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किसानों के धान और कपास के सही मूल्य की मांग को लेकर इनेलो का प्रदर्शन, राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

हिसार में इनेलो ने किसानों की धान और कपास की फसल न बिकने के विरोध में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इनेलो का आरोप है कि बीजेपी सरकार ने चुनाव के तुरंत बाद धान की खरीद और किसानों द्वारा मंडियों में धान लाने पर पाबंदी लगा दी है.

INLD protest against haryana govt's demand for farmers
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Published : Nov 6, 2019, 9:48 AM IST

हिसार: इनेलो ने किसानों की धान और कपास की फसल न बिकने के विरोध में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. किसानों से हो रही लूट के विरोध में इनेलो ने जिला प्रधान सतबीर सिसाय के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा है.

इनेलो ने किसानों के लिए सरकार से की मांग

जिला प्रधान सतबीर सिसाय ने बताया कि बीजेपी सरकार ने चुनाव के तुरंत बाद धान की खरीद और किसानों द्वारा मंडियों में धान लाने पर पाबंदी लगा दी है. इस पाबंदी के कारण किसानों को मजबूरन औने-पौने दामों में अपनी धान की फसल बेचनी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1835 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया हुआ है, लेकिन सरकारी अधिकारियों और राईस मिलर्स की मिलीभगत के कारण नमी की आड़ में 150 से 200 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से कटौती की जा रही है, जिसके कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.

इनेलो का हरियाणा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, देखें वीडियो

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सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोपी

उन्होंने बताया कि इस लूट के विरोध में किसानों ने प्रदेश में कई स्थानों पर प्रदर्शन कर अपना रोष प्रकट किया है. उन्होंने बताया कि धान के अलावा कपास की खरीद भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं की जा रही है. कपास की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5500-5600 रुपए है और किसानों को 4700-4800 रुपए प्रति क्विंटल का रेट दिया जा रहा है.

पराली को लेकर किये गए मुकदमें भी वापस लेने की मांग

उन्होंने कहा कि इनेलो कपास को निर्धारित मूल्य से कम रेट पर खरीदने का पूरजोर विरोध करती है. इसके अलावा किसानों पर पराली जलाने को लेकर केस दर्ज करने का पूरजोर विरोध करती है. इनेलो की सरकार से मांग है कि धान और कपास की खरीद निर्धारित मूल्य पर तत्काल शुरू की जाए और अनाधिकृत कटौती की भरपाई की जाए तथा पराली जलाने को लेकर दर्ज किए गए मुकदमें वापस लिए जाएं.

हिसार: इनेलो ने किसानों की धान और कपास की फसल न बिकने के विरोध में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. किसानों से हो रही लूट के विरोध में इनेलो ने जिला प्रधान सतबीर सिसाय के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा है.

इनेलो ने किसानों के लिए सरकार से की मांग

जिला प्रधान सतबीर सिसाय ने बताया कि बीजेपी सरकार ने चुनाव के तुरंत बाद धान की खरीद और किसानों द्वारा मंडियों में धान लाने पर पाबंदी लगा दी है. इस पाबंदी के कारण किसानों को मजबूरन औने-पौने दामों में अपनी धान की फसल बेचनी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1835 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया हुआ है, लेकिन सरकारी अधिकारियों और राईस मिलर्स की मिलीभगत के कारण नमी की आड़ में 150 से 200 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से कटौती की जा रही है, जिसके कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोपी

उन्होंने बताया कि इस लूट के विरोध में किसानों ने प्रदेश में कई स्थानों पर प्रदर्शन कर अपना रोष प्रकट किया है. उन्होंने बताया कि धान के अलावा कपास की खरीद भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं की जा रही है. कपास की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5500-5600 रुपए है और किसानों को 4700-4800 रुपए प्रति क्विंटल का रेट दिया जा रहा है.

पराली को लेकर किये गए मुकदमें भी वापस लेने की मांग

उन्होंने कहा कि इनेलो कपास को निर्धारित मूल्य से कम रेट पर खरीदने का पूरजोर विरोध करती है. इसके अलावा किसानों पर पराली जलाने को लेकर केस दर्ज करने का पूरजोर विरोध करती है. इनेलो की सरकार से मांग है कि धान और कपास की खरीद निर्धारित मूल्य पर तत्काल शुरू की जाए और अनाधिकृत कटौती की भरपाई की जाए तथा पराली जलाने को लेकर दर्ज किए गए मुकदमें वापस लिए जाएं.

Intro:सरकार द्वारा धान व कपास की खरीद बंद करने और नमी के नाम पर किसानों से हो रही लूट के विरोध में इनेलो पदाधिकारियों ने आज जिला प्रधान सतबीर सिसाय के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा। Body:जिला प्रधान सतबीर सिसाय ने बताया कि भाजपा सरकार द्वारा चुनाव के तुरंत बाद धान की खरीद और किसानों द्वारा मंडियों में धान लाने पर पाबंदी लगा दी है, जिसके कारण किसानों को मजबूरन औने-पौने दामों में अपनी धान की फसल बेचनी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1835 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया हुआ है, लेकिन सरकारी अधिकारियों और राईस मिलर्स की मिलीभगत के कारण नमी की आड़ में 150 से 200 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से कटौती की जा रही है, जिसके कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को दिए जा रहे जे फार्म में जो राशि अंकित की जा रही है वह वास्तव में नहीं दी जा रही है। इनेलो जिला प्रधान ने आरोप लगाया कि नमी के मापदंड की आड़ में किसानों को लूटा जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस लूट के विरोध में किसानों ने प्रदेश में कई स्थानों पर प्रदर्शन कर अपना रोष प्रकट किया है। उन्होंने बताया कि धान के अलावा कपास की खरीद भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं की जा रही है। Conclusion:कपास की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5500-5600 रुपए है और किसानों को 4700-4800 रुपए प्रति क्विंटल का रेट दिया जा रहा है। इसको लेकर किसानों में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि इनेलो धान की खरीद पर पाबंदी लगाने, नमी की आड़ में अनाधिकृत कटौती करने, कपास को निर्धारित मूल्य से कम रेट पर खरीदने का पूरजोर विरोध करती है। इसके अलावा किसानों पर पराली जलाने को लेकर केस दर्ज करने का पूरजोर विरोध करती है। उन्होंने कहा कि इनेलो सरकार से मांग करती है कि धान व कपास की खरीद निर्धारित मूल्य पर तत्काल शुरू की जाए और अनाधिकृत कटौती की भरपाई की जास तथा पराली जलाने को लेकर दर्ज किए गए मुकदमें वापस लिए जाएं।
बाईट -सतबीर सिसाय जिला प्रधान इनेलो
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