैंप नंबर चार में आ गई.

ये कैंप माउंट ल्होत्से की चोटी पर ही बना हुआ है. मौसम खराब होने की वजह से रेस्क्यू टीम का उनसे संपर्क टूट गया है. इसलिए अभी अनिता कुंडू के बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है. अनीता की पूरी टीम लगातार उनसे संपर्क बनाएं हुए है. चिंता की बात ये है कि अभी तक टीम की अनीता से बात नहीं हो पाई है.

Mountaineer Anita Kundu Haryana
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दो पर्वतारोहियों की हुई मौत

उधर दो पर्वतारोहियों को जिंदगी से हाथ धोना पड़ा, जो एवरेस्ट फतह करके वापस लौट रहे थे. एक स्विटजरलैंड से Mr. Abdul Waraich और एक अमेरिका से Mr. Puwel Liu थे. रेस्क्यू टीम ने उन्हें बचाने के लिए एक्स्ट्रा ऑक्सीजन भी दी, हर तरह से उनकी मदद की पर उनको नहीं बचा पाए. अनीता के परिजनों ने बताया कि एवरेस्ट और माउंट ल्होत्से में 8000 मीटर तक समान रूप से कैंप लगते हैं. जब मौसम खराब हुआ अनीता 8200 मीटर पर थी. खराब मौसम ने उनकी मुसीबतों को बढ़ा दिया और उनको वापस थोड़ा नीचे आना पड़ा. परिजनों की वजह से अनीता अभी तक भी सुरक्षित जोन में नहीं है.

10 अप्रैल को नेपाल गई थीं अनिता

अनिता 10 अप्रैल को नेपाल गई थीं. कुछ दिन के बाद उन्होंने 21 अप्रैल को नेपाल की 6119 मीटर ऊंची चोटी माउंट लोबुचे को फतेह किया था. वहां से नीचे आने के बाद दूसरी तरफ एवरेस्ट/ल्होत्से के बेस कैंप में पहुंची थी. जिसकी ऊंचाई 5400 मीटर है. यहां से अनीता ने सफल रोटेशन किया और वे 7300 मीटर तक जाककर वापस बेस कैंप आई थी.

अनिता 9 अप्रैल को रात 12 बजे बेस कैंप से निकली थी. अगर मौसम साथ देता तो वो 13 अप्रैल को अपना राष्ट्रीय ध्वज शिखर में लहराती. अनीता 12 साल से पर्वतारोहण के साहसिक खेल को खेल रही हैं. उन्होंने हिंदुस्तान की अनेकों चोटियों को फतेह करते हुए दुनियां की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को तीन बार फतेह किया है. वे नेपाल और चीन दोनों ही रास्तों से माउंट एवरेस्ट को फतेह करने वाली हिंदुस्तान की प्रथम बेटी हैं. उन्होंने सभी महाद्वीपों के ऊंचे शिखरों को भी फतेह किया है.

ये भी पढ़ें- गांवों में बढ़ती मौतों पर देखें ग्राउंड रिपोर्ट, कोरोना को लेकर ना प्रशासन गंभीर ना ग्रामीण, नहीं कोई बचाव की व्यवस्था

अनिता कुंडू ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी विनसन मासिफ, अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो, यूरोप के सबसे ऊंचे शिखर एल्बर्स, दक्षिण अमेरिका की एकोनकागुआ, ऑस्ट्रेलिया की कार्सटेंस पिरामिड शिखर को भी फतेह किया है. उतरी अमेरिका की देनाली पर भी उन्होंने संघर्ष किया. माउंट एवरेस्ट के समान ही माउंट मनास्लू को भी अनीता ने फतेह किया है.

