हिसार: बीजेपी नेता और जिला कष्ट निवारण समिति हिसार के सदस्य राजेश ठकराल ने प्रेस वार्ता कर प्रशासनिक अधिकारियों पर हांसी में करोड़ों की धांधली करने के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मिलकर हांसी के मेम के बाग को भू माफिया अधिकारियों की देखरेख में निगल गए और कोई कुछ नहीं कर सका.
ठकराल ने कहा कि जमीन पर अवैध निर्माण तोड़ने के लिए पीला पंजा भी चलाने के निर्देश दे दिए गए हैं, लेकिन अधिकारी कोई ना कोई नया बहाना बनाकर अवैध निर्माण को नहीं तोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सालों में हुए इस जमीन प्रकरण में भू माफिया और ओ अधिकारी सरकार को करोड़ों रुपयों का चूना लगा चुके हैं.
जानिए क्या है मामला ?
राजेश ठकराल की मानें तो हांसी में सिविल अस्पताल के सामने मुख्य मार्ग पर ऐतिहासिक मेम के बाग को उसके मालिकों ने कुछ लोगों को बेच दिया. दिसंबर 2020 में इस जमीन पर बने स्कीनर हॉर्स रेजिमेंट की आखिरी निशानी यानी की मुख्य द्वार को भी तोड़ दिया गया. जमीन खरीदने वालों ने हांसी के बहुत से लोगों को इस जमीन में प्लॉट देने के नाम पर हिस्सेदारी बेच दी. जमीन में काटे गए प्लॉटों का नक्शा भी मार्केट में आ गया. जमीन की रजिस्ट्रियां भी होने लगी.
इसके बाद जब विवाद बढ़ा तो नगर योजनाकार विभाग ने कॉलोनाइजर को नोटिस दिया. प्लॉट काटने के काम को अवैध बताया गया और जनवरी 2020 में पीला पंजा चलवाकर जनता को संदेश दे दिया कि यहां प्लॉट काटकर बेचना गैर कानूनी है, लेकिन कुछ दिन तक सब शांत रहा और फिर यहां निर्माण कार्य शुरू हो गया.
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एक बार फिर जब समाजिक कार्यकर्ताओं ने आवाज उठाई तो जमीन को लेकर दी गई एनओसी रद्द कर दी गई और कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ जुलाई के पहले सप्ताह में एफआईआर दर्ज करने के आदेश भी दे दिए गए. जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी है उनमें हांसी विधायक की पत्नी और उनके कई पास और दूर के रिश्तेदार भी शामिल हैं, लेकिन आज तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है.