हिसार: जिले के गांव मल्लापुर में रहने वाले एवरेस्ट विजेता रोहताश खिलेरी इस बार नया इतिहास रचने की तैयारी में जुट गए हैं. रोहताश खिलेरी 21 फरवरी को दिल्ली से अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी के लिए रवाना होंगे. अबकी बार वो अफ्रीका महाद्वीप के तंजानिया की माउंट क्लिमंजारो जिसकी ऊंचाई 5 हजार 895 मीटर है, और जहां -29 डिग्री तापमान रहता है, वहां पर 24 घंटे रहकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में हैं.
वहीं इससे पहले भी रोहताश खिलेरी ने दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ पर चढ़ने का सपना देखा और माउंट एवरेस्ट आखिरकार 2018 में जीत लिया. रोहताश ने 2018 में ही 23 जुलाई को अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी क्लिमंजारो को फतह कर चुके हैं और तो और रोहताश यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर भी परचम लहरा चुके हैं.
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रोहताश बताते हैं एक दिन मार्शल आर्ट चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए काठमांडू जाते समय उन्होंने अपने जीवन में पहली बार बर्फीले पहाड़ों की एक झलक देखी. इसके बारे में पूछने पर बगल में बैठे नेपाली ने जानकारी दी कि ये पहाड़ एवरेस्ट के नाम से मशहूर सागरमाथा नामक सबसे ऊंचे पहाड़ों में से एक है, जिसके बाद रोहताश ने एवरेस्ट पर चढ़ने का सपना देखा.
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रोहताश का कहना है कि वो दोबारा माऊंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करना चाहते हैं लेकिन नेपाल सरकार की तरफ से उन्हें परमिशन नहीं मिली है इसलिए अब उनका एक और लक्ष्य है और वो अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी क्लिमंजारो है जहां वो 24 घंटे बिताकर देश का नाम रौशन करना चाहते हैं.