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हरियाणा में स्कूल बंद होने का विरोध, आदेश वापस नहीं लेने पर प्राइवेट स्कूलों ने दी ये चेतावनी - हरियाणा निजी स्कूल सरकार फैसला

सरकार ने करोना संक्रमण के चलते पहली से आठवीं तक के स्कूल 30 अप्रैल तक बंद करने का फैसला किया है. ऐसे में सरकार के फैसले के खिलाफ ऑल प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है.

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हरियाणा में स्कूल बंद होने का विरोध
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Published : Apr 11, 2021, 5:15 PM IST

हिसार: कोरोना को देखते हुए हरियाणा सरकार ने 30 अप्रैल तक आठवीं तक के स्कूल बंद रखने के आदेश दिए हैं. सरकार के इस आदेश के खिलाफ प्राइवेट स्कूल संगठन एक मंच पर आ गए हैं. हिसार के सभी प्राइवेट स्कूल संगठनों ने एक स्वर में सरकार के इस फैसले के खिलाफ असहमति जताते हुए विरोध के तौर पर सोमवार को स्कूल बसों की चाबी जिला स्तर पर डीसी और खंड स्तर पर एसडीएम को सौंपने का निर्णय लिया है.

ऑल प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने आरोप लगाया कि सरकार कोरोना की आड़ में जानबूझ कर स्कूलों को निशाना बना रही है, जबकि वर्तमान में रैलियां, बाजार, मॉल, यातायात सहित सभी सार्वजनिक स्थल खुले हैं. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से स्कूल बंद होने से न सिर्फ स्कूलों की आर्थिक व्यवस्था चरमराई है, साथ ही बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. अभिभावक भी खुद अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं.

हरियाणा में स्कूल बंद होने का विरोध

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कोरोना केवल स्कूलों में ही फैलता है? उन्होंने कहा कि कक्षा चार से ऊपर का कोई भी बच्चा घर पर रुकने वाला नहीं है. बच्चे बिना मास्क के सब जगह जाएंगे, जबकि स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन किया जा रहा है. शहर और गांव के क्षेत्रों में अलग अलग परिस्थितियां हैं, इसलिए सरकार को पंचकूला, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे बड़े शहरों को अन्य जिलों से अलग रखकर इस तरह के निर्णय लेना चाहिए.

ये भी पढ़िए: सरकार के खिलाफ निजी स्कूल संचालकों ने खोला मोर्चा, सोमवार को करेंगे भूख हड़ताल

सत्यवान कुंडू ने कहा कि अगर सरकार ने अपने आदेश वापस नहीं लिए तो जिले के सभी स्कूल सोमवार को जिला एवं तहसील मुख्यालय पर अपनी बसें ले जाकर डीसी और एसडीएम को बसों की चाबी सौंपेंगे. उनके साथ स्कूल स्टाफ भी जाएगा. अगर फिर भी सरकार नहीं मानती है तो आने वाले दिनों में स्कूलों पर ताले लगाकर उनकी चाबियां भी सरकार को दे दी जाएगी और स्कूल संचालक अपने स्टाफ के साथ धरने पर बैठने पर मजबूर हो जाएंगे.

हिसार: कोरोना को देखते हुए हरियाणा सरकार ने 30 अप्रैल तक आठवीं तक के स्कूल बंद रखने के आदेश दिए हैं. सरकार के इस आदेश के खिलाफ प्राइवेट स्कूल संगठन एक मंच पर आ गए हैं. हिसार के सभी प्राइवेट स्कूल संगठनों ने एक स्वर में सरकार के इस फैसले के खिलाफ असहमति जताते हुए विरोध के तौर पर सोमवार को स्कूल बसों की चाबी जिला स्तर पर डीसी और खंड स्तर पर एसडीएम को सौंपने का निर्णय लिया है.

ऑल प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने आरोप लगाया कि सरकार कोरोना की आड़ में जानबूझ कर स्कूलों को निशाना बना रही है, जबकि वर्तमान में रैलियां, बाजार, मॉल, यातायात सहित सभी सार्वजनिक स्थल खुले हैं. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से स्कूल बंद होने से न सिर्फ स्कूलों की आर्थिक व्यवस्था चरमराई है, साथ ही बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. अभिभावक भी खुद अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं.

हरियाणा में स्कूल बंद होने का विरोध

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कोरोना केवल स्कूलों में ही फैलता है? उन्होंने कहा कि कक्षा चार से ऊपर का कोई भी बच्चा घर पर रुकने वाला नहीं है. बच्चे बिना मास्क के सब जगह जाएंगे, जबकि स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन किया जा रहा है. शहर और गांव के क्षेत्रों में अलग अलग परिस्थितियां हैं, इसलिए सरकार को पंचकूला, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे बड़े शहरों को अन्य जिलों से अलग रखकर इस तरह के निर्णय लेना चाहिए.

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सत्यवान कुंडू ने कहा कि अगर सरकार ने अपने आदेश वापस नहीं लिए तो जिले के सभी स्कूल सोमवार को जिला एवं तहसील मुख्यालय पर अपनी बसें ले जाकर डीसी और एसडीएम को बसों की चाबी सौंपेंगे. उनके साथ स्कूल स्टाफ भी जाएगा. अगर फिर भी सरकार नहीं मानती है तो आने वाले दिनों में स्कूलों पर ताले लगाकर उनकी चाबियां भी सरकार को दे दी जाएगी और स्कूल संचालक अपने स्टाफ के साथ धरने पर बैठने पर मजबूर हो जाएंगे.

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