हिसार: वर्तमान समय में रोजगार को लेकर हर जगह मारामारी है, लेकिन हरियाणा में ऐसे अनेकों उदाहरण हैं. जहां लोग नए स्टार्ट अप से रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं. इसके जरिये वह खुद तो अच्छा खासा कमा ही रहे हैं. साथ ही अनेकों को रोजगार भी दे रहे हैं. हिसार के रहने वाले अनुराग शर्मा का उदाहरण भी कुछ इसी तरह (start up in Hisar) का है. अनुराग शर्मा ने 2012 में चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के एबिक सेंटर से फूड प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग (food processing training in Hisar) ली और खुद बिस्किट, आचार, पापड़, जैम आदि बनाने का काम शुरू किया.
अनुराग की लगन और मेहनत देखकर कृषि विश्वविद्यालय ने अपने कई प्रोडेक्ट बनाने का लाइसेंस अनुराग के साथ शेयर किया और देखते ही देखते अनुराग ने करीब 200 से ज्यादा महिलाओं की बड़ी टीम बनाकर कंपनी खड़ी कर (women employment in Hisar) ली. आज अनुराग खुद तो अच्छा खासा कमा रहे हैं, साथ ही इन महिलाओं को उनके घर में ही बढ़िया रोजगार दे रहे हैं. अनुराग ने बताया कि शुरू में जब वह बिस्किट, आचार, पापड़ इस तरह के प्रोडेक्ट बनाने लगे तब उन्होंने सारी मैन्युफैक्चरिंग महिलाओं से ही करवाने की ठानी.
अनुराग की सोच के पीछे का कारण महिलाओं को रोजगार देना और स्वादिष्ट चीजें बनाना था. जिसके बाद अनुराग ने इससे संबंधित कंपनी स्थापित की और कुछ ग्रामीण महिलाओं को मैन पावर के लिए जोड़ा. अब ये 200 से ज्यादा महिलाएं सकुशल रूप से 9 तरह के बिस्किट, लड्डू, आचार, पंजीरी व अन्य उत्पाद बनाकर सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिए मार्केट में बेच रही हैं. सरकारी विभाग भी इन्हें निशुल्क स्टॉल व मार्केटिंग के लिए उपलब्ध करवाते हैं. लघु सचिवालय में भी हुनर बूथ के जरिए ये महिलाएं अपने उत्पाद बेच रही हैं. आज करीब दो गांव से 200 से ज्यादा महिलाएं अनुराग के स्टार्टअप के साथ काम कर रही हैं और अपना परिवार चला रही हैं.
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अनुराग ने बताया कि महिलाओं को गांव से बाहर आने-जाने में दिक्कत ना हो, इसलिए गांव में ही प्लांट लगाया है और महिलाओं के काम के हिसाब से वहां शिफ्ट तय की गई है. जो महिला चाहे जिस समय आकर वहां काम कर सकती है. किसी महिला के लिए समय की कोई पाबंदी नहीं है. जैसे ही उन्हें घर के काम से फुर्सत मिलती है, वह काम कर सकती हैं. जिससे उनके परिवारिक जीवन पर भी प्रभाव नहीं पड़ता. साथ ही परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में भी सहायता मिल जाती है.
अनुराग की कंपनी में काम कर रही महिला रुकमा व सुनीता ने बताया कि यहां काम करने के लिए हमें समय की कोई पाबंदी नहीं है और हमें आसानी से घर बैठे रोजगार मिल रहा है. महिला वर्कर हरियाणवी व्यंजन जैसे सुहाली मट्टी, पंजीरी, अनेकों तरह के बिस्किट आदि बनाती हैं. महिलाओं ने बताया कि यहां काम करने के साथ-साथ वो घर-परिवार भी सही तरीके से चला रहे हैं. गौरतलब है कि अनुराग शर्मा लगातार इन महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं और इसी को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा अब खाने में फूड प्रोसेसिंग से संबंधित कार्य इन्हीं के जरिए करवाए जाते हैं. इसके पीछे उद्देश्य है कि वह ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को रोजगार दे पाएं. अनुराग शर्मा का कहना है कि वह लगातार इस ओर प्रयासरत हैं कि वह अन्य बड़े संस्थानों से बातचीत करके अपने इस कार्य को बढ़ाएं ताकि हजारों महिलाओं को रोजगार मिल सकें.
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