हिसारः हरियाणा में अभी तक अच्छी बरसात हुई है. जिससे किसान बेहद खुश हैं. प्रदेश में 16 जुलाई तक 124.5 एमएम बरसात हुई है लेकिन मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ये बरसात पिछले साल से 3 प्रतिशत कम है. कृषि विश्वविद्यालय के मौसम (Hisar CCS agriculture university) वैज्ञानिक डाॅ. एमएल खीचड़ ने बताया की साल 2021 के माॅनसून सीजन में 128.7 एमएम बरसात हुई थी.
एमएल खीचड़ ने बताया कि कैथल, झज्जर, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़ में तो सामान्य से ज्यादा बरसात हुई तो बाकि जिलों में कम बरसात दर्ज की गई है. डाॅ. खीचड़ ने कहा कि 17 जुलाई को फिर कुछ हिस्सों में बरसात होगी जिससे गर्मी में लोगों को राहत मिलेगी और किसानों की फसलों को लाभ होगा.
उन्होंने कहा की झज्जर में 185 एमएम बारिश दर्ज की गई है जबकि आमतौर पर वहां 108 एमएम बारिश होती है. ये सामान्य से 70 प्रतिशत ज्यादा है. इस मानसून सीजन में प्रदेश में सबसे कम बारिश फरीदाबाद में हुई है जो सामान्य से 43 प्रतिशत कम है. इस माॅनसून सीजन में 16 जुलाई तक फरीदाबाद में 137 एमएम बारिश होती है लेकिन अभी 78 एमएम बारिश हुई है. मौसम वैज्ञानिक डॉ. एम. एल. खीचड़ ने बताया कि मानसून टर्फ अब भी जैसलमेर, कोटा, गुना, दमोह से होता हुआ बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है. मौसमी सिस्टम के कारण बंगाल की खाड़ी की तरफ से माॅनसून हवाएं राज्य की तरफ नहीं बढ़ पा रही हैं.
राजस्थान के ऊपर एक साईक्लोनिक सरकुलेशन बनने से अरब सागर की ओर से आने वाली नमी वाली हवाओं ने हरियाणा में मौसम बदला है. मौसम वैज्ञानिकों ने ये भी कहा की मौसम धान की रोपाई के लिए बेहद अनुकूल है और इस साल पैदावार अच्छी होने की संभावना है. वहीं किसान धान की रोपाई (Paddy planting in Haryana) में जुटे हुए हैं क्योंकि लगातार हो रही बरसात से रोपाई के लिए टयूबवैल चलाने की जरूरत किसानों को नहीं पड़े रही है.