हिसार: आज के समय में आधुनिकता बढ़ने के साथ मशीनों और डिजिटल उपकरणों पर निर्भरता बढ़ती जा रही है. इस निर्भरता के लिए पहली जरूरत बिजली की होती है. लॉकडाउन के बाद बिजली की खपत भी बढ़ गई है. बहुत से लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. इसके अलावा डिजिटलाइजेसन से मशीनी काम भी बहुत ज्यादा बढ़ गया. इन सब के बीच होने वाले पावर कट दुकानदारों और छोटे उद्यमियों के लिए मुसीबत बन गए हैं. दुकानदारों की मानें तो सरकार 24 घंटे बिजली देने की बात तो करती है. लेकिन मेंटेनेंस के नाम पर सप्ताह में दो बार पावर कट होते हैं.
मेंटेनेंस के नाम पर 5-6 घंटे कट हो जाती है लाइट
किराना होलसेल व्यापारी सुरेन्द्र का कहना है कि वैसे तो लाइट पर कोई कट नहीं है, लेकिन मेंटेनेंस के नाम पर सप्लाई बंद कर दी जाती है. जिसके लिए सप्ताह में एक बार तो पक्का कट लगता है. कई बार मैसेज करके एक-दो घंटे कट लगने की जानकारी दी जाती है, लेकिन 6 घंटे तक लाइट नहीं आती.
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सिर्फ रिपेयरिंग में दिक्कतें सामने आती हैं- एक्सईएन
इन सबके बीच बिजली विभाग का दावा अलग है. बिजली विभाग के एक्सईएन जीतराम ने कहना है कि जो लाइने पुरानी हैं उनको बदलने के लिए या फिर रिपेयरिंग के लिए सप्लाई बाधित होती है. जिसके लिए उपभोक्ताओं को पहले सूचित किया जाता है. पीक सीजन में ऐसी दिक्कतें नहीं आती. उसके लिए पहले से हम तैयारी करते हैं. अब जहां अधिक लोड है वहां अलग अलग फीडर बनाए जा रहे हैं.
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शहरी क्षेत्रों में भी दिन में 5-6 घंटे बिजली कट
वैसे तो जिले के सभी शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रो में 16 घंटे बिजली सप्लाई का दावा किया जाता है, लेकिन हिसार की बात करें तो सुबह 12 से 2 बजे तक अक्सर बिजली नहीं रहती. उसके बाद शाम 5 से सुबह 7 बजे तक सप्लाई रहती है, लेकिन सुबह 7 से 12 बजके तक फिर बिजली गुल हो जाती है.
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