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सूरत अग्निकांड के बाद प्रशासन कितना अलर्ट? ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में खुलासा

गुजरात के सूरत में कोचिंग सेंटर में लगी आग के बाद से प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने भी रियलिटी चेक किया कि आखिर इतने बड़े हादसे के बाद प्रशासन कितना जागरूक हुआ है.

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Published : May 26, 2019, 5:33 PM IST

Updated : May 26, 2019, 11:22 PM IST

हिसारः गुजरात के सूरत में हुए भीषण अग्निकांड के बाद उकलाना जैसे कस्बे में सुविधाओं का टोटा सामने आया है. ईटीवी भारत की टीम ने जब हिसार का रियलिटी चेक किया तो पाया कि उकलाना जैसे छोटे कस्बे में भी 10 से अधिक कोचिंग एवं कंप्यूटर सेंटर ऐसे हैं, जहां कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. सेंटर्स पर सावधानी के लिए यंत्रों का भारी टोटा है.

ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में सामने आया चौंकाने वाला सच

राम भरोसे जिले की सुरक्षा!

रियलिटी चेक में सामने आया कि उकलाना के अंदर कई महीनों से फायर ब्रिगेड की कोई सुविधा नहीं है और ना ही मार्केट कमेटी में फायर ब्रिगेड के लिए कोई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है. ऐसा लगता है मानो उकलाना क्षेत्र की सुरक्षा राम भरोसे चल रही है.

शिकायत के बाद भी नहीं कोई कार्रवाई

इस बारे में जब मार्केट कमेटी में जाकर देखा गया तो परिणाम चौंकाने वाले थे. मार्केट कमेटी के चेयरमैन धर्मवीर वर्मा ने खुद माना कि उकलाना के अंदर ना तो फायर ब्रिगेड की सुविधा है और ना ही कोई कर्मचारी है. चेयरमैन ने कहा कि इसको लेकर वो कई बार अधिकारियों एवं सरकार को भी अवगत करवा चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

आज नहीं कल लग जाएंगे सारे उपकरण- टीचर

वहीं बात करें ट्यूशन इंस्टीट्यूट्स की तो यहां पर मौजूद शिक्षकों का कहना है कि गुजरात में हुए हादसे के बाद से उन्होंने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. हालांकि अभी तक इन कोचिंग सेंटर्स में फायर इक्विपमेंट्स नहीं लगाए गए हैं. लेकिन अधिकारियों के मुताबिक कल तक ये भी लग जाएंगे.

आगजनी से बचने का नहीं कोई पुख्ता इंतजाम- मार्केट सह सचिव

इस पूरे मामले को लेकर मार्केट कमेटी के सह सचिव दीपक ने बताया कि फायर ब्रिगेड को लेकर उकलाना में कोई व्यवस्था नहीं है. अगर कोई आगजनी की घटना हो जाती है तो उकलाना को भूना, टोहाना, बरवाला हिसार पर निर्भर रहना पड़ता है और वहीं से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आती हैं.

हिसारः गुजरात के सूरत में हुए भीषण अग्निकांड के बाद उकलाना जैसे कस्बे में सुविधाओं का टोटा सामने आया है. ईटीवी भारत की टीम ने जब हिसार का रियलिटी चेक किया तो पाया कि उकलाना जैसे छोटे कस्बे में भी 10 से अधिक कोचिंग एवं कंप्यूटर सेंटर ऐसे हैं, जहां कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. सेंटर्स पर सावधानी के लिए यंत्रों का भारी टोटा है.

ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में सामने आया चौंकाने वाला सच

राम भरोसे जिले की सुरक्षा!

रियलिटी चेक में सामने आया कि उकलाना के अंदर कई महीनों से फायर ब्रिगेड की कोई सुविधा नहीं है और ना ही मार्केट कमेटी में फायर ब्रिगेड के लिए कोई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है. ऐसा लगता है मानो उकलाना क्षेत्र की सुरक्षा राम भरोसे चल रही है.

