हिसार: समाधा मंदिर में एक माह के मासूम बच्चे को दान करने के मामले में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है. आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने मंदिर में बच्चों से जुड़ा रिकॉर्ड तलब कर लिया है और जल्द मंदिर का दौरा भी करेंगी. वहीं, पूरे प्रकरण के बाद से मंदिर प्रशासन चुप है. मंदिर में एक 5 वर्षीय बच्चा भी है जिसे कुछ वर्ष पूर्व एक परिवार ने दान किया था.
हांसी के समाधा मंदिर में बुधवार को डडल पार्क निवासी माता-पिता द्वारा अपना एक महीने का बच्चे दान करने का मामला सामने आया था. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए दोनों पक्षों को थाने में तलब कर लिया था. पुलिस कार्रवाई की गाज गिरते देखे परिवार ने बच्चे को वापिस ले लिया था.
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पुलिस ने मंदिर से जुड़े महंत को भी चेतावनी दी थी. अंधविश्वास से जुड़ा ये मुद्दा मीडिया में आने के बाद गुरुवार को बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है. आयोग ने तुरंत मंदिर में बच्चों से संबंधित रिकॉर्ड तलब करते हुए ऐसा करने वाले अभिभावकों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही.
इसके अलावा चेयरपर्सन ने मंदिर में पूर्व दान किए गए बच्चों को रेस्क्यू करवाने की बात भी कही है. ज्योति बैंदा, चेयरपर्सन स्टेट कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स के अनुसार मंदिर में बच्चा दान करने का मामला मीडिया के जरिये संज्ञान में आया है. आयोग ने इस संवेदनशील मामले को पूरी गंभीरता से लिया है और मंदिर में बच्चों से जुड़ा रिकॉर्ड तलब किया गया है.
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सूचना के अनुसार मंदिर में एक छोटा बच्चा अभी मौजूद है जिसे दान किया गया था. आयोग बच्चे को रेस्क्यू करवाएगा और ऐसा करने वाले अभिभावकों के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. बच्चों की जिंदगी के साथ ऐसे खिलवाड़ नहीं किया जा सकता आयोग इस मामले में गंभीर है.
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