हिसार: इंडियन आर्मी अपनी शक्ति और युद्ध की क्षमताओं को लगातार बढ़ाने की दिशा में काम रही है. इसी कड़ी में सप्त शक्ति कमान ने 25 सितम्बर 2019 को हरियाणा के हिसार जिले के सैन्य स्टेशन में एक अर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स संगोष्ठी आयोजित किया.
इस कार्यक्रम का लक्ष्य अर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स के क्षेत्र में हुए विद्यटनकारी प्राद्यौगिकी के बारे में चर्चा और अध्ययन करना था. जिससे मानव रहित टैंक, हवाई यान और अधिक से अधिक क्षमताओं वाले रोबोटिक हथियारों से लैस भारतीय सेना में होगा.
इसके प्रयोग से सेना अपने ऑपरेशन को बेहतर तरीके से कर सकेगी. साथ ही रक्षा सहित सभी क्षेत्रों में नए युग प्रोद्योगिकी के लिए एक निर्माण खंड के रुप में अपने महत्व को मजबूत करेगी.
अर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स के संचालन और तार्किक क्षेत्रों की एप्लिकेशन में अन्तहीन अवसर है. अर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स की सहायता से डेटा विश्लेषण, समस्याओं कें मॉडलिंग और अनुकरण में समय सीमा को काफी कम कर देगा, साथ ही माइक्रो और मैक्रो स्तर पर तार निर्मित समाधान विकसित करेंगे, रोबोट और मार्गदर्शक की निगरानी और लूप में ऑपरेटर से सहायता की जाएगी.
उन्नति पर चर्चा करना था उदेश्य
सटीक ऑपरेशन के साथ इस आयोजन में भारतीय सेना के नीति निर्माताओं टेक्नोक्रैटस, प्रमुख विशेषज्ञों को एक समाजिक मंच पर लाया गया. इस आयोजन का उदेश्य अर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स के क्षेत्र में हुई उन्नति पर चर्चा और अध्ययन करना था. जो एक उभरती विध्वंसक प्राद्योगिकी है, जो विश्व भर के सिविल और सैन्य क्षेत्रों को प्रभावित करती है. इस आयोजन से नीति निर्माताओं, टेक्नोक्रेट के प्रमुख टैंकों को एक साथ मिलाने में मदद मिलेगी.
स्टार्ट अप की जानकारी दी गई
भारतीय सेना को विभिन्न प्रदर्शनों के साथ इनके स्टार्ट अप की जानकारी दी गई. साथ ही इस मिलाप की वजह से उपयोगकर्ता और औद्योगिक वालों को अपने साजो समान की जानकारी मिली और उसको आसान तरीके से प्रयोग करना सिखाया गया.
अर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स तकनीकी डिफेन्स के लिए नए तकनीक इस्तेमाल करने के लिए एक प्लेटफॉर्म तैयार करता है. अर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स का उदेश्य सेना के इंडस्ट्रीज के साथ अकादमी के सेवारत और सेवानिवृत अधिकारी को इससे जुड़े विषयों में दक्षता हासिल कराना और उन्हें काबिल बनाना है.
ये भी पढ़े- 370 का असर: देश सेवा के लिए बेचैन कश्मीर की बेटियां, सैन्य पुलिस भर्ती के लिए पहुंची अंबाला