हिसार: गांव मिर्चपुर में साल 2010 में हुई हिंसा और आगजनी के पीड़ित दलित परिवारों ने अब पक्के घर बना कर दिए जाने की मांग सरकार व प्रशासन के सामने उठाई है. इसको लेकर वकील रजत कलसन के नेतृत्व में क्रांतिमान पार्क से लेकर लघु सचिवालय रोड तक जबरदस्त रोष प्रदर्शन किया गया. जिसमें सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की.
रजत कलसन ने कहा कि एक तरफ सरकार एमएलए खरीदने के लिए 100-100 करोड़ रुपये खर्च कर रही है और दूसरी तरफ मिर्चपुर के पीड़ित परिवार जंगल में दिसंबर के महीने में कड़कड़ाती ठंड में रह रहे हैं.
उन्होंने पीड़ित परिवारों की तरफ से मांग करते हुए कहा कि पीड़ित परिवारों को मकान बनाने के लिए 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए, नहीं तो पीड़ित परिवार लघु सचिवालय पर स्थाई रूप से डेरा डालने को मजबूर होंगे. इसकी जिम्मेदार सरकार होगी.
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गौरतलब है कि मिर्चपुर कांड में सैकड़ों पीड़ित दलित परिवारों को सरकार ने पुनर्वास के लिए हिसार के ही निकट डिंडोर गांव में प्लॉट दिए हैं और अब इन परिवारों ने जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार को एक ज्ञापन भेजकर कहा है कि इनको यहां ठंड में खुले आसमान के नीचे रहना पड़ रहा है.
पीड़ित परिवारों को दी गई इस कॉलोनी को प्रशासन द्वारा दीनदयाल उपाध्याय नगर का नाम दिया गया है, लेकिन इस कॉलोनी में जो पीड़ित परिवार रह रहे हैं उनको मूलभूत सुविधाएं भी अभी तक सरकार नहीं दे पाई है.