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आगजनी को लेकर कितने अलर्ट सरकारी विभाग ? ETV भारत पर चौंकाने वाले खुलासे

प्रदेश में आगजनी की समस्या से निपटने के लिए संस्थानों में लगे उपकरण एक्सपायर हो चुके हैं. ईटीवी भारत की टीम ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं जिसमें जनता की सुरक्षा के साथ प्राइवेट ही नहीं सरकारी दफ्तरों में भी खिलवाड़ किया जा रहा है.

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Published : Jun 12, 2019, 10:39 PM IST

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हिसारः लगातार बढ़ते आगजनी के मामलों को लेकर प्रदेश में जगह-जगह चेकिंग अभियान चलाए जा रहे हैं. यही नहीं शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने भी बयान दिया था कि एक महीने के अंदर सूबे की तमाम ऐसी जगहों का निरीक्षण किया जाएगा और अवैध रूप से बिना व्यापक प्रबंधों के चलने वाले संस्थानों पर कार्रवाई भी की जाएगी.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आए चौंकाने वाले खुलासे

उसके बावजूद अब तक किसी तरीके के प्रबंधों को जमीनी स्तर पर नहीं देखा जा रहा है. मंत्रियों के इस प्रकार के आदेशों का क्रियान्वयन करने वाले अधिकारियों के अपने ही ठिकाने महफूज नहीं हैं. ईटीवी भारत की टीम ने हिसार जिले के सचिवालय का जायजा लिया तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए.

टीम के इस चेकिंग अभियान में सामने आया कि दशकों पुरानी 4 मंजिला इमारत में कहने को तो आग बुझाने के लिए सिलेंडर रखे गए हैं, लेकिन इनमें से काफी को तो तीन-चार साल से रीफिल ही नहीं करवाया गया है. सचिवालय में विभिन्न विभागों के जिला स्तर के कार्यालय हैं, जहां पूरा प्रशासनिक अमला बैठता है और इन्हीं के कंधों पर पूरे जिले के लगभग 308 गांव की कमान है. लेकिन जब अपना ही घर सुरक्षित ना हो तो दूसरों की उम्मीद पर ये अधिकारी कैसे खरा उतरेंगे.

वहीं इस बारे में जब जिला उपायुक्त अशोक मीणा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि ये सिलेंडर आखिरी बार कब रीफिल करवाए गए थे. हालांकि जिला उपायुक्त अशोक मीणा ने दावा करते गुए कहा कि इस तरीके से लापरवाही करने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

हिसारः लगातार बढ़ते आगजनी के मामलों को लेकर प्रदेश में जगह-जगह चेकिंग अभियान चलाए जा रहे हैं. यही नहीं शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने भी बयान दिया था कि एक महीने के अंदर सूबे की तमाम ऐसी जगहों का निरीक्षण किया जाएगा और अवैध रूप से बिना व्यापक प्रबंधों के चलने वाले संस्थानों पर कार्रवाई भी की जाएगी.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आए चौंकाने वाले खुलासे

उसके बावजूद अब तक किसी तरीके के प्रबंधों को जमीनी स्तर पर नहीं देखा जा रहा है. मंत्रियों के इस प्रकार के आदेशों का क्रियान्वयन करने वाले अधिकारियों के अपने ही ठिकाने महफूज नहीं हैं. ईटीवी भारत की टीम ने हिसार जिले के सचिवालय का जायजा लिया तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए.

टीम के इस चेकिंग अभियान में सामने आया कि दशकों पुरानी 4 मंजिला इमारत में कहने को तो आग बुझाने के लिए सिलेंडर रखे गए हैं, लेकिन इनमें से काफी को तो तीन-चार साल से रीफिल ही नहीं करवाया गया है. सचिवालय में विभिन्न विभागों के जिला स्तर के कार्यालय हैं, जहां पूरा प्रशासनिक अमला बैठता है और इन्हीं के कंधों पर पूरे जिले के लगभग 308 गांव की कमान है. लेकिन जब अपना ही घर सुरक्षित ना हो तो दूसरों की उम्मीद पर ये अधिकारी कैसे खरा उतरेंगे.

वहीं इस बारे में जब जिला उपायुक्त अशोक मीणा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि ये सिलेंडर आखिरी बार कब रीफिल करवाए गए थे. हालांकि जिला उपायुक्त अशोक मीणा ने दावा करते गुए कहा कि इस तरीके से लापरवाही करने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

Intro:एंकर --- पिछले दिनों सूरत के एक कोचिंग सेंटर में हुए हादसे ने आपातकालीन विपदा को लेकर प्रबंधों की पोल खोल कर रख दी। मात्र एक ट्रांसफार्मर से उठी चिंगारी कई घरों के चिरागों को निगल गई और लोग हाथ मलते रह गए। चारों तरफ चर्चा छिड़ी कि इस तरीके से यह शिक्षा की दुकानें गली - गली, शहर - शहर में खुली हुई हैं, जहां किसी तरीके के आगजनी और दुर्घटना के समय पर्याप्त पुख्ता प्रबंध नहीं है। सरकार के शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा ने बयान दिया कि एक माह के भीतर सूबे की तमाम ऐसी जगहों का निरीक्षण किया जाएगा और अवैध रूप से बिना व्यापक प्रबंधों के चलने वाले संस्थानों पर कार्रवाई भी की जाएगी। लेकिन अब तक किसी तरीके के प्रबंधों को जमीनी स्तर पर नहीं देखा जा रहा है क्योंकि इस प्रकार के आदेशों का क्रियान्वयन करने वाले अधिकारियों के अपने ही ठिकाने महफूज नहीं हैं। ईटीवी भारत की टीम ने हिसार जिले के सचिवालय का जायजा लिया तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। दशकों पुरानी इस 4 मंजिला इमारत में कहने को तो आग बुझाने के लिए सिलेंडर रखे गए हैं लेकिन इनमें से काफी को तो तीन-चार साल से रिफिल ही नहीं करवाया गया है। सचिवालय में विभिन्न विभागों के जिला स्तर के कार्यालय हैं, जहां पूरा प्रशासनिक अमला बैठता है और इन्हीं के कंधों पर पूरे जिले के लगभग 308 गांव की कमान है। लेकिन जब अपना ही घर सुरक्षित ना हो तो दूसरों की उम्मीद पर यह अधिकारी कैसे खरा उतरेंगे। इसका आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। अगर सूरत जैसा कोई हादसा इस बिल्डिंग में हुआ तो आग बुझाने के लिए लगाए गए यह तमाम सिलेंडर सफेद हाथी साबित होंगे।





Body:वीओ --- इस बारे में जब जिला उपायुक्त अशोक मीणा से बात की गई तो उनका बयान और भी ज्यादा चौंकाने वाला था। खुद जिला उपायुक्त ने कहा कि यह मामला उनकी जानकारी में नहीं है कि यह सिलेंडर आखरी बार कब रिफिल करवाए गए थे। हालांकि जिला उपायुक्त के कार्यालय के सामने भी इस प्रकार के सिलेंडर टंगे होते हैं। जिन्हें दिन में दो बार उपायुक्त महोदय स्वयं देखते हुए अपने कार्यालय से आते और जाते हैं। हालांकि बाद में जिला उपायुक्त अशोक मीणा ने कहा कि इस तरीके से लापरवाही करने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

बाइट --- अशोक मीणा, उपायुक्त हिसार।


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