ETV Bharat / state

हरियाणा के किसान ने देसी जुगाड़ से बनाई गाजर खुदाई की मशीन, खेती की लागत हुई कम

हरियाणा के बहबलपुर गांव के किसान बलदेव ने गाजर की खुदाई के लिए एक मशीन (carrot farming machine) तैयार की. जिससे गाजर की खेती करना बेहद आरामदायक हो गया है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

carrot farming machine Hisar
carrot farming machine Hisar
author img

By

Published : Dec 22, 2021, 10:52 PM IST

Updated : Dec 23, 2021, 1:10 PM IST

हिसार: हरियाणा के बहबलपुर गांव की गाजर पूरे देश भर में प्रसिद्ध (carrot farming in behbalpur village) है. यहां पिछले 20 सालों से भी ज्यादा समय से गाजर की खेती की जा रही है. लेकिन खेती के शुरुआती दिनों में संसाधनों की कमी के चलते लोग बहुत छोटे स्तर पर गाजर खेती करते थे. वहीं 10 साल पहले इसी गांव के एक अनपढ़ किसान बलदेव ने इस खेती को हाईटेक बनाने में अपना दिमाग लगाया और देसी जुगाड़ से गाजर खुदाई की एक मशीन तैयार (carrot farming machine) कर दी.

इस मशीन का असर इतना हुआ कि बलदेव को देखकर ना सिर्फ गांव बल्कि आसपास के क्षेत्र में लोग भी इस मशीन का इस्तेमाल करने लगे. आज दूर-दूर से लोग बहबलपुर गांव में गाजर की खेती की तकनीकी मशीनें लेने पहुंचते हैं. किसान बलदेव (Farmer Baldev Hisar) ने बताया कि शुरुआत में वह टीबे की जमीन में गाजर की खेती करता था. जहां गाजर 2 फुट तक जमीन में चली जाती थी. जिससे गाजर कटी हुई निकलती थी और मजदूरों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था.

हरियाणा के किसान ने देसी जुगाड़ से बनाई गाजर खुदाई की मशीन, खेती की लागत हुई कम

ये भी पढ़ें- मशरूम की खेती से हरियाणा के किसान ने खड़ी की लाखों की कंपनी, बाकी किसानों की भी कर रहा मदद

यही एक कारण था कि किसान भी ज्यादा भाग में गाजर की खेती नहीं किया करते थे. क्योंकि इसकी खुदाई में काफी परेशानी होती थी. बलदेव ने बताया कि एक दिन मैनें सोचा कि क्यों ना ट्रैक्टर से गाजर की खुदाई करने का जुगाड़ बनाया जाए. जिसके बाद बलदेव ने कपास की खेती में इस्तेमाल होने वाले तिरफले की तर्ज पर और फाले में गाड़ियों में इस्तेमाल किए जाने वाले पट्टे का ब्लेड लगाया. उसके बाद फाले की जगह वेल्डिंग करवाकर, पीछे एक पाइप जैसा टुकड़ा लगाया. जिसकी सपोर्ट से गाजर भी ठीक से निकल सके और गाजर के ऊपर का घास गजरा भी खराब ना हो.

carrot farming machine Hisar
खुदाई के बाद मंडी में बिकने को लिए तैयार गाजर

किसान बलदेव ने बताया कि शुरुआत में तो जब वह इस मशीन के लिए काम कर रहा था, तब मजदूर उसका मजाक बनाया करते थे, लेकिन धीरे-धीरे जैसे उसे कामयाबी मिली, तो पूरे गांव में इसका इस्तेमाल होने लगा. आसपास के क्षेत्र के लोग भी इसे ले जाने लगे. बलदेव के जुगाड़ से गाजर की खुदाई में खर्चा तो कम हुआ ही, साथ ही गाजर की खेती भी बड़े स्तर पर होने लगी. बलदेव ने बताया कि इससे पहले किसान आधा एकड़ या फिर अधिकतम 1 एकड़ में ही गाजर की खेती करते थे. क्योंकि जमीन से गाजर निकालना बहुत मेहनत का काम है और मजदूरी भी बेहद अधिक लगती है. लेकिन मशीन बनने के बाद एक एकड़ गाजर खुदाई (Carrot farming Haryana) का जो काम 4 मजदूर मिलकर 8 से 10 दिन में करते थे, आज वही काम 1 दिन में भी पूरा किया जा सकता है. इसी वजह से अब किसान बड़े स्तर पर गाजर की खेती करते हैं.

