हिसार: आगंनवाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर उपायुक्त कार्यालय पर धरना दिया. अपनी मांगों को लेकर उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. सीटू जिला अध्यक्ष मोहन लाल ने कहा कि राज्य में आंगनवाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स ने अपनी लंबित मांगों के लिए 2018 व 2019 में राज्यभर में आन्दोलन किया था. इस बारे आपने स्वयं यूनियन प्रतिनिधियों से बातचीत कर मांगों के बारे सहमति जताई थी. इस बारे विधानसभा के सत्र तक में कुछ घोषणाएं की गई थी. लेकिन स्वीकृत मांगों में से कुछ को ही लागू किया गया.
ये हैं मांग
- वर्कर्स को कुशल व अर्ध कुशल श्रमिक की श्रेणी में व हैल्पर्स को पदनाम बदलकर अकुशल श्रमिक की श्रेणी में शामिल किया जाए. ईएसआई व पीएफ सहित महंगाई भता दिया जाए.
- सितंबर 2018 प्रधानमंत्री द्वारा घोषित वर्कर्स की 1500 व हैल्पर्स की 750 रुपये की बढ़ोतरी को तुंरत लागू किया जाए.
- मदर ग्रुप वर्कर्स को 6 दिन काम मिले व मेहनताना कम से कम 3 रुपये जरूर हों.
- आंगनवाड़ी केन्द्रों का किराया बड़े शहरों, छोटे शहरों व गांवों में क्रमश: 5000, 3000, 750 रुपये के अनुरूप तुरंत भुगतान हो.
- मृत्यु होने की स्थिति में वर्कर्स व हैल्पर्स के परिवारजनों को 3 लाख रुपये एक्सग्रेशिया दिया जाए.
- हैल्पर से वर्कर व वर्कर से सुपरवाईजर की पदोन्नति केवल सीनियरटी के आधार पर हो.
झूठा आश्वासन दिया
6 मार्च 2019 को हरियाणा सरकार ने यूनियन प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के दौरान आश्वस्त किया था कि घोषित व स्वीकृत मांगों को हर हाल में लागू किया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. यूनियन 26 अगस्त से पुनः अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन पर हैं. समय रहते अगर सरकार ने आंगनवाड़ी युनियन की मांगों को नहीं माना तो यूनियन बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होगी, जिसके लिए सरकार स्वयं जिम्मेवार होगी.