हिसार: भारतीय जनता पार्टी की नेता सोनाली फोगाट और काजला मंडल के पूर्व अध्यक्ष सुभाष शर्मा के बीच चल रहे विवाद का पार्टी ने अंत कर दिया. पार्टी ने इस मामले में एक पक्ष पर सुनवाई करते हुए सुभाष शर्मा को पार्टी से निष्कासित करके विवाद का एक तरफा अंत करने का प्रयास किया. हालांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने हिसार में मौजूद होते हुए भी सुभाष शर्मा का पक्ष एक बार भी नहीं सुना. सुभाष शर्मा को प्रदेश अध्यक्ष के आगमन से पहले ही पार्टी से निकाल दिया गया. इस विषय पर प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि पार्टी एक परिवार की तरह होती है और उसके विवाद जनता के सामने नहीं आने चाहिए.
भाजपा से निकाले गए सुभाष शर्मा ने कहा कि चाहे पार्टी ने उन्हें निकाल दिया हो लेकिन वो सोनाली फोगाट के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक चुप नहीं बैठेंगे. सुभाष शर्मा के साथ सोनाली पर मारपीट के आरोप लगाने वाले कार्यकर्ता अमित बिसला ने कहा कि पार्टी को अपने जीवन के 25 साल देने वाले कार्यकर्ता के साथ पार्टी ने ठीक नहीं किया. पार्टी इस प्रकरण में उनका साथ नहीं दे रही है, तो अब वो न्याय के लिए समाज का साथ लेंगे.
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आप को बता दें कि सुभाष शर्मा और अमित बिसला ने किसी ऑडियो रिकार्डिंग के विवाद के चलते सोनाली फोगाट पर मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगाए. अमित बिसला ने तो कनपटी पर बंदूक रखकर जबरन माफीनामा रिकॉर्ड करने के भी आरोप लगाए. इस संबंध में दोनों ने पुलिस को शिकायत दी हुई है, लेकिन अब तक इस मामले में कोई पुलिस कार्रवाई नहीं की गई और न ही मामला दर्ज किया गया. पुलिस अधीक्षक बलवान सिंह राणा ने दोनों शिकायतकर्ताओं से इन आरोपों के सबूत मांगे. अब पार्टी ने सुभाष शर्मा को मंडल अध्यक्ष पद से हटाते हुए पार्टी से ही निकाल दिया. ऐसे में अब देखना होगा कि इन दोनों की शिकायत पर पुलिस कोई कार्रवाई करती है या नहीं.
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