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क्या आर्य बाहर से आए? हरियाणा के राखीगढ़ी ने खोले प्राचीन मानव सभ्यता के नए राज

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Published : Mar 19, 2020, 12:42 AM IST

Updated : Mar 20, 2020, 1:02 PM IST

हिसार में दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता के सबूत आज भी हैं और अब इस साइट को केंद्र आइकॉनिक साइट के तौर पर विकसित करने जा रहा है, विस्तार से पढ़ें.

full report on hissar rakhigarhi archeological site
धरती की सबसे प्राचीन सभ्यता राखीगढ़ी को पूरी दुनिया लोग देखने हरियाणा आऐंगे!

हिसार: राखीगढ़ी हरियाणा के हिसार जिले में सरस्वती और दृषद्वती नदियों के शुष्क क्षेत्र में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान है. पुरातत्व वैज्ञानिकों ने हरियाणा स्थित राखीगढ़ी की खोज 1963 ईस्वी में की थी. विश्व विरासत कोष की मई 2012 रिपोर्ट में 'खतरे में एशिया के विरासत स्थल' के अनुसार 10 स्थानों को चिन्हित किया गया था. रिपोर्ट में इन 10 स्थानों को 'अपूरणीय क्षति एवं विनाश' के केंद्र कगार दिया गया है. इसमें हरियाणा में स्थित राखीगढ़ी भी शामिल है.

भारतीय पुरातत्व विज्ञान ने राखीगढ़ी में खुदाई कर एक पुराने शहर का पता लगाया था और तकरीबन 5000 साल पुरानी कई वस्तुएं बरामद की थी. राखीगढ़ी में लोगों के आने-जाने के लिए बने हुए मार्ग, जल निकासी की प्रणाली, बारिश का पानी एकत्र करने का विशाल स्थान, कांसा सहित कई धातुओं की वस्तुएं मिली थी.

धरती की सबसे प्राचीन सभ्यता राखीगढ़ी को पूरी दुनिया लोग देखने हरियाणा आऐंगे!

डेक्कन कॉलेज विश्वविद्यालय पुणे के स्कॉलर योगेश यादव ने बताया कि राखीगढ़ी में सन 1997 में टीलों की खुदाई का काम शुरू किया गया. यह साइट 550 हेक्टेयर में फैली हड़प्पा संस्कृति की क्षेत्रफल के अनुसार सबसे बड़ी साइट है. इस साइट पर 9 टीले हैं, जिनमें से 3 टीलो पर खुदाई अभी तक हुई है. खुदाई किए हुए तिलों में टीला नंबर 2 को मैन्युफैक्चर हब माना गया है. यहाँ से काफी मात्रा में मनके मिले हैं. खुदाई के दौरान पुरानी दीवार, मिट्टी के मनके, मिट्टी की चूड़ियां, धातु की चूड़ियां, धातु के मनके, अनाज के गोदाम, पानी की निकासी का सिस्टम, खिलौने, पत्थर के मनके, पुराने बर्तन आदि मिले हैं.

विश्व की सबसे बड़ी ऐतिहासिक साइट है राखीगढ़ी

उन्होंने बताया कि यहां मिले साक्ष्यों से पता चला है कि यह लगभग 5000 साल पुरानी सभ्यता है. राखीगढ़ी साइट की विश्व की सभी पांच ऐतिहासिक साइटों में सबसे बड़ी है. राखीगढ़ी की खुदाई में सबसे बड़ी सफलता नर कंकालों का जोड़ा मिलना है.योगेश यादव ने बताया कि राखीगढ़ी देश की राजधानी दिल्ली से लगभग 130 किलोमीटर दूर है. यहां पर आईकॉनिक म्यूजियम बनने से यहां पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने के साथ-साथ वह राखीगढ़ी की खुदाई में निकलने वाली वस्तुओं को देख सकेंगे.

गौरतलब है कि राखीगढ़ी का उत्खनन व्यापक पैमाने पर 1997- 1999 ईस्वी के दौरान अमरेंद्र नाथ द्वारा किया गया. राखीगढ़ी से प्राक हड़प्पा एवं परिपक्व हड़प्पा इन दोनों कालों के प्रमाण मिले हैं. राखीगढ़ी से महत्वपूर्ण स्मारक एवं पुरावशेष प्राप्त हुए हैं. जिनमें दुर्ग प्राचीर, अनाज भंडारण, स्तंभ युक्त विधि या मंडप जिसके पार्श्व में कोठरिया भी बनी हुई है. ऊंचे चबूतरे पर बनाई गई अग्रि वेदिकाएं आदि मुख्य हैं.

