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हिसार-चंडीगढ़ हाईवे पर ग्रामीणों का धरना, यातायात बंद, जानिए क्या है वैकल्पिक रास्ता

ग्रामीणों ने शनिवार को हिसार-चंडीगढ़ रास्ते पर धरना शुरू कर दिया है. जिसके कारण इस हाईवे पर यातायात बंद हो गया है. इसलिए हिसार से चंडीगढ़ या चंडीगढ़ से हिसार जाने के लिए (Hisar Chandigarh highway Alternative route) वै​कल्पिक रास्तों से ही आवागमन संभव है.

Hisar latest news Villagers Protest on Hisar Chandigarh highway Alternative route
धरना देते ग्रामीण
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Published : Feb 11, 2023, 2:11 PM IST

हिसार-चंडीगढ़ हाईवे पर ग्रामीणों का धरना

हिसार: हिसार एयरपोर्ट चौक से तलवंडी राणा सड़क मार्ग विवाद अब तूल पकड़ता जा रहा है. चंडीगढ़ हाईवे पर ग्रामीणों का धरना शुरू होने से यहां यातायात प्रभावित हो रहा है. इससे पहले शुक्रवार को ग्रामीणों ने दिल्ली हाईवे जाम किया था. इस दौरान ग्रामीणों और पुलिस में झड़प भी हुई थी. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि या तो उन्हें सड़क मार्ग वापस दिया जाए, नहीं तो हवाई पट्टी भी उखाड़ दी जाएगी.

जानकारी के अनुसार प्रशासन ने देर रात बरवाला चंडीगढ़ मार्ग को बंद करने के मामले के बाद शुक्रवार सुबह जब ग्रामीण रोष प्रकट करने एयरपोर्ट के मुख्य गेट की ओर धरना स्थल पर आने लगे, तो पुलिस ने बॉटलिंग प्लांट के पास उन्हें रोक दिया. इस दौरान ग्रामीणों व पुलिस के बीच टकराव की स्थिति बन गई. इस पर रोड बचाओ संघर्ष समिति हिसार के प्रधान एडवोकेट ओपी कोहली ने एसपी से बात की.

एसपी के हस्तक्षेप के बाद ग्रामीणों को वहां से पैदल धरना स्थल पर जाने दिया गया. इस घटना के बाद सभी ग्रामीणों ने एकजुट होकर फैसला किया कि वे अपने घर, प्रतिष्ठान, दुकान पर काले झंडे लगाकर इसका विरोध करेंगे. इसके बाद देर शाम संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने गांव में पंचायत की. इस पंचायत में ग्रामीणों ने शनिवार से चंडीगढ़ हाईवे से तलवंडी राणा बाइपास पर धरना देने का निर्णय किया.

पढ़ें: उत्तर प्रदेश में जारी हुआ हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र, जानिए क्या है मामला

हिसार-चंडीगढ़ के लिए वैकल्पिक रास्ता: चंडीगढ़ की तरफ से हिसार की ओर जाने के लिए बहबलपुर से धिगताना पहुंचे. इसके बाद धिगताना से धान्सू- मिर्जापुर होते हुए हिसार जा सकते हैं. वहीं दूसरा वैकल्पिक मार्ग तलवंडी राणा से सीधे ढंदूर के पास से सिरसा रोड होते हुए हिसार पहुंचा जा सकता है. वहीं अगर आप हिसार से चंडीगढ़ की तरफ जाना चाहते हैं तो इन वैकल्पिक रास्तों से जा सकते हैं.

हिसार से तलवंडी राणा जाने वाले सिरसा रोड से ढ़ंढूर होते हुए तलवंडी पहुंचे या फिर मिर्जापुर-धासू होते हुए तलवंडी पहुंच सकते हैं. इसके अलावा मिर्जापुर से सुलखनी होते हुए बुगाना धिकताना से हाईवे पर पहुंचा जा सकता है. हिसार से बहबलपुर-चंडीगढ़ को जाने वाले सिरसा रोड से ढ़ंढूर होते हुए चंडीगढ़ रोड पर आ जाएं या मिर्जापुर- धान्सू बहबलपुर होते हुए चंडीगढ़ रोड पर आ सकते हैं.

पढ़ें: हरियाणा में हजारों सरकारी पदों की समाप्ति पर बोले राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा, कहा- डिजिटल टेक्नोलॉजी से मैन पावर कम हुआ

ग्रामीण इसलिए कर रहे हैं विरोध: समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि इस तरह से बिना तैयारी के सड़क को बंद करने से कई गांवों के लोगों को आर्थिक व मानसिक परेशानी उठानी पड़ेगी. जिन गांवों की हिसार से 13 किलोमीटर दूरी पर कनेक्टिविटी थी, वह अब दोगुना हो गई है. इससे गांव से हिसार शहर आने जाने-आने का किराया बढ़ेगा, निजी वाहनों का फ्यूल अधिक खर्च होगा. निर्धारित स्थान पर पहुंचने के लिए समय भी अधिक लगेगा. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने उनके साथ वादाखिलाफी की है. क्योंकि डिप्टी सीएम ने वादा किया था कि पहले ग्रामीणों के लिए स्थायी सड़क बनाई जाएगी, उसके बाद वर्तमान अस्थायी मार्ग को बंद किया जाएगा.

