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गेंहू की उन्नत किस्म WH 1270 बीज की डिमांड बढ़ी, हिसार कृषि विश्विद्यालय ने उत्पादन बढ़ाने के लिए 9 कंपनियों से किया समझौता

हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश राज्यों में गेहूं की खेती प्रमुख तौर पर की जाती है. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित गेंहूं की उन्नत किस्म डब्लयूएच 1270 (Wheat WH 1270 Demand Increased) की पैदावार और रोग प्रतिरोधक क्षमता को देखते हुए इसकी मांग अन्य राज्यों में भी लगातार बढ़ती जा रही है. इसी को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन ने ऐसा इंतजाम किया है कि डब्ल्यूएच 1270 की उन्नत किस्म का अब हरियाणा ही नहीं बल्कि देश के अन्य प्रदेशों के किसानों को भी लाभ मिल सकेगा.

चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय
चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय
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Published : Nov 7, 2022, 3:50 PM IST

Updated : Nov 7, 2022, 4:01 PM IST

हिसार: डब्ल्यूएच 1270 की बढ़ी मांग को देखते हुए अगले सीजन में भरपूर मात्रा में बीज उपलब्ध करवाने के लिए चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (Charan Singh Agricultural University Hisar) ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत तकनीकी व्यवसायीकरण को बढ़ावा देते हुए निजी क्षेत्र की प्रमुख बीज कंपनियों से समझौता किया है. पीपीपी मॉडल पर इस बीच का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन करके अधिकतम किसानों को उपलब्ध कराया जा सकेगा.

गौरतलब है कि हरियाणा प्रदेश क्षेत्रफल की दृष्टि से अन्य प्रदेशों की तुलना में बहुत ही छोटा है जबकि देश के केंद्रीय खाद्यान भण्डारण में प्रदेश का कुल भण्डारण का लगभग 16 प्रतिशत है और फसल उत्पादन में हरियाणा अग्रणी प्रदेशों में आता है. चरण सिंह विश्वविद्यालय हिसार (Charan Singh University Hisar) के कुलपति प्रो. बी.आर. कम्बोज ने कंपनियों से समझौते के दौरान कहा कि यह वैज्ञानिकों की मेहनत का ही परिणाम है कि प्रदेश का नाम प्रमुख गेहूं उत्पादकों में है.

ये भी पढ़ें- बंपर पैदावार देने वाली गेहूं की तीन नई किस्मों की खोज, प्रोटीन भरपूर, नहीं लगेगी बीमारी

इन राज्यों के लिए है डब्ल्यू एच 1270- गेंहू की किस्म डब्ल्यूएच 1270 (Wheat WH 1270 Demand Increased) कई सालों की मेहनत के बाद हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा देश के कई राज्यों के वातावरण के अनुसार इजाद की गई है. विश्वविद्यालय के अनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग के गेहूं अनुभाग द्वारा विकसित गेहूं की किस्म डब्ल्यूएच 1270 को भारत के उत्तर पश्चिमी मैदानी भाग के सिंचित क्षेत्र में अगेती बिजाई वाली खेती के लिए अधिसूचित किया गया है. इसमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड के कुछ हिस्सों को शामिल किया गया है.

करनाल गेहूं संस्थान के उन्नत बीज.
करनाल गेहूं संस्थान द्वारा तैयार उन्नत बीज.

9 कंपनियों के साथ समझौता- विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किस्म डब्ल्यू एच 1270 के बीज उत्पादन एवं विपणन हेतु उत्तम सीड्स (हिसार), मॉडल एग्रीटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (करनाल), कुरूक्षेत्र एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड (इंद्री), शिव गंगा हाइब्रिड सीड्स प्राइवेट लिमिटेड (हिसार), हरियाणा सीड कंपनी (करनाल), क्वालिटी हाइब्रिड सीड्स कंपनी (हिसार), काश्तकार सीड्स विदीशा (मध्यप्रदेश), उन्नत बीज कंपनी (सिरसा) तथा शक्तिवर्धक हाइब्रिड सीड्स प्राइवेट लिमिटेड (हिसार) कम्पनियों से समझौता हुआ है.

गेंहू की किस्म डब्ल्यूएच 1270 की मांग बढ़ी
करनाल गेहूं संस्थान द्वारा तैयार उन्नत बीज.

