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हरियाणा: गन्ना किसानों के लिए वरदान साबित होगी ये किस्म! ज्यादा पैदावार कम खरपतवार है खूबी - चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने गन्ने की ऐसी किस्म विकसित की है जो किसानों के लिए वरदान साबित होगी. गन्ने की इस नई किस्म की 838 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की औसतन पैदावार आंकी गई है.

HAU develop sugarcane variety COH 160
गन्ना किसानों के लिए वरदान साबित होगी ये किस्म! ज्यादा पैदावार कम खरपतवार है खूबी
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Published : Jul 20, 2021, 5:38 PM IST

हिसार: हरियाणा में गन्ने की खेती सबसे ज्यादा यमुना नदी के आसपास के इलाकों में की जाती है. हालांकि अब फतेहाबाद, कैथल और जींद में भी किसान गन्ने का उत्पादन करने लगे हैं. लेकिन हरियाणा के गन्ना किसान प्रमुख रूप से सीओ 0238 किस्म की पैदावार करते हैं जिसमें बीमारियों की शिकायतें ज्यादा रहती हैं. इनमें लाल सड़न, स्मट और अन्य बीमारियां लगजाती है जिसकी वजह से किसानों की सारी महनत पर पानी फिर जाता है. लेकिन अब गन्ना किसानों के लिए राहत की खबर है.

हिसार में स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने गन्ने की उन्नत अगेती किस्म सीओएच 160 विकिसत की है. जो प्रदेश के किसानों और चीनी मिलों के लिए वरदान साबित होगी. ये किस्म जल्द पकने वाली और ज्यादा शर्करा वाली है और किसानों की आमदनी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. इसलिए सीओएच 160 किस्म किसानों की जरूरतों और उद्योगों की मांग को ध्यान में रखकर विकसित की गई किस्म है.

गन्ना किसानों के लिए वरदान साबित होगी ये किस्म! ज्यादा पैदावार कम खरपतवार है खूबी

ये भी पढ़ें: चंडीगढ़ के प्रोफेसर ने खोजी अंगूर की ऐसी किस्म जिसमें नहीं लगेगी बीमारी, खर्च कम और मुनाफा होगा ज्यादा

गन्ने की इस नई वैरायटी को लेकर कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने बताया कि सीओएच 160 किस्म के गन्ने की 838 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की औसतन पैदावार आंकी गई है. इसके अलावा ये किस्म गिरती नहीं है और मोड़ी फसल भी ली जा सकती है. इस किस्म के रोपण के 300 दिनों में ही खांड का अंश उच्च स्तर का (18.55 प्रतिशत) होता है, जिससे प्रति हेक्टेयर 11.36 टन वाणिज्यिक गन्ना चीनी प्राप्त होती है.

वहीं गन्ने की इस नई किस्म को लेकर किसानों में भी खुशी का माहौल है. उनका कहना है कि पुरानी गन्ने की किस्म में बीमारियां बहुत लगती थी जिसकी वजह से हम धान की फसल ज्यादा उगा रहे थे. लेकिन अब विश्विद्यालय के वैज्ञानिकों ने नई किस्म की खोज की है उसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं.

HAU develop sugarcane variety COH 160
सीओएच 160 किस्म के गन्ने की ये है खासियत

ये भी पढ़ें: किसान भाई धान की रोपाई में ये तकनीक अपनाएंगे तो बढ़ जाएगी कमाई, कृषि वैज्ञानिक दे रहे हैं टिप्स

विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुसार सीओएच 160 एक बहुमुखी किस्म है, जो शरद ऋतु और वसंत दोनों ऋतुओं में बोई जा सकती है. इस किस्म में अन्य किस्मों की तुलना में सिफारिश की गई एनपीके की मात्रा 25 प्रतिशत तक ज्यादा डाल सकते हैं, ताकि उत्पादन अधिक हासिल हो सके. अगर इसे थोड़ा दूरी पर रोपण किया जाता है तो यांत्रिक कटाई के लिए भी उपयुक्त किस्म है. वहीं इसमें चोटी भेदक और चूसने वाले कीटों के प्रति कम संवेदनशील है. कुल मिलाकर हरियाणा के गन्ना किसानों के लिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक अच्छी खोज की है जिससे आने वाले समय में किसानों का मुनाफा भी बढ़ेगा.

हिसार: हरियाणा में गन्ने की खेती सबसे ज्यादा यमुना नदी के आसपास के इलाकों में की जाती है. हालांकि अब फतेहाबाद, कैथल और जींद में भी किसान गन्ने का उत्पादन करने लगे हैं. लेकिन हरियाणा के गन्ना किसान प्रमुख रूप से सीओ 0238 किस्म की पैदावार करते हैं जिसमें बीमारियों की शिकायतें ज्यादा रहती हैं. इनमें लाल सड़न, स्मट और अन्य बीमारियां लगजाती है जिसकी वजह से किसानों की सारी महनत पर पानी फिर जाता है. लेकिन अब गन्ना किसानों के लिए राहत की खबर है.

हिसार में स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने गन्ने की उन्नत अगेती किस्म सीओएच 160 विकिसत की है. जो प्रदेश के किसानों और चीनी मिलों के लिए वरदान साबित होगी. ये किस्म जल्द पकने वाली और ज्यादा शर्करा वाली है और किसानों की आमदनी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. इसलिए सीओएच 160 किस्म किसानों की जरूरतों और उद्योगों की मांग को ध्यान में रखकर विकसित की गई किस्म है.

गन्ना किसानों के लिए वरदान साबित होगी ये किस्म! ज्यादा पैदावार कम खरपतवार है खूबी

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गन्ने की इस नई वैरायटी को लेकर कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने बताया कि सीओएच 160 किस्म के गन्ने की 838 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की औसतन पैदावार आंकी गई है. इसके अलावा ये किस्म गिरती नहीं है और मोड़ी फसल भी ली जा सकती है. इस किस्म के रोपण के 300 दिनों में ही खांड का अंश उच्च स्तर का (18.55 प्रतिशत) होता है, जिससे प्रति हेक्टेयर 11.36 टन वाणिज्यिक गन्ना चीनी प्राप्त होती है.

वहीं गन्ने की इस नई किस्म को लेकर किसानों में भी खुशी का माहौल है. उनका कहना है कि पुरानी गन्ने की किस्म में बीमारियां बहुत लगती थी जिसकी वजह से हम धान की फसल ज्यादा उगा रहे थे. लेकिन अब विश्विद्यालय के वैज्ञानिकों ने नई किस्म की खोज की है उसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं.

HAU develop sugarcane variety COH 160
सीओएच 160 किस्म के गन्ने की ये है खासियत

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विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुसार सीओएच 160 एक बहुमुखी किस्म है, जो शरद ऋतु और वसंत दोनों ऋतुओं में बोई जा सकती है. इस किस्म में अन्य किस्मों की तुलना में सिफारिश की गई एनपीके की मात्रा 25 प्रतिशत तक ज्यादा डाल सकते हैं, ताकि उत्पादन अधिक हासिल हो सके. अगर इसे थोड़ा दूरी पर रोपण किया जाता है तो यांत्रिक कटाई के लिए भी उपयुक्त किस्म है. वहीं इसमें चोटी भेदक और चूसने वाले कीटों के प्रति कम संवेदनशील है. कुल मिलाकर हरियाणा के गन्ना किसानों के लिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक अच्छी खोज की है जिससे आने वाले समय में किसानों का मुनाफा भी बढ़ेगा.

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