carrot farming machine Hisar
गाजर खुदाई की मशीन

ये भी पढ़ें- पूरे देश में मशहूर है हरियाणा के इस गांव की गाजर, खेत में ही बिक जाती है यहां के किसानों की फसल

बलदेव ने बताया कि वो खुद इसी मशीन की वजह से 30 एकड़ में खेती करते हैं. मशीन की वजह से ही गाजर खुदाई की लागत 20 हजार से घटकर 8 हजार रुपये पर पहुंच गई है. इसके साथ ही अब मजदूर का काम भी आसान हो गया है. क्योंकि कस्सी से खुदाई करना बेहद मेहनत का काम था. अब सिर्फ मजदूर को उठाकर गाजर की घास काटनी होती है. गाजर खुदाई की इस मशीन को सबसे पहले बलदेव ने गांव के ही एक वेल्डिंग मिस्त्री से खुद डिजाइन करके बनवाया था और इस्तेमाल करने पर जब सही काम हुआ तो गांव के अन्य लोग भी उसी मिस्त्री से इसी तरह की मशीन बनवाने लगे. ऐसा करते-करते यह मशीन पूरे क्षेत्र में फैल गई और अब आसानी से बहबलपुर गांव में किसी भी मशीन बनाने वाले मिस्त्री की दुकान पर 10 से 12 हजार में तैयार हो जाती है.

carrot farming machine Hisar
गाजर की खुदाई की मशीन

गौरतलब है कि बहबलपुर गांव में किसान खुद की गाजर की मंडी लगाते हैं, खुद अपना बीज बनाते हैं. यहां किसान बीज बनाकर राजस्थान, पंजाब, जम्मू आदि क्षेत्रों में भी बेचते हैं. पूरे देश भर में गाजर मशहूर होने के चलते अलग-अलग क्षेत्रों व आसपास के राज्यों से किसान यहां गाजर की खेती के बारे में जानने और मशीनें लेने के लिए पहुंचते हैं. किसान बलदेव अब पूरे 30 एकड़ में गाजर की खेती करते हैं और अब वह इसी मशीन में कुछ नए बदलाव करके इसे और भी आधुनिक और किफायती बनने की कोशिश कर रहे हैं.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

हिसार: हरियाणा के बहबलपुर गांव की गाजर पूरे देश भर में प्रसिद्ध (carrot farming in behbalpur village) है. यहां पिछले 20 सालों से भी ज्यादा समय से गाजर की खेती की जा रही है. लेकिन खेती के शुरुआती दिनों में संसाधनों की कमी के चलते लोग बहुत छोटे स्तर पर गाजर खेती करते थे. वहीं 10 साल पहले इसी गांव के एक अनपढ़ किसान बलदेव ने इस खेती को हाईटेक बनाने में अपना दिमाग लगाया और देसी जुगाड़ से गाजर खुदाई की एक मशीन तैयार (carrot farming machine) कर दी.

इस मशीन का असर इतना हुआ कि बलदेव को देखकर ना सिर्फ गांव बल्कि आसपास के क्षेत्र में लोग भी इस मशीन का इस्तेमाल करने लगे. आज दूर-दूर से लोग बहबलपुर गांव में गाजर की खेती की तकनीकी मशीनें लेने पहुंचते हैं. किसान बलदेव (Farmer Baldev Hisar) ने बताया कि शुरुआत में वह टीबे की जमीन में गाजर की खेती करता था. जहां गाजर 2 फुट तक जमीन में चली जाती थी. जिससे गाजर कटी हुई निकलती थी और मजदूरों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था.