यह है फोरलेन का स्टेटस: बीएंडआर विभाग मिर्जापुर चौक से तलवंडी राणा बाइपास तक बनने वाले 8 किलोमीटर के फोरलेन के लिए करीब 110 एकड़ जमीन को ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से खरीदने की सहमति ले चुका है. इस प्रोसेस में सभी तरह की प्रक्रिया पूरी करने के बाद अब रजिस्ट्री कराना शेष रहा है. बीएंडआर के इस प्रोजेक्ट को लेकर सरकार ने 153 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं.

पढ़ें: हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में ड्रेस कोड लागू होने पर कांग्रेस विधायक का पलटवार, कहा- भाजपा सरकार में बेटियों को खतरा

इनमें से 120 करोड़ रुपये किसानों की जमीनों की कीमत के दिए गए हैं. साथ ही 33 करोड़ रुपए फोरलेन रोड बनाने के लिए दिए गए हैं. 110 एकड़ जमीन में करीब 1 हजार के आसपास किसानों की हिस्सेदारी है. इसके साथ ही बीएंडआर के अधिकारी इसकी निशानदेही कराकर इस पर कब्जा लेंगे. बाद में इस फोरलेन रोड की का डिटेल एस्टीमेट बनाकर हेड ऑफिस भेज कर अप्रूव कराया जाएगा. इस पूरी प्रोसेस में 3 से 5 महीने का समय लग सकता है.

अगले सप्ताह रजिस्ट्री के साथ किसानों को देंगे राशि: इधर, बीएंडआर के पास 59 करोड़ रुपए ट्रेजरी से पहुंच चुका है. बीएंडआर के अधिकारियों ने इस राशि को बैंक को सौंप दिया है. अब इस पेमेंट की अलग-अलग किसानों के नाम डीडी बनाए जाएंगे. यानी जो जमीनों के मालिक हैं, उनके नाम डीडी बनाए जाएंगे. बीएंडआर के अधिकारियों का कहना है कि इसके साथ तहसील कार्यालय से रजिस्ट्री को लेकर टोकन डेट ली जाएगी. रजिस्ट्री कराने के साथ जमीन में जो भी हिस्सेदार हैं, उन्हें पेमेंट का डीडी सौंप दिया जाएगा. इसके बाद ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो पाएगा.

हिसार-चंडीगढ़ हाईवे पर ग्रामीणों का धरना

हिसार: हिसार एयरपोर्ट चौक से तलवंडी राणा सड़क मार्ग विवाद अब तूल पकड़ता जा रहा है. चंडीगढ़ हाईवे पर ग्रामीणों का धरना शुरू होने से यहां यातायात प्रभावित हो रहा है. इससे पहले शुक्रवार को ग्रामीणों ने दिल्ली हाईवे जाम किया था. इस दौरान ग्रामीणों और पुलिस में झड़प भी हुई थी. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि या तो उन्हें सड़क मार्ग वापस दिया जाए, नहीं तो हवाई पट्टी भी उखाड़ दी जाएगी.

जानकारी के अनुसार प्रशासन ने देर रात बरवाला चंडीगढ़ मार्ग को बंद करने के मामले के बाद शुक्रवार सुबह जब ग्रामीण रोष प्रकट करने एयरपोर्ट के मुख्य गेट की ओर धरना स्थल पर आने लगे, तो पुलिस ने बॉटलिंग प्लांट के पास उन्हें रोक दिया. इस दौरान ग्रामीणों व पुलिस के बीच टकराव की स्थिति बन गई. इस पर रोड बचाओ संघर्ष समिति हिसार के प्रधान एडवोकेट ओपी कोहली ने एसपी से बात की.

एसपी के हस्तक्षेप के बाद ग्रामीणों को वहां से पैदल धरना स्थल पर जाने दिया गया. इस घटना के बाद सभी ग्रामीणों ने एकजुट होकर फैसला किया कि वे अपने घर, प्रतिष्ठान, दुकान पर काले झंडे लगाकर इसका विरोध करेंगे. इसके बाद देर शाम संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने गांव में पंचायत की. इस पंचायत में ग्रामीणों ने शनिवार से चंडीगढ़ हाईवे से तलवंडी राणा बाइपास पर धरना देने का निर्णय किया.

