ETV Bharat / state

टिड्डी दल के हमले से पहले और बाद में क्या करें? यहां पढ़ें हर जरूरी बात - hisar locust swarn attack

टिड्डी दल के हमले को लेकर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.पी सिंह ने किसानों को जरूर सलाह दी है. इसके साथ-साथ किसानों को ये भी बताया गया है कि टिड्डियों के हमले पर क्या करना चाहिए.

locust attack in haryana
locust attack in haryana
author img

By

Published : Jul 14, 2020, 10:07 PM IST

हिसार: राजस्थान से सटे हरियाणा के जिलों सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, महेन्द्रगढ़, चरखी दादरी, रेवाड़ी, पलवल में टिड्डी दलों के प्रवेश की संभावना अधिक है. इसलिए इन क्षेत्रों के किसानों को सचेत रहने की आवश्यकता है. कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि पिछले सप्ताह टिड्डियों ने रेवाड़ी, भिवानी और सिरसा जिले के कुछ इलाकों में प्रवेश किया जो कि काफी हद तक नियंत्रित कर लिए गए.

इसी को देखते हुए विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग द्वारा किसानों को सलाह दी गई है कि किसान टिड्डी दल के बारे में आपसी जानकारी साझा करते रहें और समीपवर्ती इलाकों में प्रवेश करते ही अपनी तैयारी दुरूस्त कर लें. इसके अलावा, टिड्डी दल का झुंड दिखाई देने पर ढोल, ड्रम बजाकर या फिर जोर-जोर से शोर मचा कर उन्हें अपने खेतों में न बैठने दें.

'टिड्डी दल की संख्या के हिसाब से ही करें कीटनाशक का छिड़काव'

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह ने कहा कि टिड्डी दलों के बैठने की उपयुक्त जगह ऐसे इलाके होते हैं, जहां रेतीले टिब्बे या अन्य जंगली पेड़ झुंड में लगे हुए हों. इसलिए ऐसे इलाके के आसपास के किसानों को काफी सजग रहने की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि टिड्डियों की संख्या अगर एक टिड्डी प्रति वर्ग मीटर से ज्यादा है तभी किसान फसलों में विश्वविद्यालय द्वारा सिफारिश किए गए कीटनाशक का छिड़काव करें. इसके अलावा अनावश्यक कीटनाशकों का उपयोग फसलों पर न करें और सोशल मीडिया पर अनावश्यक खबरें भी न फैलाएं.

विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. योगेश कुमार ने बताया कि टिड्डियों की संख्या को देखकर ही कीटनाशकों का छिड़काव करना चाहिए. एक खेत में अगर 50-100 टिड्डियां दिखाई दें तो स्प्रे की आवश्यकता नहीं होती. इन टिड्डियों को किसान शोर करके खेत उड़ा दें या फिर संभव हो तो किसी फट्टी से फसल को बिना नुकसान पहुंचाए मार दें.

ये भी पढ़ें- सिरसा में टिड्डी दल ने करीब 700 से 800 एकड़ फसल की बर्बाद, कृषि विभाग कर रहा आंकलन

हिसार: राजस्थान से सटे हरियाणा के जिलों सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, महेन्द्रगढ़, चरखी दादरी, रेवाड़ी, पलवल में टिड्डी दलों के प्रवेश की संभावना अधिक है. इसलिए इन क्षेत्रों के किसानों को सचेत रहने की आवश्यकता है. कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि पिछले सप्ताह टिड्डियों ने रेवाड़ी, भिवानी और सिरसा जिले के कुछ इलाकों में प्रवेश किया जो कि काफी हद तक नियंत्रित कर लिए गए.

इसी को देखते हुए विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग द्वारा किसानों को सलाह दी गई है कि किसान टिड्डी दल के बारे में आपसी जानकारी साझा करते रहें और समीपवर्ती इलाकों में प्रवेश करते ही अपनी तैयारी दुरूस्त कर लें. इसके अलावा, टिड्डी दल का झुंड दिखाई देने पर ढोल, ड्रम बजाकर या फिर जोर-जोर से शोर मचा कर उन्हें अपने खेतों में न बैठने दें.

'टिड्डी दल की संख्या के हिसाब से ही करें कीटनाशक का छिड़काव'

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह ने कहा कि टिड्डी दलों के बैठने की उपयुक्त जगह ऐसे इलाके होते हैं, जहां रेतीले टिब्बे या अन्य जंगली पेड़ झुंड में लगे हुए हों. इसलिए ऐसे इलाके के आसपास के किसानों को काफी सजग रहने की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि टिड्डियों की संख्या अगर एक टिड्डी प्रति वर्ग मीटर से ज्यादा है तभी किसान फसलों में विश्वविद्यालय द्वारा सिफारिश किए गए कीटनाशक का छिड़काव करें. इसके अलावा अनावश्यक कीटनाशकों का उपयोग फसलों पर न करें और सोशल मीडिया पर अनावश्यक खबरें भी न फैलाएं.

विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. योगेश कुमार ने बताया कि टिड्डियों की संख्या को देखकर ही कीटनाशकों का छिड़काव करना चाहिए. एक खेत में अगर 50-100 टिड्डियां दिखाई दें तो स्प्रे की आवश्यकता नहीं होती. इन टिड्डियों को किसान शोर करके खेत उड़ा दें या फिर संभव हो तो किसी फट्टी से फसल को बिना नुकसान पहुंचाए मार दें.

ये भी पढ़ें- सिरसा में टिड्डी दल ने करीब 700 से 800 एकड़ फसल की बर्बाद, कृषि विभाग कर रहा आंकलन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.