हिसार: क्रिकेटर युवराज सिंह, तारक मेहता का उल्टा चश्मा फेम अभिनेत्री मुनमुन दत्ता और अभिनेत्री युविका चौधरी के द्वारा अनुसूचित जाति समाज के खिलाफ टिप्पणी करने के मामले में एससी एसटी के तहत मामला दर्ज है. तीनों सेलिब्रिटी के खिलाफ दर्ज मामले में अभी तक पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट पेश नहीं की है. इसी को लेकर कोर्ट की तरफ से स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई थी. डीएसपी हांसी पुलिस और स्टेट क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को स्टेटस रिपोर्ट (Hansi Police presented status report) कोर्ट में पेश की है.
कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में हांसी शहर थाना प्रभारी व डीएसपी विनोद शंकर, स्टेट क्राइम ब्रांच के डीएसपी ललित कुमार ने बताया है कि क्रिकेटर युवराज सिंह के मामले में सबूत के तौर पर दी गई डीवीडी की फॉरेंसिक जांच के लिए भेजी गई है. जिसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है. वहीं अभिनेत्री युविका चौधरी ने अपने खिलाफ दर्ज केस को खारिज करने के लिए हाई कोर्ट में अपील की है जिसमें अभी सुनवाई होनी है. वहीं इन मामलों में जांच की जा रही है.
मामले में शिकायतकर्ता वकील रजत कल्सन का आरोप है कि पुलिस ने इन मामलों में जांच पूरी कर ली थी, लेकिन अब इन सेलिब्रिटी को बचाया जा रहा है. युवराज के मामले को 17 महीने व युविका चौधरी और मुनमुन दत्ता पर दर्ज मामले को 15 महीने से ज्यादा हो चुके हैं. पुलिस ने अभी तक कोर्ट में चार्जशीट पेश नहीं की है और जानबूझकर इस मामले की जांच अब हांसी पुलिस से स्टेट क्राइम ब्रांच को सौंप दी है.
एससी एसटी के मामले में पुलिस को नियमानुसार 60 दिन में चालान पेश करना होता है लेकिन अभी तक चालान पेश नहीं किया गया है. जानबूझकर सेलिब्रिटी को फायदा पहुंचाने का काम किया जा रहा है. ना ही स्टेट क्राइम ब्रांच ने अभी तक आरोपियों को तलब किया है. मई 2021 में मुनमुन दत्ता का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वो अनुसूचित जाति समाज के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करती नजर आ रही थी.
जिसके बाद दलित अधिकार कार्यकर्ता रजत कल्सन ने उनके खिलाफ थाना शहर आपसी में एक मुकदमा दर्ज कराया था. इससे पहले युवराज सिंह तथा फिल्म अभिनेत्री युविका चौधरी ने भी एससी समाज के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां (Yuvika chaudhary comment on Scheduled Castes) की थी. जिसके बाद उनके विरुद्ध थाना शहर हांसी में एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज हुए थे. बाद में उन्हें औपचारिक तौर पर गिरफ्तार होकर जांच में शामिल होना पड़ा था.
नेशनल अलायंस फॉर शेड्यूल क्लास ह्यूमन राइट्स के संयोजक एडवोकेट रजत कल्सन की शिकायत पर हांसी थाने में युविका चौधरी के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. शिकायत के अनुसार युविका अपने पति प्रिंस नरूला के साथ एक वीडियो शूट कर रही होती हैं. तभी युविका वहां फोन लेकर पहुंचती हैं और वीडियो बनाने लग जाती हैं. इसी दौरान वह जाति विशेष के बारे में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करती हैं.
यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हुआ तो लोग उन्हें गलत करार देकर करवाई की मांग करने लगे थे. सोशल मीडिया पर चौतरफा आलोचना होने के बाद युविका चौधरी ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर माफी भी मांगी थी. युवराज सिंह के खिलाफ भी हांसी में एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. इस केस में शिकायत के अनुसार एक वीडियो सामने आया था.
जिसमें मशहूर क्रिकेटर युवराज सिंह ने अपने साथियों के साथ चैटिंग के दौरान अनुसूचित जाति के लिए अपमानजनक टिप्पणी (Yuvraj Singh statement on Scheduled Castes) की थी. इसको लेकर रजत कल्सन ने हांसी थाना में 15 फरवरी 2021 एफआईआर को दर्ज करवाई थी. इस मामले में युवराज सिंह ने हाई कोर्ट का रुख किया हुआ है और हाई कोर्ट से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली. हाई कोर्ट ने उन्हें इन्वेस्टिगेशन में शामिल होने के लिए कहा, जिसके बाद युवराज सिंह हांसी पुलिस के समक्ष पेश हुए और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ की और जमानत पर रिहा कर दिया.