हिसार: कैथवारा चौक पर आईएमए डॉक्टरों ने चिकित्सा पद्धतियों को एक करने के विरोध में सांकेतिक प्रदर्शन किया. आईएमए के सचिव डॉ. संदीप कालरा ने बताया कि चिकित्सा पद्धतियों को एक करना आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ है.
उन्होंने कहा कि एलोपैथी, आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति को एक करना बिल्कुल सही नहीं है. इससे आयुर्वेद खत्म हो जाएगा, जो प्राचीन पद्धति है. पद्धतियों को एक करने से चिकित्सा विधियों की वशिष्ठता खत्म हो जाएंगी.
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आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने आयुर्वेद अध्ययन के पाठ्यक्रम में सर्जिकल प्रक्रिया को भी जोड़ा है. इसे आयुष शिक्षा में पीजी और एमएस कोर्स करने वाले डॉक्टर हड्डी, ईएनटी, आंखों और दांतों की सर्जरी कर सकेंगे. एलोपैथिक डॉक्टर इसका विरोध कर रहे हैं. वहीं इंडियन डेंटल एसोसिएशन ने भी फैसले का विरोध किया है.