हरियाणा के किसान ने देसी जुगाड़ से बनाई गाजर खुदाई की मशीन, खेती की लागत हुई कम

ये भी पढ़ें- मशरूम की खेती से हरियाणा के किसान ने खड़ी की लाखों की कंपनी, बाकी किसानों की भी कर रहा मदद

यही एक कारण था कि किसान भी ज्यादा भाग में गाजर की खेती नहीं किया करते थे. क्योंकि इसकी खुदाई में काफी परेशानी होती थी. बलदेव ने बताया कि एक दिन मैनें सोचा कि क्यों ना ट्रैक्टर से गाजर की खुदाई करने का जुगाड़ बनाया जाए. जिसके बाद बलदेव ने कपास की खेती में इस्तेमाल होने वाले तिरफले की तर्ज पर और फाले में गाड़ियों में इस्तेमाल किए जाने वाले पट्टे का ब्लेड लगाया. उसके बाद फाले की जगह वेल्डिंग करवाकर, पीछे एक पाइप जैसा टुकड़ा लगाया. जिसकी सपोर्ट से गाजर भी ठीक से निकल सके और गाजर के ऊपर का घास गजरा भी खराब ना हो.

carrot farming machine Hisar
खुदाई के बाद मंडी में बिकने को लिए तैयार गाजर

किसान बलदेव ने बताया कि शुरुआत में तो जब वह इस मशीन के लिए काम कर रहा था, तब मजदूर उसका मजाक बनाया करते थे, लेकिन धीरे-धीरे जैसे उसे कामयाबी मिली, तो पूरे गांव में इसका इस्तेमाल होने लगा. आसपास के क्षेत्र के लोग भी इसे ले जाने लगे. बलदेव के जुगाड़ से गाजर की खुदाई में खर्चा तो कम हुआ ही, साथ ही गाजर की खेती भी बड़े स्तर पर होने लगी. बलदेव ने बताया कि इससे पहले किसान आधा एकड़ या फिर अधिकतम 1 एकड़ में ही गाजर की खेती करते थे. क्योंकि जमीन से गाजर निकालना बहुत मेहनत का काम है और मजदूरी भी बेहद अधिक लगती है. लेकिन मशीन बनने के बाद एक एकड़ गाजर खुदाई (Carrot farming Haryana) का जो काम 4 मजदूर मिलकर 8 से 10 दिन में करते थे, आज वही काम 1 दिन में भी पूरा किया जा सकता है. इसी वजह से अब किसान बड़े स्तर पर गाजर की खेती करते हैं.

carrot farming machine Hisar
गाजर खुदाई की मशीन

ये भी पढ़ें- पूरे देश में मशहूर है हरियाणा के इस गांव की गाजर, खेत में ही बिक जाती है यहां के किसानों की फसल

बलदेव ने बताया कि वो खुद इसी मशीन की वजह से 30 एकड़ में खेती करते हैं. मशीन की वजह से ही गाजर खुदाई की लागत 20 हजार से घटकर 8 हजार रुपये पर पहुंच गई है. इसके साथ ही अब मजदूर का काम भी आसान हो गया है. क्योंकि कस्सी से खुदाई करना बेहद मेहनत का काम था. अब सिर्फ मजदूर को उठाकर गाजर की घास काटनी होती है. गाजर खुदाई की इस मशीन को सबसे पहले बलदेव ने गांव के ही एक वेल्डिंग मिस्त्री से खुद डिजाइन करके बनवाया था और इस्तेमाल करने पर जब सही काम हुआ तो गांव के अन्य लोग भी उसी मिस्त्री से इसी तरह की मशीन बनवाने लगे. ऐसा करते-करते यह मशीन पूरे क्षेत्र में फैल गई और अब आसानी से बहबलपुर गांव में किसी भी मशीन बनाने वाले मिस्त्री की दुकान पर 10 से 12 हजार में तैयार हो जाती है.

carrot farming machine Hisar
गाजर की खुदाई की मशीन

गौरतलब है कि बहबलपुर गांव में किसान खुद की गाजर की मंडी लगाते हैं, खुद अपना बीज बनाते हैं. यहां किसान बीज बनाकर राजस्थान, पंजाब, जम्मू आदि क्षेत्रों में भी बेचते हैं. पूरे देश भर में गाजर मशहूर होने के चलते अलग-अलग क्षेत्रों व आसपास के राज्यों से किसान यहां गाजर की खेती के बारे में जानने और मशीनें लेने के लिए पहुंचते हैं. किसान बलदेव अब पूरे 30 एकड़ में गाजर की खेती करते हैं और अब वह इसी मशीन में कुछ नए बदलाव करके इसे और भी आधुनिक और किफायती बनने की कोशिश कर रहे हैं.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

Last Updated : Dec 23, 2021, 1:10 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.