हिसार: जिले के नारनौद में किसानों ने बारिश और ओलावृष्टि से हुई खराब फसल को लेकर एसडीएम कार्यालय में तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा हैं. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हुई बारिश और ओलावृष्टि से हमारी गेहूं, सरसो की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. इसलिए हमें उचित मुआवजा दिया जाए.
किसान संदीप ने कहा कि बारिश और ओलावृष्टि के कारण हमारी जो फसल खराब हुई है. उसके लिए हम एक ज्ञापन देने के लिए नारनौंद उपमंडल कार्यालय में पहुंचे हैं ताकि हमारी गिरदावरी करवाकर हमें उचित मुआवजा दिया जाए. हमारे सभी खेतों में भारी नुकसान पहुंचा हैं. गेहूं और सरसों की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है.
किसान संदीप कुमार ने कहा कि सरकार ने कंप्लेंट करने के लिए 72 घंटे का टाइम दिया था. लेकिन बीच में रविवार होने के कारण हमें पता नहीं चल सका, इसलिए हम सरकार से मांग करते हैं कि सरकार 72 घंटे की कोई भी कंडीशन ना रखें और जैसे सरकार सेटेलाइट के जरिए प्रदूषण को देखती थी ऐसे ही हमारी खराब हुई फसल को भी देखें और हमें खराब हुई फसल का उचित मुआवजा दिया जाए.
'सरकारी नीतियां लूटने के लिए बनाई गई हैं'
किसान राजेंद्र ने कहा कि जो ओलावृष्टि हुई है उसी के तहत हम फसल के मुआवजे के लिए यहां आए हैं. सरकार की नीतियां हमें लूटने के लिए बना रखी हैं. हमसे ₹900 प्रति एकड़ बीमा राशि तो काटी जाती है लेकिन हमें मुआवजा नहीं दिया जाता. 2018 की खराब हुई फसल का भी हमे मुआवजा अभी तक हमारे ग्राम वासियों को नहीं दिया गया है.
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