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हिसार: दो साल की रिसर्च के बाद लुवास के वैज्ञानिकों ने तैयार किया पोषण से भरा सोया मिल्क - हिसार लुवास वैज्ञानिक रिसर्च सोया मिल्क

हिसार स्थित लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने लंबे रिसर्च के बाद दूध के अल्टरनेट के तौर पर उससे भी स्वादिष्ट सोया मिल्क तैयार किया है जो कई तरह के फ्लेवर में उपलब्ध होगा और इसमें फैट ना मात्र होगा.

after two years of research scientists of luvas prepared soya milk
हिसार: दो साल की रिसर्च के बाद लुवास के वैज्ञानिकों ने तैयार किया पोषण से भरा सोया मिल्क
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Published : Oct 24, 2020, 8:39 PM IST

हिसार: जिले में स्थित लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय ने एक कामयाबी हासिल की है. ये उन लोगों के लिए खुशखबरी है जो दूध की डेरी से बनाए गए खोया मिल्क को पीने से हिच किचाते हैं. लुवास के पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी के वैज्ञानिकों ने लंबे रिसर्च के बाद दूध के अल्टरनेट के तौर पर उससे भी स्वादिष्ट सोया मिल्क तैयार किया है. असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.नेहा ठाकुर ने बताया कि कई लोगों को एनिमल मिल्क से एलर्जी होती है इसलिए हमने ये सोया मिल्क बनाया है जो पोष्टिक तो होगा ही और इसे पीने से लोगों का कॉलेस्ट्रोल भी नहीं बढ़ेगा क्यों कि इस सोया मिल्क में फैट ना मात्र है.

दो साल की रिसर्च के बाद लुवास ने तैयार किया सोया मिल्क

डॉ.नेहा ठाकुर ने बताया कि करीब 2 साल की रिसर्च के बाद हमारे द्वारा यह दूध तैयार किया गया है. हमने कई तरह के फ्लेवर को इस्तेमाल कर इसे तैयार किया है. रिसर्च में पाया गया है कि सोया मिल्क खोया मिल्क की अपेक्षा जहां लो फैट है तो वहीं दूध का भी अल्टरनेटिव है. सोया मिल्क लोगों को पसंद आए इसके लिए लुवास के वैज्ञानिकों ने इसमें लोगों के मन पसंद फ्लेवर डालकर उसे तैयार किया है. सोया मिल्क से अब विश्वविद्यालय ने श्रीखंड और सोया दही भी बनाई है.

हिसार: दो साल की रिसर्च के बाद लुवास के वैज्ञानिकों ने तैयार किया पोषण से भरा सोया मिल्क

लुवास के वैज्ञानिकों ने सोया से तैयार किए अनेकों प्रोडक्ट

असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.नेहा ठाकुर ने बताया कि सोया मिल्क से उनकी टीम ने श्रीखंड बनाया है, जो गाय के दूध से बनने वाले श्रीखंड से बहतर है जिसको हम 10 दिनों तक स्टोरे करके रख सकते हैं. दूसरा हमारे द्वारा सोया पनीर और दही भी बनाई जा रही है और हमारे यहां कई सोया से कई और प्रोडक्ट बनाने की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने बताया कि इसमें कार्बो हाइड्रेट कम पाया जाता है. सोया मिल्क की तरह ही काजू, राइस, कोकोनट और बादाम मिल्क भी तैयार किया जा सकता है. डॉ. नेहा ठाकुर का कहना है कि लोग भी सोया मिल्क को काफी पसंद करते हैं. लुवास के वैज्ञानिक ने लोगों को सोया मिल्क तैयार करने के बारे में जानकारी दे रहे हैं .

उन्होंने बताया कि सोया मिल्क से अब विश्वविद्यालय ने श्रीखंड बनाया है. जो गाय के दूध से बनने वाले श्रीखंड से अच्छा है। जिसको हम 10 दिनों तक स्टोरेज कर बहुत अच्छे से रख सकते हैं। दूसरा हमारे द्वारा सोया पनीर भी बनाया जा रहा है। और सोया दही भी है। और हमारे यहां कई सोया के प्रोडक्ट बनाने परिसर चल रही है.