डब्लयू एच 1270 की विशेषताएं- इस किस्म में विश्वविद्यालय द्वारा की गई सिफारिशों के अनुसार बिजाई करके उचित खाद, उर्वरक और पानी दिया जाए तो इसकी औसतन पैदावार 75.8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो सकती है और अधिकतम पैदावार 91.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक ली जा सकती है. इस किस्म की खास बात यह है कि यह गेहूं की मुख्य बीमारियां पीला रत्तवा व भूरा रत्तवा के प्रति रोगरोधी हैं.

ये भी पढ़ें- गेहूं की 22 नई किस्में तैयार, जिंक आयरन से होंगी भरपूर और उत्पादन भी ज्यादा, जानिए किसानों को कब मिलेंगी

हिसार: डब्ल्यूएच 1270 की बढ़ी मांग को देखते हुए अगले सीजन में भरपूर मात्रा में बीज उपलब्ध करवाने के लिए चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (Charan Singh Agricultural University Hisar) ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत तकनीकी व्यवसायीकरण को बढ़ावा देते हुए निजी क्षेत्र की प्रमुख बीज कंपनियों से समझौता किया है. पीपीपी मॉडल पर इस बीच का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन करके अधिकतम किसानों को उपलब्ध कराया जा सकेगा.

गौरतलब है कि हरियाणा प्रदेश क्षेत्रफल की दृष्टि से अन्य प्रदेशों की तुलना में बहुत ही छोटा है जबकि देश के केंद्रीय खाद्यान भण्डारण में प्रदेश का कुल भण्डारण का लगभग 16 प्रतिशत है और फसल उत्पादन में हरियाणा अग्रणी प्रदेशों में आता है. चरण सिंह विश्वविद्यालय हिसार (Charan Singh University Hisar) के कुलपति प्रो. बी.आर. कम्बोज ने कंपनियों से समझौते के दौरान कहा कि यह वैज्ञानिकों की मेहनत का ही परिणाम है कि प्रदेश का नाम प्रमुख गेहूं उत्पादकों में है.

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इन राज्यों के लिए है डब्ल्यू एच 1270- गेंहू की किस्म डब्ल्यूएच 1270 (Wheat WH 1270 Demand Increased) कई सालों की मेहनत के बाद हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा देश के कई राज्यों के वातावरण के अनुसार इजाद की गई है. विश्वविद्यालय के अनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग के गेहूं अनुभाग द्वारा विकसित गेहूं की किस्म डब्ल्यूएच 1270 को भारत के उत्तर पश्चिमी मैदानी भाग के सिंचित क्षेत्र में अगेती बिजाई वाली खेती के लिए अधिसूचित किया गया है. इसमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड के कुछ हिस्सों को शामिल किया गया है.

करनाल गेहूं संस्थान के उन्नत बीज.
करनाल गेहूं संस्थान द्वारा तैयार उन्नत बीज.

9 कंपनियों के साथ समझौता- विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किस्म डब्ल्यू एच 1270 के बीज उत्पादन एवं विपणन हेतु उत्तम सीड्स (हिसार), मॉडल एग्रीटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (करनाल), कुरूक्षेत्र एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड (इंद्री), शिव गंगा हाइब्रिड सीड्स प्राइवेट लिमिटेड (हिसार), हरियाणा सीड कंपनी (करनाल), क्वालिटी हाइब्रिड सीड्स कंपनी (हिसार), काश्तकार सीड्स विदीशा (मध्यप्रदेश), उन्नत बीज कंपनी (सिरसा) तथा शक्तिवर्धक हाइब्रिड सीड्स प्राइवेट लिमिटेड (हिसार) कम्पनियों से समझौता हुआ है.

गेंहू की किस्म डब्ल्यूएच 1270 की मांग बढ़ी
करनाल गेहूं संस्थान द्वारा तैयार उन्नत बीज.

डब्लयू एच 1270 की विशेषताएं- इस किस्म में विश्वविद्यालय द्वारा की गई सिफारिशों के अनुसार बिजाई करके उचित खाद, उर्वरक और पानी दिया जाए तो इसकी औसतन पैदावार 75.8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो सकती है और अधिकतम पैदावार 91.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक ली जा सकती है. इस किस्म की खास बात यह है कि यह गेहूं की मुख्य बीमारियां पीला रत्तवा व भूरा रत्तवा के प्रति रोगरोधी हैं.

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Last Updated : Nov 7, 2022, 4:01 PM IST
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