पढ़ें: उत्तर प्रदेश में जारी हुआ हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र, जानिए क्या है मामला

हिसार-चंडीगढ़ के लिए वैकल्पिक रास्ता: चंडीगढ़ की तरफ से हिसार की ओर जाने के लिए बहबलपुर से धिगताना पहुंचे. इसके बाद धिगताना से धान्सू- मिर्जापुर होते हुए हिसार जा सकते हैं. वहीं दूसरा वैकल्पिक मार्ग तलवंडी राणा से सीधे ढंदूर के पास से सिरसा रोड होते हुए हिसार पहुंचा जा सकता है. वहीं अगर आप हिसार से चंडीगढ़ की तरफ जाना चाहते हैं तो इन वैकल्पिक रास्तों से जा सकते हैं.

हिसार से तलवंडी राणा जाने वाले सिरसा रोड से ढ़ंढूर होते हुए तलवंडी पहुंचे या फिर मिर्जापुर-धासू होते हुए तलवंडी पहुंच सकते हैं. इसके अलावा मिर्जापुर से सुलखनी होते हुए बुगाना धिकताना से हाईवे पर पहुंचा जा सकता है. हिसार से बहबलपुर-चंडीगढ़ को जाने वाले सिरसा रोड से ढ़ंढूर होते हुए चंडीगढ़ रोड पर आ जाएं या मिर्जापुर- धान्सू बहबलपुर होते हुए चंडीगढ़ रोड पर आ सकते हैं.

पढ़ें: हरियाणा में हजारों सरकारी पदों की समाप्ति पर बोले राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा, कहा- डिजिटल टेक्नोलॉजी से मैन पावर कम हुआ

ग्रामीण इसलिए कर रहे हैं विरोध: समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि इस तरह से बिना तैयारी के सड़क को बंद करने से कई गांवों के लोगों को आर्थिक व मानसिक परेशानी उठानी पड़ेगी. जिन गांवों की हिसार से 13 किलोमीटर दूरी पर कनेक्टिविटी थी, वह अब दोगुना हो गई है. इससे गांव से हिसार शहर आने जाने-आने का किराया बढ़ेगा, निजी वाहनों का फ्यूल अधिक खर्च होगा. निर्धारित स्थान पर पहुंचने के लिए समय भी अधिक लगेगा. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने उनके साथ वादाखिलाफी की है. क्योंकि डिप्टी सीएम ने वादा किया था कि पहले ग्रामीणों के लिए स्थायी सड़क बनाई जाएगी, उसके बाद वर्तमान अस्थायी मार्ग को बंद किया जाएगा.

यह है फोरलेन का स्टेटस: बीएंडआर विभाग मिर्जापुर चौक से तलवंडी राणा बाइपास तक बनने वाले 8 किलोमीटर के फोरलेन के लिए करीब 110 एकड़ जमीन को ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से खरीदने की सहमति ले चुका है. इस प्रोसेस में सभी तरह की प्रक्रिया पूरी करने के बाद अब रजिस्ट्री कराना शेष रहा है. बीएंडआर के इस प्रोजेक्ट को लेकर सरकार ने 153 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं.

पढ़ें: हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में ड्रेस कोड लागू होने पर कांग्रेस विधायक का पलटवार, कहा- भाजपा सरकार में बेटियों को खतरा

इनमें से 120 करोड़ रुपये किसानों की जमीनों की कीमत के दिए गए हैं. साथ ही 33 करोड़ रुपए फोरलेन रोड बनाने के लिए दिए गए हैं. 110 एकड़ जमीन में करीब 1 हजार के आसपास किसानों की हिस्सेदारी है. इसके साथ ही बीएंडआर के अधिकारी इसकी निशानदेही कराकर इस पर कब्जा लेंगे. बाद में इस फोरलेन रोड की का डिटेल एस्टीमेट बनाकर हेड ऑफिस भेज कर अप्रूव कराया जाएगा. इस पूरी प्रोसेस में 3 से 5 महीने का समय लग सकता है.

अगले सप्ताह रजिस्ट्री के साथ किसानों को देंगे राशि: इधर, बीएंडआर के पास 59 करोड़ रुपए ट्रेजरी से पहुंच चुका है. बीएंडआर के अधिकारियों ने इस राशि को बैंक को सौंप दिया है. अब इस पेमेंट की अलग-अलग किसानों के नाम डीडी बनाए जाएंगे. यानी जो जमीनों के मालिक हैं, उनके नाम डीडी बनाए जाएंगे. बीएंडआर के अधिकारियों का कहना है कि इसके साथ तहसील कार्यालय से रजिस्ट्री को लेकर टोकन डेट ली जाएगी. रजिस्ट्री कराने के साथ जमीन में जो भी हिस्सेदार हैं, उन्हें पेमेंट का डीडी सौंप दिया जाएगा. इसके बाद ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो पाएगा.

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