हिसार: जिले में मौसम में तपन (heat wave in hisar) होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गर्मी इतनी अधिक है कि लोगों को घऱ से निकलने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जून के माह में हिसार का तापमान 46.6 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है जोकि अब तक का सबसे अधिक तापमान रिकॉर्ड हुआ (humans are suffering from heat in Hisar ) है. हर साल की तुलना में इस माह में सबसे अधिक तापमान में गर्मी दर्ज की गई है.
गर्मी का आम जनजीवन पर प्रभाव तो पड़ ही रहा है, वहीं फसलों पर भी इसका काफी हद तक प्रभाव पड़ता नजर आ रहा है. गर्मी की वजह से किसानों की फसलों में अल्सर आने लगी है और इसके साथ-साथ सब्जी की खेती पर भी बेहद बुरा प्रभाव पड़ रहा है. हरियाणा एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय (Agriculture University in Haryana) के मौसम व कृषि वैज्ञानिक डॉ. मदनलाल खीचड़ में जानकारी देते हुए बताया कि पहले की अपेक्षा है अधिक गर्मी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि 10 जून से मौसम में बदलाव आने की संभावना है.
डॉक्टर मदन लाल ने बताया कि जून के माह में अब तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा चल रहा है, जो इस मौसम में सामान्य तापमान से 3 डिग्री अधिक है. उन्होंने बताया कि जब 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान हो जाता है तो तापमान की वजह से अस्थिरता का माहौल बन जाता है. ऐसे माहौल में धूल भरी हवाएं चलने लगती हैं और कहीं-कहीं बादल भी आ जाते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में किसानों को भी अपनी फसलों का विशेष ख्याल रखना चाहिए.
खेत में जो भी फसलें और सब्जियां हैं या हरे चारे वाली फसलें हैं उनमें इस समय पानी की डिमांड बेहद बढ़ जाती है क्योंकि तापमान के बढ़ने की वजह से वाष्पीकरण ज्यादा होता है. किसानों के लिए हमारी सलाह है कि फसलों में लगातार पानी देते रहें. विशेष तौर पर सब्जी की फसलों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. मौसम को देखते हुए किसान भाई खेतों में खड़ी फसलों और सब्जियों में हल्का पानी जरूरत के अनुसार देते रहें. गर्मी में फसलों को पानी की बेहद जरूरत होती है. समय पर पानी ना मिलने और पौधे के तने में पानी की कमी होने की वजह से विकास कम होता है और पैदावार पर करीब 5 से 10% तक का फर्क पड़ता है.