हिसार: लंबे समय से विवादों में घिरे होने के बाद हिसार एयरपोर्ट की चर्चाओं पर अर्ध विराम लगाने की कोशिश जारी है. हिसार और अम्बाला से फ्लाइट्स चलाने के लिए एटीएस मार्ग तय किए गए हैं. दोनों जिलों को एक-दूसरे के साथ कनेक्ट किया जाएगा. फिलहाल आठ मार्ग तय किए गए हैं, जिनके जरिए हवाई कनेक्टेविटी बढ़ाई जाएगी.
फ्लाइट्स के लिए अप्रैल में बिड होंगी. यह बिड केंद्र सरकार की ओर से होंगी. बिड के छह माह की अवधि में संबंधित कंपनी को फ्लाइट्स का संचालन करना होगा. अप्रैल में बिड होने के बाद अक्टूबर तक का समय होगा. ऐसे में संभावना यही है कि एक नवंबर हरियाणा दिवस तक इन रूटों पर फ्लाइट्स का संचालन शुरू हो जाएगा.
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के अनुसार यह प्रॉपर फ्लाइट्स होंगी और इनका संचालन इसी साल शुरू होना है. फिलहाल प्रदेश के लोगों को डोमेस्टिक या अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स के लिए दिल्ली या चंडीगढ़ जाना पड़ता है. जिन फ्लाइट्स के रूट तय किए गए हैं, ये अधिकांश पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं. इससे सड़क मार्ग से लंबा रास्ता तय करना पड़ता है, साथ ही आर्थिक रुप से बोझ भी बढ़ जाता है.
आठ माह तक चली थी एयर टैक्सी: हरियाणा सरकार की ओर से हिसार एयरपोर्ट से एयर टैक्सी घरेलू उड़ानें जनवरी 2021 से अगस्त 2021 तक चलाई गई थी. ये उड़ानें हिसार से आरसीएस उड़ान-4 के तहत हिसार-धर्मशाला-हिसार, हिसार-देहरादून- हिसार, हिसार-चंडीगढ़-हिसार तक चलाई गई. इस अवधि में उड़ानों की संख्या 183 इन और 184 आउट रही. हिसार से फिलहाल कोई उड़ान नहीं चल रही है, हिसार हवाई अड्डे का काम पूरा होने के बाद भारत सरकार से मंजूरी मांगी जाएगी और उसी अनुसार अब मार्ग तय किए जाएंगे. हालांकि सरकार की ओर से प्रस्तावित मार्गों की योजना पहले ही बना ली गई है.
ये रूट किए गए हैं तय: इनमें अम्बाला से श्रीनगर का रूट भी शामिल हैं. जबकि हिसार-अम्बाला-वाराणासी-अम्बाला-हिसार, हिसार-आगरा-हिसार, हिसारउदयपुर-जैसलमेर-उदयपुर-हिसार, हिसार-देहरादून-हिसार, हिसार-हिंडन-हिसार, हिसार-अमृतसर-जम्मू-अमृतसर-हिसार, हिसार-भुंतर- कुल्लू-1-हिसार का रूट भी बनाया गया है.
457 करोड़ रुपये होंगे खर्च: हिसार हवाई अड्डे पर सरकार की ओर से फेज एक और दो के तहत वर्ष 2016 से जनवरी 2023 तक 457.31 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है. इसके तहत भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण को 101:51 करोड़, लोक निर्माण विभाग को 211.21 करोड़, सिंचाई विभाग को 51.08 करोड़, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को 79 लाख, वन मंडल को 4.12 करोड़, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम को 13.34 करोड़, हरियाणा विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को 75.26 करोड़ रुपए दिए गए हैं.
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