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हिसार में प्रवासी मजदूरों को बनाया जा रहा है हुनरमंद - हिसार प्रशासन प्रवासी मजदूर कौशल विकास

हिसार के शेल्टर होम में रहने वाले प्रवासी मजदूरों को हुनरमंद बनाया जा रहा है. 87 श्रमिकों को इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, कारपेंटर और एसी मैकेनिक जैसे कार्यों में दक्ष बनाया जा रहा है.

Migrant laborers are being made skilled in Hisar
Migrant laborers are being made skilled in Hisar
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Published : Apr 27, 2020, 9:29 PM IST

हिसार: शेल्टर होम में रहने वाले प्रवासी मजदूरों को हुनरमंद बनाया जा रहा है, ताकि उनके जीवन की लड़ाई को आसान बनाया जा सके. हिसार कैंट के पास स्थित सूर्य पैलेस में रहने वाले 87 श्रमिकों को इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, कारपेंटर और एसी मैकेनिक जैसे कार्यों में दक्ष बनाया जा रहा है.

जिला उपायुक्त ने श्रमिकों के कौशल विकास प्रशिक्षण का निरीक्षण किया और उनके हौंसले की सराहना की. जिला उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान अन्य जिलों और प्रदेशों के प्रवासियों के रहने खाने की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सरकार की तरफ से जिला प्रशासन को दी गई है. इन प्रवासी मजदूरों के रहने खाने के लिए शेल्टर होम बनाए गए हैं.

हिसार में प्रवासी मजदूरों को बनाया जा रहा है हुनरमंद, देखें वीडियो

ये भी जानें-राहत: पलवल में 9 दिन से सामने नहीं आया कोरोना का एक भी मामला

शेल्टर होम में बच्चों के मनोरंजन की व्यवस्था के साथ-साथ टेलीविजन आदि की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के समय का सदुपयोग करते हुए उन्हें हाथ के कार्यों का हुनर दिया जा रहा है. प्रवासी मजदूरों को कौशल विकास के लिए इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, कारपेंटर और एसी मैकेनिक जैसे कार्यों में कुशल बनाया जा रहा है.

गवर्नमेंट आईटीआई के शिक्षक प्रतिदिन मजदूरों को प्रशिक्षण देते हैं. उन्होंने बताया कि इससे इन लोगों को कमाने में आसानी होगी. जिला प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों की व्यवस्था के लिए शेल्टर होम बनवाए गए हैं. कई प्रवासी मजदूरों को उनके प्रदेश में भेजा गया है.

अब जिले में प्रवासी मजदूरों की संख्या कम रह गई है. इसलिए उपमंडलों में बनाए गए शेल्टर होम से मजदूरों को एक ही शेल्टर होम में शिफ्ट किया जा रहा है, ताकि प्रशासन कम संसाधनों में भी बेहतर सुविधाएं दे सके.

हिसार: शेल्टर होम में रहने वाले प्रवासी मजदूरों को हुनरमंद बनाया जा रहा है, ताकि उनके जीवन की लड़ाई को आसान बनाया जा सके. हिसार कैंट के पास स्थित सूर्य पैलेस में रहने वाले 87 श्रमिकों को इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, कारपेंटर और एसी मैकेनिक जैसे कार्यों में दक्ष बनाया जा रहा है.

जिला उपायुक्त ने श्रमिकों के कौशल विकास प्रशिक्षण का निरीक्षण किया और उनके हौंसले की सराहना की. जिला उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान अन्य जिलों और प्रदेशों के प्रवासियों के रहने खाने की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सरकार की तरफ से जिला प्रशासन को दी गई है. इन प्रवासी मजदूरों के रहने खाने के लिए शेल्टर होम बनाए गए हैं.

हिसार में प्रवासी मजदूरों को बनाया जा रहा है हुनरमंद, देखें वीडियो

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शेल्टर होम में बच्चों के मनोरंजन की व्यवस्था के साथ-साथ टेलीविजन आदि की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के समय का सदुपयोग करते हुए उन्हें हाथ के कार्यों का हुनर दिया जा रहा है. प्रवासी मजदूरों को कौशल विकास के लिए इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, कारपेंटर और एसी मैकेनिक जैसे कार्यों में कुशल बनाया जा रहा है.

गवर्नमेंट आईटीआई के शिक्षक प्रतिदिन मजदूरों को प्रशिक्षण देते हैं. उन्होंने बताया कि इससे इन लोगों को कमाने में आसानी होगी. जिला प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों की व्यवस्था के लिए शेल्टर होम बनवाए गए हैं. कई प्रवासी मजदूरों को उनके प्रदेश में भेजा गया है.

अब जिले में प्रवासी मजदूरों की संख्या कम रह गई है. इसलिए उपमंडलों में बनाए गए शेल्टर होम से मजदूरों को एक ही शेल्टर होम में शिफ्ट किया जा रहा है, ताकि प्रशासन कम संसाधनों में भी बेहतर सुविधाएं दे सके.

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