2015 में मिले थे नर कंकाल

7 नवंबर 2015 की खुदाई हुई तो काफी चौंकाने वाले तथ्यों से पर्दा उठा. खुदाई के दौरान मानव नर कंकाल निकलने से खुदाई कर रहे वैज्ञानिक काफी उत्साहित हुए. इन ककालों की कार्बन डेटिंग से अब यह अनुमान लगाया जा सकता था कि यह संस्कृति कितनी पुरानी है. प्रोफेसर वसंत शिंदे की अगुवाई में नर कंकालों को भारत व जर्मनी में डीएनए के लिए भेज दिया गया. 3 वर्ष बाद उनके डीएनए का खुलासा हुआ और साबित हो गया कि यह सभ्यता करीब 5000 वर्ष पुरानी है. अनुमान के अनुसार यह भी आशंका जताई गई कि मनुष्य की शुरुआत यहीं से हुई थी.

राखीगढ़ी बनने जा रहा है आईकॉनिक साइट

केंद्र सरकार ने पूरे देश में 5 पर्यटक स्थलों को प्रतिष्ठित पर्यटक स्थल विकसित करने का प्लान तैयार कर लिया है. इसके लिए केंद्र सरकार ने अलग से बजट देने की घोषणा कर दी है. राखीगढ़ी प्रदेश में ऐसा पहला पर्यटक स्थल होगा जहां पर पुरातत्व से संबंधित सभी वस्तुओं को एक साथ म्यूजियम में दिखाया जा सकेगा.

ये भी पढ़ें- यहीं था छठी शताब्दी के राजा सरस का साम्राज्य! आज थेहड़ों के रूप में होती है मलबे की पहचान

शानदार म्यूजियम का होगा निर्माण

हरियाणा सरकार ने राखीगढ़ी में म्यूजियम बनाने के लिए पहले ही करीब 25 करोड़ के बजट से इसका काम शुरू कर दिया है. म्यूजियम एक आधुनिक तरीके का म्यूजियम होगा. इस म्यूजियम के लिए विभाग ने करीब 70 करोड़ की मांग सरकार से की थी, ताकि म्यूजियम में अन्य चीजों का भी निर्माण किया जा सके. म्यूजियम में रेस्ट हाउस, हॉस्टल और एक कैफे का निर्माण भी किया जा रहा है. वहीं म्यूजियम को सोलर लाइटों से जगमग किया जाएगा. इस म्यूजियम में एक ओपन थिएटर भी बनाया जाएगा और पुराने जमाने की एक चौपाल भी बनाई जाएगी.

हिसार: राखीगढ़ी हरियाणा के हिसार जिले में सरस्वती और दृषद्वती नदियों के शुष्क क्षेत्र में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान है. पुरातत्व वैज्ञानिकों ने हरियाणा स्थित राखीगढ़ी की खोज 1963 ईस्वी में की थी. विश्व विरासत कोष की मई 2012 रिपोर्ट में 'खतरे में एशिया के विरासत स्थल' के अनुसार 10 स्थानों को चिन्हित किया गया था. रिपोर्ट में इन 10 स्थानों को 'अपूरणीय क्षति एवं विनाश' के केंद्र कगार दिया गया है. इसमें हरियाणा में स्थित राखीगढ़ी भी शामिल है.

भारतीय पुरातत्व विज्ञान ने राखीगढ़ी में खुदाई कर एक पुराने शहर का पता लगाया था और तकरीबन 5000 साल पुरानी कई वस्तुएं बरामद की थी. राखीगढ़ी में लोगों के आने-जाने के लिए बने हुए मार्ग, जल निकासी की प्रणाली, बारिश का पानी एकत्र करने का विशाल स्थान, कांसा सहित कई धातुओं की वस्तुएं मिली थी.

धरती की सबसे प्राचीन सभ्यता राखीगढ़ी को पूरी दुनिया लोग देखने हरियाणा आऐंगे!

डेक्कन कॉलेज विश्वविद्यालय पुणे के स्कॉलर योगेश यादव ने बताया कि राखीगढ़ी में सन 1997 में टीलों की खुदाई का काम शुरू किया गया. यह साइट 550 हेक्टेयर में फैली हड़प्पा संस्कृति की क्षेत्रफल के अनुसार सबसे बड़ी साइट है. इस साइट पर 9 टीले हैं, जिनमें से 3 टीलो पर खुदाई अभी तक हुई है. खुदाई किए हुए तिलों में टीला नंबर 2 को मैन्युफैक्चर हब माना गया है. यहाँ से काफी मात्रा में मनके मिले हैं. खुदाई के दौरान पुरानी दीवार, मिट्टी के मनके, मिट्टी की चूड़ियां, धातु की चूड़ियां, धातु के मनके, अनाज के गोदाम, पानी की निकासी का सिस्टम, खिलौने, पत्थर के मनके, पुराने बर्तन आदि मिले हैं.