शिकायत के बाद भी नहीं कोई कार्रवाई

इस बारे में जब मार्केट कमेटी में जाकर देखा गया तो परिणाम चौंकाने वाले थे. मार्केट कमेटी के चेयरमैन धर्मवीर वर्मा ने खुद माना कि उकलाना के अंदर ना तो फायर ब्रिगेड की सुविधा है और ना ही कोई कर्मचारी है. चेयरमैन ने कहा कि इसको लेकर वो कई बार अधिकारियों एवं सरकार को भी अवगत करवा चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

आज नहीं कल लग जाएंगे सारे उपकरण- टीचर

वहीं बात करें ट्यूशन इंस्टीट्यूट्स की तो यहां पर मौजूद शिक्षकों का कहना है कि गुजरात में हुए हादसे के बाद से उन्होंने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. हालांकि अभी तक इन कोचिंग सेंटर्स में फायर इक्विपमेंट्स नहीं लगाए गए हैं. लेकिन अधिकारियों के मुताबिक कल तक ये भी लग जाएंगे.

आगजनी से बचने का नहीं कोई पुख्ता इंतजाम- मार्केट सह सचिव

इस पूरे मामले को लेकर मार्केट कमेटी के सह सचिव दीपक ने बताया कि फायर ब्रिगेड को लेकर उकलाना में कोई व्यवस्था नहीं है. अगर कोई आगजनी की घटना हो जाती है तो उकलाना को भूना, टोहाना, बरवाला हिसार पर निर्भर रहना पड़ता है और वहीं से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आती हैं.

NEWS BY - SAJJAN KUMAR / HISAR
SLUG - REALTY CHECK OF COCHING CENTER
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सूरत में हुए भीषण हादसे के बाद उकलाना जैसे कस्बे मे सुविधाओं का टोटा सामने आया है। ईटीवी भारत ने जब रियलिटी चेक की तो पाया कि उकलाना जैसे छोटे कस्बे में भी 10 से अधिक कोचिंग एवं कंप्यूटर सेंटर चल रहे हैं। लेकिन किसी भी सेंटर पर सावधानी के लिए यंत्रों का भारी टोटा है और बात की जाए पूरे उकलाना की तो उकलाना भी बारूद के ढेर पर बैठा ही समझो।
 उकलाना के अंदर कई महीनों से फायर ब्रिगेड की कोई सुविधा नहीं है। ना ही मार्केट कमेटी में फायर ब्रिगेड के लिए कोई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। पूरा उकलाना क्षेत्र की सुरक्षा राम भरोसे है। जब मार्केट कमेटी में जाकर रियलिटी चेक की तो परिणाम चौंकाने वाले थे। मार्केट कमेटी के चेयरमैन धर्मवीर वर्मा ने खुद माना कि उकलाना के अंदर ना तो फायर ब्रिगेड की सुविधा है और ना कर्मचारी ।
चेयरमैन ने कहा कि इसको लेकर वह कई बार अधिकारियों एवं सरकार को भी अवगत करवा चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई ।
इस पूरे मामले को लेकर जब मार्केट कमेटी के सचिव का पक्ष जानना चाहा तो वह छुट्टी पर मिले लेकिन उनके स्थान पर सह सचिव दीपक ने बताया कि फायर ब्रिगेड को लेकर उकलाना में कोई व्यवस्था नहीं है। अगर कोई आगजनी की घटना हो जाती है तो उकलाना को भूना, टोहाना, बरवाला हिसार पर निर्भर रहना पड़ता है और वहीं से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आती हैं। अब सोचने लायक विषय यह है कि सरकार विकास के दावे कर रही है प्रशासन विकास कार्यों के होने का दावा कर रहा है लेकिन जमीनी हकीकत से सब कुछ परे हैं। 
Last Updated : May 26, 2019, 11:22 PM IST
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