कैसे बनाए सोया मिल्क

सोयाबीन को मिक्स करके उसके छिलके उतारकर उसको ग्राइंडर यानी पीस ले, उसके बाद उसमें उतना ही पानी मिला दे. पानी मिलाने के बाद उसको साफ कपड़े से छान लें. जो निकल रहा है. वो हमारा कच्चा दूध है. इसको अब 75 से 80 डिग्री पर गर्म कर ले. उसके बाद ये दूध हम 1 सप्ताह तक यूज कर सकते हैं.

ये भी पढ़िए: यमुनानगर: कोरोना के चलते इस बार नहीं होगा रावण दहन

हिसार: जिले में स्थित लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय ने एक कामयाबी हासिल की है. ये उन लोगों के लिए खुशखबरी है जो दूध की डेरी से बनाए गए खोया मिल्क को पीने से हिच किचाते हैं. लुवास के पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी के वैज्ञानिकों ने लंबे रिसर्च के बाद दूध के अल्टरनेट के तौर पर उससे भी स्वादिष्ट सोया मिल्क तैयार किया है. असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.नेहा ठाकुर ने बताया कि कई लोगों को एनिमल मिल्क से एलर्जी होती है इसलिए हमने ये सोया मिल्क बनाया है जो पोष्टिक तो होगा ही और इसे पीने से लोगों का कॉलेस्ट्रोल भी नहीं बढ़ेगा क्यों कि इस सोया मिल्क में फैट ना मात्र है.

दो साल की रिसर्च के बाद लुवास ने तैयार किया सोया मिल्क

डॉ.नेहा ठाकुर ने बताया कि करीब 2 साल की रिसर्च के बाद हमारे द्वारा यह दूध तैयार किया गया है. हमने कई तरह के फ्लेवर को इस्तेमाल कर इसे तैयार किया है. रिसर्च में पाया गया है कि सोया मिल्क खोया मिल्क की अपेक्षा जहां लो फैट है तो वहीं दूध का भी अल्टरनेटिव है. सोया मिल्क लोगों को पसंद आए इसके लिए लुवास के वैज्ञानिकों ने इसमें लोगों के मन पसंद फ्लेवर डालकर उसे तैयार किया है. सोया मिल्क से अब विश्वविद्यालय ने श्रीखंड और सोया दही भी बनाई है.

हिसार: दो साल की रिसर्च के बाद लुवास के वैज्ञानिकों ने तैयार किया पोषण से भरा सोया मिल्क

लुवास के वैज्ञानिकों ने सोया से तैयार किए अनेकों प्रोडक्ट

असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.नेहा ठाकुर ने बताया कि सोया मिल्क से उनकी टीम ने श्रीखंड बनाया है, जो गाय के दूध से बनने वाले श्रीखंड से बहतर है जिसको हम 10 दिनों तक स्टोरे करके रख सकते हैं. दूसरा हमारे द्वारा सोया पनीर और दही भी बनाई जा रही है और हमारे यहां कई सोया से कई और प्रोडक्ट बनाने की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने बताया कि इसमें कार्बो हाइड्रेट कम पाया जाता है. सोया मिल्क की तरह ही काजू, राइस, कोकोनट और बादाम मिल्क भी तैयार किया जा सकता है. डॉ. नेहा ठाकुर का कहना है कि लोग भी सोया मिल्क को काफी पसंद करते हैं. लुवास के वैज्ञानिक ने लोगों को सोया मिल्क तैयार करने के बारे में जानकारी दे रहे हैं .

उन्होंने बताया कि सोया मिल्क से अब विश्वविद्यालय ने श्रीखंड बनाया है. जो गाय के दूध से बनने वाले श्रीखंड से अच्छा है। जिसको हम 10 दिनों तक स्टोरेज कर बहुत अच्छे से रख सकते हैं। दूसरा हमारे द्वारा सोया पनीर भी बनाया जा रहा है। और सोया दही भी है। और हमारे यहां कई सोया के प्रोडक्ट बनाने परिसर चल रही है.

कैसे बनाए सोया मिल्क

सोयाबीन को मिक्स करके उसके छिलके उतारकर उसको ग्राइंडर यानी पीस ले, उसके बाद उसमें उतना ही पानी मिला दे. पानी मिलाने के बाद उसको साफ कपड़े से छान लें. जो निकल रहा है. वो हमारा कच्चा दूध है. इसको अब 75 से 80 डिग्री पर गर्म कर ले. उसके बाद ये दूध हम 1 सप्ताह तक यूज कर सकते हैं.

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