हिसार: हरियाणा की विश्व विख्यात पर्वतारोही अनिता कुंडू माउंट ल्होत्से के लिए चढ़ाई कर रही हैं. माउंट ल्होत्से विश्व की चौथी सबसे ऊंची शिखर है. जो एवरेस्ट से दक्षिणी घाटी से जुड़ी है. अनिता कुंडू माउंट ल्होत्से के बहुत करीब पहुंच गई थी. अचानक खराब हुए मौसम की वजह से उनको बीच में ही रुकना पड़ा. खराब मौसम की वजह से वो वापस कैंप नंबर चार में आ गई.

ये कैंप माउंट ल्होत्से की चोटी पर ही बना हुआ है. मौसम खराब होने की वजह से रेस्क्यू टीम का उनसे संपर्क टूट गया है. इसलिए अभी अनिता कुंडू के बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है. अनीता की पूरी टीम लगातार उनसे संपर्क बनाएं हुए है. चिंता की बात ये है कि अभी तक टीम की अनीता से बात नहीं हो पाई है.

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दो पर्वतारोहियों की हुई मौत

उधर दो पर्वतारोहियों को जिंदगी से हाथ धोना पड़ा, जो एवरेस्ट फतह करके वापस लौट रहे थे. एक स्विटजरलैंड से Mr. Abdul Waraich और एक अमेरिका से Mr. Puwel Liu थे. रेस्क्यू टीम ने उन्हें बचाने के लिए एक्स्ट्रा ऑक्सीजन भी दी, हर तरह से उनकी मदद की पर उनको नहीं बचा पाए. अनीता के परिजनों ने बताया कि एवरेस्ट और माउंट ल्होत्से में 8000 मीटर तक समान रूप से कैंप लगते हैं. जब मौसम खराब हुआ अनीता 8200 मीटर पर थी. खराब मौसम ने उनकी मुसीबतों को बढ़ा दिया और उनको वापस थोड़ा नीचे आना पड़ा. परिजनों की वजह से अनीता अभी तक भी सुरक्षित जोन में नहीं है.

10 अप्रैल को नेपाल गई थीं अनिता

अनिता 10 अप्रैल को नेपाल गई थीं. कुछ दिन के बाद उन्होंने 21 अप्रैल को नेपाल की 6119 मीटर ऊंची चोटी माउंट लोबुचे को फतेह किया था. वहां से नीचे आने के बाद दूसरी तरफ एवरेस्ट/ल्होत्से के बेस कैंप में पहुंची थी. जिसकी ऊंचाई 5400 मीटर है. यहां से अनीता ने सफल रोटेशन किया और वे 7300 मीटर तक जाककर वापस बेस कैंप आई थी.

अनिता 9 अप्रैल को रात 12 बजे बेस कैंप से निकली थी. अगर मौसम साथ देता तो वो 13 अप्रैल को अपना राष्ट्रीय ध्वज शिखर में लहराती. अनीता 12 साल से पर्वतारोहण के साहसिक खेल को खेल रही हैं. उन्होंने हिंदुस्तान की अनेकों चोटियों को फतेह करते हुए दुनियां की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को तीन बार फतेह किया है. वे नेपाल और चीन दोनों ही रास्तों से माउंट एवरेस्ट को फतेह करने वाली हिंदुस्तान की प्रथम बेटी हैं. उन्होंने सभी महाद्वीपों के ऊंचे शिखरों को भी फतेह किया है.

ये भी पढ़ें- गांवों में बढ़ती मौतों पर देखें ग्राउंड रिपोर्ट, कोरोना को लेकर ना प्रशासन गंभीर ना ग्रामीण, नहीं कोई बचाव की व्यवस्था

अनिता कुंडू ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी विनसन मासिफ, अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो, यूरोप के सबसे ऊंचे शिखर एल्बर्स, दक्षिण अमेरिका की एकोनकागुआ, ऑस्ट्रेलिया की कार्सटेंस पिरामिड शिखर को भी फतेह किया है. उतरी अमेरिका की देनाली पर भी उन्होंने संघर्ष किया. माउंट एवरेस्ट के समान ही माउंट मनास्लू को भी अनीता ने फतेह किया है.

Last Updated : May 14, 2021, 3:05 PM IST
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