विश्व की सबसे बड़ी ऐतिहासिक साइट है राखीगढ़ी

उन्होंने बताया कि यहां मिले साक्ष्यों से पता चला है कि यह लगभग 5000 साल पुरानी सभ्यता है. राखीगढ़ी साइट की विश्व की सभी पांच ऐतिहासिक साइटों में सबसे बड़ी है. राखीगढ़ी की खुदाई में सबसे बड़ी सफलता नर कंकालों का जोड़ा मिलना है.योगेश यादव ने बताया कि राखीगढ़ी देश की राजधानी दिल्ली से लगभग 130 किलोमीटर दूर है. यहां पर आईकॉनिक म्यूजियम बनने से यहां पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने के साथ-साथ वह राखीगढ़ी की खुदाई में निकलने वाली वस्तुओं को देख सकेंगे.

गौरतलब है कि राखीगढ़ी का उत्खनन व्यापक पैमाने पर 1997- 1999 ईस्वी के दौरान अमरेंद्र नाथ द्वारा किया गया. राखीगढ़ी से प्राक हड़प्पा एवं परिपक्व हड़प्पा इन दोनों कालों के प्रमाण मिले हैं. राखीगढ़ी से महत्वपूर्ण स्मारक एवं पुरावशेष प्राप्त हुए हैं. जिनमें दुर्ग प्राचीर, अनाज भंडारण, स्तंभ युक्त विधि या मंडप जिसके पार्श्व में कोठरिया भी बनी हुई है. ऊंचे चबूतरे पर बनाई गई अग्रि वेदिकाएं आदि मुख्य हैं.

2015 में मिले थे नर कंकाल

7 नवंबर 2015 की खुदाई हुई तो काफी चौंकाने वाले तथ्यों से पर्दा उठा. खुदाई के दौरान मानव नर कंकाल निकलने से खुदाई कर रहे वैज्ञानिक काफी उत्साहित हुए. इन ककालों की कार्बन डेटिंग से अब यह अनुमान लगाया जा सकता था कि यह संस्कृति कितनी पुरानी है. प्रोफेसर वसंत शिंदे की अगुवाई में नर कंकालों को भारत व जर्मनी में डीएनए के लिए भेज दिया गया. 3 वर्ष बाद उनके डीएनए का खुलासा हुआ और साबित हो गया कि यह सभ्यता करीब 5000 वर्ष पुरानी है. अनुमान के अनुसार यह भी आशंका जताई गई कि मनुष्य की शुरुआत यहीं से हुई थी.

राखीगढ़ी बनने जा रहा है आईकॉनिक साइट

केंद्र सरकार ने पूरे देश में 5 पर्यटक स्थलों को प्रतिष्ठित पर्यटक स्थल विकसित करने का प्लान तैयार कर लिया है. इसके लिए केंद्र सरकार ने अलग से बजट देने की घोषणा कर दी है. राखीगढ़ी प्रदेश में ऐसा पहला पर्यटक स्थल होगा जहां पर पुरातत्व से संबंधित सभी वस्तुओं को एक साथ म्यूजियम में दिखाया जा सकेगा.

ये भी पढ़ें- यहीं था छठी शताब्दी के राजा सरस का साम्राज्य! आज थेहड़ों के रूप में होती है मलबे की पहचान

शानदार म्यूजियम का होगा निर्माण

हरियाणा सरकार ने राखीगढ़ी में म्यूजियम बनाने के लिए पहले ही करीब 25 करोड़ के बजट से इसका काम शुरू कर दिया है. म्यूजियम एक आधुनिक तरीके का म्यूजियम होगा. इस म्यूजियम के लिए विभाग ने करीब 70 करोड़ की मांग सरकार से की थी, ताकि म्यूजियम में अन्य चीजों का भी निर्माण किया जा सके. म्यूजियम में रेस्ट हाउस, हॉस्टल और एक कैफे का निर्माण भी किया जा रहा है. वहीं म्यूजियम को सोलर लाइटों से जगमग किया जाएगा. इस म्यूजियम में एक ओपन थिएटर भी बनाया जाएगा और पुराने जमाने की एक चौपाल भी बनाई जाएगी.

Last Updated : Mar 20, 2020, 1:02 PM IST
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