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हिसार के मैयड़ टोल पर किसानों का धरना जारी

हिसार के मैय्यड़ टोल पर किसानों का धरना जारी है. किसानों ने ऐलान किया कि अपना हक लेकर जाएंग चाहे जितने दिन लग जाएं.

हिसार मय्यड़ टोल किसान धरना
हिसार मय्यड़ टोल किसान धरना
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Published : Jan 8, 2021, 3:47 PM IST

Updated : Mar 2, 2021, 3:05 PM IST

हिसार:किसान संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में हिसार के मैयड़ टोल पर किसानों का क्रमिक अनशन जारी है. पूर्व में किसान नेता रहे मांगेराम ढींगा के पुत्र रामकुमार उमरा व बृजभान खोखा वीरवार को क्रमिक अनशन पर बैठे. वहीं धरना स्थल पर आने जाने वाले किसानों के लिए लंगर की व्यवस्था सामुहिक रूप से की जा रही है.

गुरुवार को धरने की अध्यक्षता भारतीय किसान संघर्ष समिति के उपप्रधान सोमबीर भगाना ने की. किसान नेता जोगेंद्र मैयड़ व सोमबीर भगाना ने संयुक्त रूप से जारी बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास अब भी समय है कि वे ये तीनों काले कानून वापिस ले लें और एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाए. यह किसान आंदोलन इतिहास का सबसे बड़ा आंदोलन है। पूरे देश का किसान दिल्ली बॉर्डरों को 44 दिनों से घेरे बैठा हुआ है.
उन्होंने कहा कि 8 तारीख को होने वाली किसानों की मीटिंग में सरकार किसानों को आश्वस्त करे कि ये तीनों कृषि काूनन वापस लिए जाते हैं. किसान सकुशल अपने घर लौट जाएं. मोदी ने अडानी, अंबानी के हाथों में खेलते हुए पहले नोटबंदी की जिससे देश की अर्थ व्यवस्था डांवाडौल हो गई.

हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की बात की सरकार ने लेकिन उल्टा लाखों युवाओं के हर साल रोजगार छीन रही है. किसानों की दो टूक है कि किसान अपना हक लेकर ही घर आएगा चाहे कितना ही समय लगे.

ये भी पढ़ें- यहां किसानों को मिल रही है गर्म जलेबियां और बादाम वाली खीर

हिसार:किसान संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में हिसार के मैयड़ टोल पर किसानों का क्रमिक अनशन जारी है. पूर्व में किसान नेता रहे मांगेराम ढींगा के पुत्र रामकुमार उमरा व बृजभान खोखा वीरवार को क्रमिक अनशन पर बैठे. वहीं धरना स्थल पर आने जाने वाले किसानों के लिए लंगर की व्यवस्था सामुहिक रूप से की जा रही है.

गुरुवार को धरने की अध्यक्षता भारतीय किसान संघर्ष समिति के उपप्रधान सोमबीर भगाना ने की. किसान नेता जोगेंद्र मैयड़ व सोमबीर भगाना ने संयुक्त रूप से जारी बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास अब भी समय है कि वे ये तीनों काले कानून वापिस ले लें और एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाए. यह किसान आंदोलन इतिहास का सबसे बड़ा आंदोलन है। पूरे देश का किसान दिल्ली बॉर्डरों को 44 दिनों से घेरे बैठा हुआ है.
उन्होंने कहा कि 8 तारीख को होने वाली किसानों की मीटिंग में सरकार किसानों को आश्वस्त करे कि ये तीनों कृषि काूनन वापस लिए जाते हैं. किसान सकुशल अपने घर लौट जाएं. मोदी ने अडानी, अंबानी के हाथों में खेलते हुए पहले नोटबंदी की जिससे देश की अर्थ व्यवस्था डांवाडौल हो गई.

हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की बात की सरकार ने लेकिन उल्टा लाखों युवाओं के हर साल रोजगार छीन रही है. किसानों की दो टूक है कि किसान अपना हक लेकर ही घर आएगा चाहे कितना ही समय लगे.

ये भी पढ़ें- यहां किसानों को मिल रही है गर्म जलेबियां और बादाम वाली खीर

Last Updated : Mar 2, 2021, 3:05 PM IST
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