हिसार: स्याहड़वा गांव में मिट्टी गिरने से कुएं में दबे (hisar well accident) किसान जयपाल का शव आखिरकार मिल गया है. 60 घंटे की खुदाई के बाद किसान जयपाल की डेडबॉडी दिखाई दी है. NDRF के जवान जयपाल के शव के पास पहुंच चुके हैं. मौके पर सेना, स्वास्थ्य विभाग और इमरजेंसी मेडिकल टीम मौजूद है. बता दें कि रेतीली मिट्टी होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी हो रही थी. बार-बार मिट्टी गिरने की वजह से तीसरे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन में बदलाव किया गया.
नई नीति के तहत कुएं के चारों तरफ पचास फीट तक खुदाई की गई. जिससे जयपाल का शव मिलने में आसानी हुई. सेना और एनडीआरएफ की टीम मिलकर रेस्क्यू अभियान चलाया. इससे पहले सोमवार शाम को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बड़ा हादसा होने से बच गया. खुदाई के दौरान मिट्टी फिर से खिसक गई. जिसकी वजह से कुएं में मिट्टी खोद रहे एनडीआरएफ के जवान भी धंस गए. गनीमत रही कि जवान को किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ. सुरक्षा उपकरणों की वजह से एनडीआरएफ के जवान को तुरंत बाहर निकाल लिया गया. इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया था.
एक शव पहले हो चुका है बरामद: स्याहड़वा गांव में कुएं में दबे दो व्यक्तियों में से एक व्यक्ति के शव को बाहर निकाल लिया गया है. सोमवार सुबह लगभग साढ़े चार बजे सेना और एनडीआरएफ की टीम ने एक शव बरामद कर लिया. वहीं दूसरे की तलाश भी अब पूरी हो गई है. किसान जयपाल के शव को 60 घंटे की खुदाई के बाद बाहर निकाल लिया गया है.
क्या है पूरा मामला? बता दें कि रविवार सुबह 7 बजे स्याहड़वा गांव के जयपाल और जगदीश खेत में बने एक गहरे कुएं में किसी काम से उतरे थे. वहीं दो-तीन व्यक्ति कुएं के ऊपर ही मौजूद थे. दोनों 40 फुट नीचे कुएं में काम कर ही रहे थे कि कुएं की मिट्टी धंस गई. जिसके चलते जयपाल और जगदीश मिट्टी के नीचे दब (Two laborers buried in well in Hisar) गए. कुएं के ऊपर मौजूद लोगों ने शोर मचाया तो आसपास के लोग मौके पर पहुंचे. पहले ग्रामीणों ने अपने स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया लेकिन कामयाबी ना मिलने पर सेना और एनडीआरएफ ने बुलाया.
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